देहरादून। उत्तराखंड राज्य में भाजपा के वरिष्ठ नेता और सरकार के दर्जा प्राप्त मंत्री विश्वास डाबर एक बार फिर सुर्खियों में आ गए। इस बार उनका एक वीडियो सामने आया है जिसमें विश्वास डाबर एक संत को उत्तराखंड से बाहर जाने के लिए कह रहे हैं। विश्वास डाबर के इस वीडियो के सामने आने के बाद कांग्रेस ने भी बीजेपी पर निशाना साध लिया है। हालांकि, वीडियो पर रिएक्शन देते हुए डाबर ने छवि खराब करने के लिए वीडियो से छेड़छाड़ होना बताया। उन्होंने कहा कि, इसको लेकर पुलिस को शिकायत दे दी गई है।
एक वीडियो सामने आया है कि जिसमें राज्यमंत्री विश्वास डाबर एक संत पर चल रहे कुछ आपराधिक मामलों का जिक्र करते हुए, उन्हें उत्तराखंड छोड़ने की बात कह रहे हैं। यही नहीं, विश्वास डाबर संत को उनके आपराधिक मामलों के चलते कहते दिख रहे हैं कि यदि वह सम्मान से नहीं जाएंगे तो फिर दूसरे तरीके से उन्हें राज्य से बाहर भेजा जाएगा। साथ ही विश्वास डाबर ने कहा कि अब उत्तराखंड पुलिस सीधे अपराधियों के पैरों में गोली मार रही है। सोशल मीडिया पर एक हतप्रभ और चौंकाने वाला वीडियो वायरल हो रहा है, इस वीडियो पर प्रतिक्रिया देते हुए उत्तराखंड कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी ने राज्य की धामी सरकार को आढ़े हाथों लिया है। इस वीडियो में भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज नेता विश्वास डाबर जो कि राज्य अवस्थापना परिषद के उपाध्यक्ष हैं, दायित्व धारी और लाल बत्ती धारी है और लगभग प्रदेश की हर विभाग की हर समीक्षा बैठक में उपस्थित रहते हैं वह एक संत को धमकाते हुए देखे जा सकते हैं। इस वीडियो में विश्वास डाबर कानून को अपने ठेंगे पर रखते हुए सामने बैठे संत को धमकाते हुए देखे जा सकते हैं। वीडियो में डाबर यह कह रहे हैं कि उन्होंने पूर्व में 180 से ज्यादा क्रिमिनल्स के पैर में गोली मार कर उन्हें प्रदेश से बाहर निकाल दिया है,ऐसे में वह संत से चुनाव करने के लिए कह रहे हैं कि संत सीधी तरह से मानेगा या उसका हश्र भी पूर्व के क्रिमिनल्स की तरह किया जाए? गरिमा ने कहा कि यदि एक बार को मान भी लिया जाए कि संत की वेशभूषा में सामने बैठा व्यक्ति किसी अनैतिक कार्य में संलिप्त था भी तो उसको सजा देने का काम पुलिस प्रशासन और देश की न्याय व्यवस्था का था। गरिमा ने सवाल किया कि विश्वास डाबर स्वयं को कानून कब से समझने लगे? गरिमा ने कहा कि विश्वास डाबर का वायरल हो रहा वीडियो भारतीय जनता पार्टी के चाल चरित्र चेहरे और सोच को उजागर करता है और साफ तौर पर उनके छद्म संत प्रेम और कानून व्यवस्था के प्रति अविश्वास को दर्शाता है। गरिमा ने कहा कि यदि वीडियो में विश्वास डाबर द्वारा कही जा रही बातें सत्य हैं तो निश्चित रूप से यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि उत्तराखंड में जंगल राज स्थापित हो चुका है, जहां न आम आदमी सुरक्षित है ना ही संत महात्मा।