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Friday, March 29, 2024

उत्तराखंड विजिलेंस ने इस प्रमोटी आईएएस अफसर को देर रात किया गिरफ्तार

देहरादून, आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के आरोपों का सामना कर रहे भारतीय प्रशासनिक सेवा के चर्चित पीसीएस से पदोन्नति पाकर आईएएस बने रामविलास यादव को बुधवार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया। इतना ही नहीं, निलंबन से कुछ ही देर बाद उन्हें गिरफ्तार भी कर लिया गया है। राम विलास यादव उत्तराखंड सरकार में समाज कल्याण विभाग में अपर सचिव पद पर तैनात थे। पीसीएस से पदोन्नति पाकर आईएएस बने रामविलास यादव को उत्तराखंड विजिलेंस ने आखिरकार गिरफ्तार कर ही लिया। यूपी में पोस्टिंग के दौरान समाजवादी पार्टी की सरकार में इस अफसर की तूती बोलती थी। सियासी आकाओं की दम पर जमकर कमाई की। भाजपा सरकार बनी तो कारनामों पर यूपी ने उत्तराखंड को 2019 में शिकायतों की जांच को कहा। विजिलेंस डायरेक्टर अमित सिन्हा ने बताया कि दोपहर विजिलेंस ऑफिस पहुंचे थे। यहां पर राम विलास से पूछताछ की गई। पूछताछ के बाद उन्हें हिरासत में ले लिया गया। आईएएस रामबिलास यादव की गिरफ्तारी के बाद भ्रष्टाचार से जुड़े अफसरों में हड़कंप मचा है।

उत्तराखंड में भ्रष्टाचार को लेकर सख्त धामी सरकार ने भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे आईएएस अधिकारी राम बिलास यादव पर की गई यह बड़ी कार्रवाई भ्र्ष्ट अधिकारीयों को चेतावनी मानी जा रही है। विजिलेंस की जांच से गुजर रहे आईएएस अफसर यादव को सरकार ने तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया था और निलंबन के बाद देर रात उन्हें गिरफ्तार भी कर लिया गया है। उत्तराखंड सरकार के कार्मिक एवं सतर्कता विभाग द्वारा यहां जारी एक आदेश में कहा गया है कि यादव के विरूद्ध यहां सतर्कता विभाग द्वारा दर्ज आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले की जांच में उनके अपेक्षित सहयोग न करने तथा अखिल भारतीय सेवाओं की आचरण नियमावली के संगत प्रावधानों का उल्लंघन करने के लिए अनुशासनिक कार्यवाही प्रस्तावित है। सूत्रों का कहना कि यादव जैसे कुछ और अफसरों पर भी सरकार जल्द कार्रवाई कर सकती है। इसके लिए भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे अफसरों की कुंडली खंगाली जा रही है।

आदेश के अनुसार, ये आरोप इतने गंभीर है कि उनके सिद्ध होने की दशा में अधिकारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सकती है। फिलहाल आईएएस को तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए उनके विरूद्ध अनुशासनिक कार्रवाई प्रारंभ करने की राज्यपाल ने स्वीकृति प्रदान कर दी है। निलंबन की अवधि में यादव प्रदेश के कार्मिक एवं सतर्कता विभाग के सचिव के कार्यालय से संबद्ध रहेंगे। राम विलास यादव पहले उत्तर प्रदेश के लखनऊ विकास प्राधिकरण के सचिव रह चुके हैं। लखनऊ के ही एक व्यक्ति ने उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति रखने की शिकायत दर्ज कराई थी जिसके आधार पर उत्तराखंड के सतर्कता विभाग ने जांच शुरू की थी। सूत्रों के मुताबिक सतर्कता विभाग की टीम ने उनके देहरादून, लखनऊ, गाजीपुर समेत कई ठिकानों पर छापा मारा जहां उनके पास कथित रूप से आय से 500 गुना अधिक संपत्ति होने का पता चला। इस आधार पर उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था।

ज्ञात हो राज्य गठन के वक्त पीसीएस अधिकारी रामविलास यादव उत्तराखंड कैडर मिला था, लेकिन उस वक्त इस अफसर ने उत्तराखंड में ज्वाइन नहीं किया था। सपा नेताओं से नजदीकी रिश्तों के चलते अपनी जुगत भिड़ा कर ये उत्तरप्रदेश में ही जमे रहे। आईएएस कैडर में प्रमोशन मिलते ही राम विलास यादव उत्तराखंड आ गए और आईएएस बन गए। अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए राम विलास यादव ने उत्तराखंड हाई कोर्ट में अंतरिम जमानत की याचिका दायर की थी लेकिन उच्च न्यायालय ने उन्हें इससे कोई राहत न देते हुए उन्हें सतर्कता के समक्ष बयान दर्ज कराने का आदेश दिया था। अतः बुधवार को उन्हें तत्काल प्रभाव से गिरफ्तार कर लिया गया।

बताते चलें कि रामविलास यादव इस महीने 30 जून को सेवानिवृत्त हो जाएंगे। वह 2019 में यूपी से उत्तराखंड आए थे। यहां शासन ने नौ जनवरी 2019 को उनके खिलाफ विजिलेंस में खुली जांच के आदेश दिए थे। आईएएस अधिकारी के खिलाफ गुडंबा के गायत्रीपुरम निवासी आरटीआई एक्टिविस्ट हेमंत कुमार मिश्रा ने उत्तराखंड शासन से शिकायत की थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि एलडीए के सचिव व मंडी परिषद के अपर निदेशक के पद पर तैनाती के दौरान करोड़ों रुपये अवैध तरीके से जुटाए थे।

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