आखिरकार 17 दिन की मेहनत रंग लाई। सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन समाप्ति की ओर है। टनल में 800 एमएम पाइप के जरिए 57 मीटर का एस्केप पैसेज किया जा चुका है। अब तुछ ही देर में श्रमिकों को एक एक कर सुरंग से बाहर लाय जाएगा। खबर है कि आखिरी पाइप का हिस्सा थोड़ा सा मुड़ गया था, जिसे ठीक किया जा रहा है, इसी वजह से श्रमिकों को बाहर लाने में थोड़ा सा विलंब हुआ है।
सुरंग के अंदर मेडिकल की टीम मौजूद है। किसी भी वक्त मजदूरों को बाहर लाया जा सकता है। चिन्यालीसौड़ में 41 बेड का अस्पताल तैयार है। सुरंग से अस्पताल ले जाने के लिए एंबुलेंस का बेड़ा तैयार है। श्रमिकों की प्राथमिक जांच के लिए सुरंग के मुहाने पर 8 बेड का अस्थाई अस्पताल तैयार किया गया है। जहां ऑक्सीजन, दवाइयां औऱ अन्य जांच की सुविधा है। सिल्क्यारा सुरंग से श्रमिकों को निकालने के बाद एयरलिफ्ट किया जा सकता है। इसको लेकर चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी पर चिनूक हेलीकॉप्टर तैनात किया गया है।
ऑगर मशीन फेल हो जाने के बाद इस्केप पैसेज को पूरा करने का जिम्मा रैट होल माइनर्स के कंधों पर था। सोमवार शाम से रैट माइनर्स ने करीब 8 मीटर का रास्ता तैयार किया और इस तरह 55.8 मीटर तक 800 एमएम का पाइप डाला। इसी पाइप के जरिए श्रमिकों को बाहर लाया जाएगा।
उत्तरकाशी की सिलक्यारासुरंग में सफलतापूर्वक पाइप डालने पर सीएम धामी ने रेस्क्यू टीमों को बधाई दी। उन्होंने फेसबुक पोस्ट करते हुए लिखा बाबा बौखनाग जी की असीम कृपा रही। करोड़ों देशवासियों की प्रार्थना एवं रेस्क्यू ऑपरेशन में लगे सभी बचाव दलों के अथक परिश्रम के फलस्वरूप श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए टनल में पाइप डालने का कार्य पूरा हो चुका है। शीघ्र ही सभी श्रमिक भाइयों को बाहर निकाल लिया जाएगा।