नई दिल्ली, नैशनल फार्मास्युटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी (एनपीपीए) ने 1 अप्रैल से आवश्यक दवाओं की कीमतों में औसतन 6.73% की कटौती की है। यह नियामक निकाय भारत सरकार द्वारा स्थापित है और दवाओं की कीमतों को नियंत्रित करता है। इस निर्णय के बाद, 651 आवश्यक दवाओं की कीमतों में कटौती होगी, जिसमें पैरासिटामोल, मेटफॉर्मिन, ग्लिमेपिराइड, टेल्मिसार्टन और एमॉक्सिलीन+क्लावुलैनिक एसिड जैसी दवाएं शामिल हैं।
पैरासिटामोल एक जन उपयोगी दर्द निवारक दवा है जो बुखार और अन्य आम स्वास्थ्य समस्याओं के लिए उपयोग किया जाता है। मेटफॉर्मिन डायबिटीज के लिए उपयोग की जाने वाली दवा है। ग्लिमेपिराइड भी डायबिटीज के लिए उपयोग की जाने वाली एक और दवा है। टेल्मिसार्टन एक एंजायोटेंसिन रिसेप्टर ब्लॉकर है जो उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए उपयोग किया जाता है। एमॉक्सिलीन+क्लावुलैनिक एसिड एक एंटीबायोटिक है जो विभिन्न संक्रमणों के इलाज में उपयोग में लाई जाती है। बताते चलें कि सरकार द्वारा अति आवश्यक दवाओं की अधिकतम कीमतें तय करने के कारण इन दवाओं की कीमतें घटी हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने सितंबर 2022 में एनएलईएम में संशोधन किया था और अब इसमें कुल 870 दवाएं हैं। एनपीपीए ने कहा कि अधिकतम कीमतों की कैपिंग के साथ, 651 आवश्यक दवाओं की कीमत औसतन पहले ही 16.62 प्रतिशत कम हो गई थी। कीमतों में इस गिरावट का लाभ उपभोक्ताओं को मिलेगा।
Cost of 651 essential medicines has come down by an average of 6.73 per cent from April with the government capping ceiling prices of a majority of the scheduled drugs, NPPA said on Monday.https://t.co/U1RJf96bSc
— Economic Times (@EconomicTimes) April 3, 2023