देहरादून। कलवरी सबमरीन एस्केप ट्रेनिंग फैसिलिटी (विनेत्रा) को पूर्वी नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ वाइस एडमिरल राजेश पेंढारकर ने आईएनएस सातवाहन, विशाखापत्तनम में कमीशन किया था। इस सुविधा का उद्देश्य संकटग्रस्त कलवरी श्रेणी की पनडुब्बी से चालक दल की भागने की क्षमताओं को बढ़ाना है और इसे ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल के अनुरूप स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित किया गया है, जो रक्षा क्षमताओं में आत्मनिर्भरता पर भारत के फोकस को उजागर करता है। मेसर्स एलएंडटी डिफेंस द्वारा एक टर्नकी प्रोजेक्ट के रूप में निर्मित, कलवरी सबमरीन एस्केप ट्रेनिंग फैसिलिटी पांच मीटर के एस्केप टॉवर से सुसज्जित है जो निकटवर्ती डाइविंग बेसिन के साथ एकीकृत है। इस अत्याधुनिक सुविधा का उपयोग कलवरी श्रेणी की पनडुब्बियों के चालक दल को बुनियादी और पुनश्चर्या भागने का प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए किया जाएगा, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे पनडुब्बी संकट की स्थिति में भागने की प्रक्रियाओं में कुशल हों। सुविधा “विनेत्र” (विनेत्र), जिसका अर्थ है “प्रशिक्षक” पनडुब्बी के बीच आत्मविश्वास पैदा करने में एक महत्वपूर्ण कदम का प्रतिनिधित्व करता है, यह सुनिश्चित करता है कि वे किसी भी पानी के नीचे आपातकालीन स्थिति में भागने के लिए आवश्यक कौशल और प्रशिक्षण से लैस हैं। यह प्रशिक्षण सुविधा भारतीय नौसेना की परिचालन तत्परता, सुरक्षा प्रोटोकॉल और प्रशिक्षण बुनियादी ढांचे को भी मजबूत करती है।