नई दिल्ली, आज 10 मई मंगलवार को एक दुःखद आई है देश के प्रख्यात मशहूर संतूर वादक एवं गीतकार पंडित शिव कुमार शर्मा का निधन हो गया। वे एक अच्छे गायक भी थे। संतूर को लोकप्रिय बनाने का श्रेय शर्मा को ही जाता है. पंडित शिव कुमार शर्मा को कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुके हैं। पंडित शिवकुमार शर्मा को 1986 में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार, 1991 में पद्मश्री और 2001 में पद्म विभूषण पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। संगीत जगत में आज शोक का माहौल है, क्यों देश में पंडित शिव कुमार जैसा कोई दूसरा संतूर वादक नहीं हुआ। यही वजह यही वजह है कि उन्हें सुल्तान ऑफ़ स्ट्रिंग्स भी कहते थे।
भारतीय संगीत को उनके खास अंदाज की वजह से अंतरराष्ट्रीय पहचान मिली थी। पंडित जी पिछले ढाई साल से लॉक डाउन और कोविड काल में तो तो पंडित जी घर से भी बहुत कम निकले। पिछले छह महीनों से उनको गुर्दे से संबंधित परेशानी थी। हालांकि उम्र संबंधी परेशानियों और किडनी प्रॉब्लम की वजह से उन्हें डायलिसिस भी करानी पड़ती थी। उनका निधन दिल का दौरा पड़ने से हुआ। 10 मई की शाम उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
फिल्मी जगत में भी पंडित शिव कुमार शर्मा का अहम योगदान रहा, बांसुरीवादक पंडित हरिप्रसाद चौरसिया और पंडित बृजभूषण काबरा के साथ शिवकुमार शर्मा का 1967 का एल्बम कॉल ऑफ द वैली शास्त्रीय संगीत का एक प्रसिद्ध एल्बम है. उन्होंने 1980 में सिलसिला के साथ अपनी फिल्म की शुरुआत की थी। पंडित हरिप्रसाद चौरसिया के साथ उनके लगातार प्रदर्शन के कारण दोनों को शिव-हरि के नाम से जाना जाने लगा था। इस जोड़ी ने कई हिट गानों में संगीत दिया. चाँदनी फिल्म का गाना ‘मेरे हाथों में नौ-नौ चूड़ियां’ जो कि श्रीदेवी पर फिल्माया गया था उसके लिए संगीत इस हिट जोड़ी ने ही दिया था।
Our cultural world is poorer with the demise of Pandit Shivkumar Sharma Ji. He popularised the Santoor at a global level. His music will continue to enthral the coming generations. I fondly remember my interactions with him. Condolences to his family and admirers. Om Shanti.
— Narendra Modi (@narendramodi) May 10, 2022