देहरादून 22 मई, देश में वैश्विक महामारी कोरोना से जूझ रहे लोगों में अब ब्लैक फंगस (म्यूकोरमाइकोसिस) का खौफ भी बढ़ता जा रहा है। केंद्र सरकार ने ब्लैक फंगस (म्यूकोरमाइकोसिस) के बढ़ते हुए दायरों को देखते हुए राज्यों से महामारी रोग अधिनियम 1897 के तहत इसे महामारी घोषित करने को कहा है। अब उत्तराखंड में भी सरकार ने कोविड-19 के संक्रमण के प्रभाव के कारण म्यूकोरमाइकोसिस (ब्लैक फंगस) के मरीजों की संख्या में निरंतर वृद्धि म्यूकोरमाइकोसिस का कोविड-19 के साइड इफेक्ट के रूप में सामने आने तथा म्यूकोरमाइकोसिस एवं कोविड-19 का एकीकृत एवं संबंधित रूप से उपचार किये लिए जाने के दृष्टिगत पूर्व में घोषित महामारी कोविड-19 के अंतर्गत म्यूकोरमाइकोसिस ब्लैक फंगस को संपूर्ण राज्य में महामारी घोषित किया है।उत्तर प्रदेश सरकार ने इसे महामारी घोषित कर दिया है। इससे पूर्व भी कई राज्य ब्लैक फंगस को महामारी घोषित कर चुके हैं।
महामारी कोरोना के बाद अब म्यूकोरमाइकोसिस (ब्लैक फंगस) ने भी लोगों को अपनी जकड़ में लेना शुरू कर दिया है। बीते कुछ दिन पहले उत्तर प्रदेश सरकार ने भी इससे सम्बंधित गाइडलाइन भी जारी कर दी थी। ब्लैक फंगस के संक्रमण के मामले में मौत की आशंका बहुत बढ़ जाती है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार जब कोई बीमारी लोगों के बीच एक-दूसरे को संक्रमित करती है, साथ ही उस बीमारी से होने वाली मौत, इंफेक्शन या उससे प्रभावित देशों की संख्या के आधार पर उसे महामारी घोषित कर दिया जाता है। महामारी घोषित करने का निर्णय डब्लूएचओ ही संक्रमण के प्रभाव को देख कर लेता है। राज्य में महामारी घोषित होने के बाद राज्य के सीमा क्षेत्र के भीतर सभी निजी व सरकारी अस्पतालों को भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिसर की गाइडलाइन (आईसीएमआर) के मुताबिक ही संक्रमण की जांच करनी होती है।
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