देहरादून 14 जून, उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा के नेतृत्व में मुख्य सचिव एसएस संधू एवं पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार से उनके कार्यालयों में मुलाकात कर राज्य की बिगडती कानून व्यवस्था पर चिंता प्रकट करते हुए कानून व्यवस्था में सुधार की मांग की।
राज्य के मुख्य सचिव एवं पुलिस महानिदेशक से मिले कांग्रेस के प्रतिनिधिमण्डल ने कहा कि उत्तरकाशी जनपद के पुरोला में घटे घटनाक्रम से हम सब चिन्तित हैं। हम हर अपराधी के खिलाफ हैं चाहे वह किसी भी जाति, वर्ग, धर्म से जुड़ा हुआ क्यों न हो। क्योंकि अपराध तो अपराध ही है चाहे वह किसी ने भी किया हो परन्तु एक व्यक्ति द्वारा किये गये अपराध को पूरे समाज का अपराध मानकर उसे दंडित नहीं किया जाना चाहिए। अपराधी का अपराध तय करना पुलिस का काम है तथा उसे सजा देना न्यायालय का न कि किसी संगठन विशेष का।
राज्य के मुख्य सचिव एवं पुलिस महानिदेशक से मिले कांग्रेस के प्रतिनिधिमण्डल ने कहा कि उत्तरकाशी जनपद के पुरोला में घटे घटनाक्रम से हम सब चिन्तित हैं। हम हर अपराधी के खिलाफ हैं चाहे वह किसी भी जाति, वर्ग, धर्म से जुड़ा हुआ क्यों न हो। क्योंकि अपराध तो अपराध ही है चाहे वह किसी ने भी किया हो परन्तु एक व्यक्ति द्वारा किये गये अपराध को पूरे समाज का अपराध मानकर उसे दंडित नहीं किया जाना चाहिए। अपराधी का अपराध तय करना पुलिस का काम है तथा उसे सजा देना न्यायालय का न कि किसी संगठन विशेष का।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि हम समाज में अशांति फैलाने के खिलाफ हैं। कुछ राजनैतिक दल के नेताओं एवं कार्यकर्ताओं द्वारा हेट स्पीच के माध्यम से राज्य का साम्प्रदायिक माहौल बिगाड़ने का प्रयास किया जा रहा है। हम हेट स्पीच के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हैं। इसके लिए माननीय सर्वोच्च न्यायालय एवं माननीय उच्च न्यायालय नैनीताल ने भी 2023 में अपने आदेशों में स्पष्ट किया है। विगत 2017 के उपरान्त ऐसे प्रकरण सामने आये हैं जिनकी न्यायिक विवेचना की जानी चाहिए। पुलिस के साइबर सैल को भी ऐसे प्रकरणों पर सोशल मीडिया पर नजर रखनी चाहिए तथा इस प्रकार की पोस्ट डालने वालों के खिलाफ शीघ्र कार्रवाई की जानी चाहिए। सोशल मीडिया के माध्यम से वैमनस्यता फैलाने वाले संगठनों को चिन्हित कर उनकी पृष्ठभूमि की जांच कर ऐसे संगठनों तथा व्यक्तियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।
अध्यक्ष करन माहरा ने प्रशासन द्वारा प्रदेशभर में चलाये जा रहे अतिक्रमण अभियान की ओर मुख्य सचिव का ध्यान आकर्षित कराते हुए कहा कि प्रशासन द्वारा प्रदेशभर में विभिन्न क्षेत्रों में अतिक्रमण अभियान के नाम पर वर्षों पूर्व बसे लोगों को उजाड़ा जा रहा है जो कि न्याय संगत प्रतीत नहीं होता है इसलिए अतिक्रमण अभियान पर तुरंत रोक लगाई जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य का 94 प्रतिशत भूभाग वनाच्छादित है तथा ग्रामीणों के मन्दिर एवं पूजा के स्थान वर्षों पूर्व से जंगलों में स्थापित हैं ऐसे में उन्हें अतिक्रमण मानकर लोगों की आस्था से खिलवाड़ नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने पूर्णागिरि, मंसा देवी, गर्जिया देवी, दीवा आदि आनादिकाल से स्थापित मन्दिरों को भी अतिक्रमण की श्रेणी में माना जा रहा है।
