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Friday, November 22, 2024

पाकिस्तान में कमर तोड़ महंगाई, अंडे की कीमत 30 रुपये रुपये तो अदरक हुई 1000 रुपये किलो

नई दिल्‍ली, भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान में आजकल महंगाई से हाहाकार मचा हुआ है, पाकिस्तान में मंहगाई ने गरीब जनता के सामने खाने का संकट खड़ा कर दिया है। पाकिस्तान की 25 प्रतिशत से अधिक आबादी गरीबी रेखा के नीचे है। सब्जी और अंडे की कीमत आसमान छू रही है। पाकिस्तान में एक अंडे की कीमत 30 रुपये हो गई है. वहीं, एक किलो अदरक 1,000 रुपये में बिक रही है. इसके अलावा गेहूं के दाम 6,000 रुपये क्विंटल हो गए हैं. चीनी 100 रुपये प्रति किलोग्राम के पार जाकर आम लोगों की पहुंच से दूर होती जा रही है. इन सब के बीच पाकिस्तान में रसोई में काम आने वाली गैस की आपूर्ति घर-घर में पाइप के जरिए होती है. सर्दी के मौसम में देश में गैस की मांग बढ़ जाती है अब पाकिस्‍तान के लोगों को रसोई गैस  किल्लत का सामना भी करना पड़ सकता है।
पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक, देश के अधिकतर हिस्सों में ठंड के दौरान अंडों की मांग बढ़ जाती है। ऐसे में इस बार अंडे के दाम 350 रुपये प्रति दर्जन यानी एक अंडे की कीमत करीब 30 रुपये तक पहुंच गई है। ऐसे में फुटकर में अंडे खरीदने वाली पाकिस्तान की गरीब जनता के सामने नया संकट खड़ा हो गया है। ये आबादी अपने खाने में बड़े पैमाने पर अंडों का इस्तेमाल करती है। द डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, महंगाई के कारण शहरी इलाकों में रहने वाले परिवार एक दर्जन के बजाए 2 से 6 अंडे खरीदकर ही काम चला रहे हैं। तो वहीं ज्यादातर लोग इतना महंगा अंडा खरीदने में असमर्थ हो गए हैं।                                                                                                                               अंडे ही नहीं पाकिस्तान में रोटी भी लोगों से दूर होती जा रही है। पाकिस्तान में 60 रुपए किलो गेंहू मिल रहा है। इससे पहले भी पड़ोसी देश में गेंहू के दाम आसमान पर पहुंच गए थे। लोगों को रोटी भी गिन-गिनकर खाने को मजबूर होना पड़ रहा है। दरअसल, पाकिस्तान में 40 किलो गेहूं का कट्टा 2,400 रुपये में बिक रहा है यानी 60 रुपये किलो के भाव पर मिल रहा है. दिसंबर 2019 में जब पाकिस्‍तान में गेहूं की कीमत 2,000 रुपये प्रति 40 किलो पर पहुंच गई थी तो हालात खराब बताए जा रहे थे। इस साल अक्टूबर में ही यह रिकॉर्ड टूट गया था. पाकिस्‍तान की इमरान खान सरकार आटे और चीनी के दाम काबू में रखने के लिए बैठकों पर बैठकें कर रहे हैं, लेकिन कुछ खास फायदा होता नजर नहीं आ रहा है। इसके साथ ही इमरान सरकार के महंगाई काबू में करने और खाद्य सुरक्षा मुहैया कराने की कोशिशों में नाकाम होने के संकेत मिलने लगे हैं।

 

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