- शंघाई इंस्टीट्यूट फॉर बायोलॉजिकल साइंसेंज के वैज्ञानिकों ने एक रिसर्च पेपर का जिक्र करते हुए कहा है कि दिसंबर 2019 में वुहान में कोरोना के मामले सामने आने से पहले कोरोना वायरस भारतीय उपमहाद्वीप में मौाजूद था.
- युवा आबादी के कारण पैदा हुआ कोरोना वायरस!
नई दिल्ली/बीजिंग, दुनियाभर में कोरोना वायरस महमारी फैलाने वाला चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है. कोरोना वायरस को दुनिया में फैलाने का दोष चीन अब भारत के सिर मढ़ने में लगा हुआ है. डेली मेल यूके की रिपोर्ट के अनुसार, चीन के कुछ वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि कोरोना वायरस भारत से ही पूरी दुनिया में फैला है.
शंघाई इंस्टीट्यूट फॉर बायोलॉजिकल साइंसेंज के वैज्ञानिकों ने एक रिसर्च पेपर का जिक्र करते हुए कहा है कि दिसंबर 2019 में वुहान में कोरोना के मामले सामने आने से पहले कोरोना वायरस भारतीय उपमहाद्वीप में मौजूद था. कोरोनो वायरस के आनुवांशिक कोड की जांच करने वाले चीनी वैज्ञानिकों ने खाद्य सबूत होने का दावा किया है कि चीन में वायरस की उत्पत्ति नहीं हुई है.
यह पेपर 17 देशों के कोरोना वायरस स्ट्रेन पर रिसर्च करके प्रकाशित किया है. इस रिसर्च का नेतृत्व डॉ. शेन लिबिंग ने किया है. इस रिसर्च में चीनी वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि भारत की युवा आबादी, बेहद खराब मौसम और सूखे की वजह से ऐसी स्थिति तैयार हुई होगी और इसी वजह से यह इंसानों में पहुंचा. इस रिपोर्ट में चीनी वैज्ञानिकों ने यह भी दावा किया है कि हमें संकेत मिले हैं कि वुहान में वायरस का मामला सामने आने से तीन से चार महीने पहले कोरोना भारतीय उपमहाद्वीप में फैला था.
चीनी शोधकर्ताओं का तर्क है कि क्योंकि भारत और बांग्लादेश दोनों कम उत्परिवर्तन के साथ नमूने दर्ज करते हैं और भौगोलिक पड़ोसी हैं, इसलिए संभावना है कि पहला प्रसारण वहां हुआ.