पूर्व मंत्री एवं प्रदेश अनुशासन समिति के अध्यक्ष नवप्रभात ने कहा कि राज्य की कानून व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। कुछ तथाकथित स्वयंभू संगठनों द्वारा आज पूरे प्रदेश में धर्म के नाम पर समाज को बांटने तथा वैमनस्यता बढ़ाने का काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उत्तरकाशी के पुरोला प्रकरण में राकेश तोमर जो कि स्वयं को रूद्र सेना का अध्यक्ष बताते हैं उनकी तथा उनके संगठन से जुड़े लोगों की जांच कराई जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के प्रकरणों पर यदि समय रहते रोक नहीं लगाई गई तो राज्य की तीर्थयात्रा एवं पर्यटन पर इस का विपरीत प्रभाव तो पड़ेगा ही देवभूमि की छबि भी धूमिल होगी।नवप्रभात ने प्रदेश में चलाये जा रहे अतिक्रमण अभियान पर ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि प्रशासन द्वारा अतिक्रमण चिन्हिकरण में सावधानी नहीं बरती जा रही है जिसके चलते वर्षों से बसे लोगों को उजाड़ा जा रहा है, 400 साल पुराने निर्माण को भी अतिक्रमण बताया जा रहा है। उन्होंने देहरादून के विकासनगर क्षेत्र का उदाहरण देते हुए कहा कि जहां नदी नहीं है वहां नदी का किनारा मानकर अतिक्रमण चिन्हित किया गया है। सरकार के पास अतिक्रमण की कोई नीति नहीं है और न ही इसकी अंतिम तिथि घोषित की गई है। उन्होंने यह भी कहा कि निजी भूमि पर किये गये निर्माण कार्यों को भी अतिक्रमण मानकर उसका ध्वस्तीकरण किया जा रहा है जो कि न्यायोचित नहीं है।
कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय सचिव काजी निजामुद्दीन ने पुरोला जैसे प्रकरणों पर चिंता प्रकट करते हुए कहा कि अपराधी का अपराध कानून तय करता है तथा एक व्यक्ति के अपराध के लिए पूरे समाज को दोषी ठहराया जाना कहां तक न्यायोचित है। उन्होंने कहा कि कुछ संगठनों द्वारा आज एक धर्म विशेष के खिलाफ अभियान चलाकर उनके मन में भय का वातावरण बनाया जा रहा है, लोग अपने घरों से पलायन को मजबूर हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की घटनाओं पर समय रहते रोक लगाया जाना राज्य हित में होगा तथा ऐसे संगठनों की जांच कर उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए।
मुख्य सचिव एवं पुलिस महानिदेशक ने कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल को उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया।
प्रतिनिधिमंडल में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा के अलावा राष्ट्रीय सचिव काजी निजामुद्दीन, प्रदेश कांग्रेस अनुशासन समिति के अध्यक्ष नवप्रभात, विधायक ममता राकेश, फुरकान अहमद, विरेन्द्र जाति, प्रदेश उपाध्यक्ष मथुरादत्त जोशी, प्रदेश महामंत्री नवीन जोशी, मुख्य प्रवक्ता गरिमा दसौनी, सोशल मीडिया सलाहकार अमरजीत सिंह, प्रवक्ता शीशपाल सिंह, महानगर अध्यक्ष डाॅ जसविंदर सिंह गोगी, नीरज त्यागी, विकास नेगी, गिरीश पपनै आदि शामिल थे।
प्रतिनिधिमंडल में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा के अलावा राष्ट्रीय सचिव काजी निजामुद्दीन, प्रदेश कांग्रेस अनुशासन समिति के अध्यक्ष नवप्रभात, विधायक ममता राकेश, फुरकान अहमद, विरेन्द्र जाति, प्रदेश उपाध्यक्ष मथुरादत्त जोशी, प्रदेश महामंत्री नवीन जोशी, मुख्य प्रवक्ता गरिमा दसौनी, सोशल मीडिया सलाहकार अमरजीत सिंह, प्रवक्ता शीशपाल सिंह, महानगर अध्यक्ष डाॅ जसविंदर सिंह गोगी, नीरज त्यागी, विकास नेगी, गिरीश पपनै आदि शामिल थे।