वह अफ्रीका का रहने वाला मांसपेशियों से जुड़ी गंभीर समस्या के कारण जूझ रहा एक लड़का इतना ज्यादा मुड़ा हुआ था कि डॉक्टर्स ने भी हाथ खड़े कर लिए थे। हम बात कर रहे हैं अफ्रीका के रहने वाले उलरिच नाम के लड़के की। पैदाइश से ही उसके घुटने डिस्लोकेटेड थे और वह डंडे के सहारे चलता था। मेडिकल भाषा में उसे क्वाड्रिसेप्स सिकुड़न(Quadriceps contracture) नामक बीमारी थी। इसमें मांसपेशियों के बढ़ने की दर हड्डियों के मुकाबले काफी कम होती है।
बताते चलें कि अफ्रीका का एक लड़का उलरिच जन्म से ही मांसपेशियों से जुड़ी गंभीर समस्या को झेल रहा था। इस कारण उसका शरीर मुड़ा रहता था। यहां तक कि जो भी डॉक्टर उलरिच से मिलते थे, डॉक्टरों द्वारा बताई जानकारी की जटिलता के बारे में सुनकर लड़का डर जाता था तथा वह और उसका परिवार सर्जरी कराने से इनकार कर देते थे। उलरिच की ये कंडीशन क्वाड्रिसेप्स सिकुड़न वाली कंडीशन की वजह से उलरिच की मांसपेशियों के बढ़ने की दर हड्डियों के मुकाबले काफी कम थी। इस वजह से उलरिच के पैर आगे की तरफ अजीबोगरीब तरीके से मुड़ गए थे। उलरिच जब भी सड़क पर चलता था, लोग उसको अजीब तरह से देखते थे, दरअसल उसके शरीर की बनावट अजीब थी उसके घुटने उलटे पीछे की ओर मुड़े थे, उलरिच को खुद लगता था कि वह जिस बीमारी को झेल रहा है, वह लगातार खराब होती जाएगी।
उलरिच की मां, जॉर्जेट जब भी अपने बेटे को ऐसी हालत में देखती थीं तो उनका दिल टूट जाता था. परिवार के पास ऑपरेशन करवाने के लिए भी जरूरी पैसे नहीं थे। जॉर्जेट ने बताया, ‘सर्जन मेरे बेटे को छूते नहीं थे, ये देखना काफी कष्टकारी था, जब उसे परेशानी होती थी तो मैं भी परेशान हो जाती थी।’ परिवार की उम्मीदें धूमिल हो गई थीं, क्यों कि उसकी बीमारी काफी गंभीर बताई गई थी।
लेकिन आखिरकार वह दिन भी आया जब लड़के की जिंदगी बदली। ‘द सन’ की रिपोर्ट के मुताबिक परिवार के लिए उम्मीद की किरण बनकर आया अफ्रीका मर्सी चैरिटी, जिसने इस लड़के की सर्जरी करवाने का बीड़ा उठाया। इसके बाद उलरिच की कई सर्जरी हुईं, फिर वह पहली बार अपने दम पर खड़ा हो पाया। अफ्रीका मर्सी चैरिटी की पहल पर ऑपरेशन होने के बाद वह अपनी मां से गले मिला। उलरिच ने कहा, वह पहली बार छत को भी छू पा रहा है। अब वह चल भी पा रहा है।