देहरादून 16 फरवरी, बसंत पंचमी के शुभ अवसर पर प्रातः भवन कलिका माता मंदिर के पुजारी चंद्र प्रकाश ममगई द्वारा विष्णु सहस्रनाम व गायत्री यज्ञ कराया गया। परम पूज्य महाराज श्री जी के साधना कक्ष में विराजमान राधा कृष्ण व शालिग्राम भगवान का विशेष अभिषेक परम पूज्य महाराज श्री जी की सद प्रेरणा द्वारा मंदिर के ट्रस्टीयों द्वारा किया गया। जिसमें दूध, दही, घी, बूरा, शहद, व वृन्दावन से लाया गया यमुना जल, से अभिषेक किया गया। अपार भक्त समूह द्वारा श्री कृष्ण स्रोत, विष्णु सहस्रनाम का पाठ किया गया. व समुचित भक्त समाज को आज लड्डू गोपाल जी व राधा कृष्ण के विग्रहो का अभिषेक होते हुए दर्शन का सौभाग्य प्राप्त हुआ।
महाराज श्री जी की सदप्रेणा द्वारा सभी भक्तों को पीले रंग के रुमाल वितरण किए गए। प्रमोद श्रीवास्तव व साथियों द्वारा भजन कीर्तन का कार्यक्रम हुआ जिसमें अनेकों भजन गाकर सभी भक्त विभोर हो गए जैसे चलो वृंदावन बसंत पंचमी मनाए बांके बिहारी के दर्शन कर राधावल्लभ को रिझाये, सेवा कुंज पंचमी आई राधावल्लभ सजे फूलों से चलो आज बसंत पंचमी मनाये, तेरी गलियों में आने जाने से दोस्ती हो गई जमाने से, दाता तेरा मेरा प्यार कभी ना बदले, फूलों में सज रहे हैं श्री वृंदावन बिहारी और संग में सज रही है वृषभानु की दुलारी, तेरा किसने किया श्रृंगार सांवरे लगे दूल्हा सा दिलदार दिलदार सांवरे, अनादि भजन प्रस्तुत किए गए तत्पश्चात प्रातः 10 बजे ठाकुर जी की आरती हुई व पीले चावल व हलवा खीर भक्तों को प्रसाद रूप में वितरण किया गया। उसके बाद धर्मार्थ औषधालय का 50 वां वार्षिकोत्सव मनाया गया जिसमें मंदिर के समस्त डॉक्टर व स्टाफ मेंबर को उपहार भेंट व प्रसाद वितरण किया गया। विदुर क्षेत्रों से पधारे संतो द्वारा प्रातः मां कालीका सत्संग भवन में सत्संग का कार्यक्रम हुआ जिसमे भक्तों के कल्याण व सामाजिक कार्य, सतमार्ग पर चलने का मार्ग बताया. दोपहर मे मंदिर समिति द्वारा एक विशाल भंडारे का आयोजन किया गया जिसमें संतों, ब्राह्मणों, भिक्षकों को भोजन के साथ जरूरत का सामान व दक्षिणा भी दी गई अपार भक्तों ने भंडारा ग्रहण किया। सांय काल बसंत पंचमी के उपलक्ष में एक विशेष भजन संध्या कार्यक्रम हुआ जिसमें मंदिर समिति की ही मण्डली प्रमोद श्रीवास्तव द्वारा भजन गाए गये। जैसे राधा तेरे दरबार में झूमे नंद का लाला, मेरा सांवरा सलोना बड़ा नटखट है, बसंत आयो रे सखियों बसंत आयो रे आज सजाओ नंद के लाला को, मेरा आपकी कृपा से सब काम हो रहा है करते हो तुम कन्हैया बस मेरा नाम हो रहा है, मेरा दिल तुझ पर कुर्बान मुरलिया वाले रे, कृष्ण गोविंद गोविंद गोपाल नंदलाल, अतः अंत में प्रमोद श्रीवास्तव दुवारा ऐसा भजन गाकर सभी भक्तों रोने लगे वह दिल कहां से लाऊं जो तेरी याद को भुला दे बाबा मुझे याद आने वाले कोई रास्ता दिखा दे भजन सुनकर सब भावुक हो गए तथा पुकारने लगे अब तो आ जायो बाबा जी हम सब अकेले है अब तो साकार रूप दिखा दो एक झलक ही दिखा दो बाबा।
इस अवसर पर ट्रस्टी गगन सेठी, रमेश सहानी ,प्रधान नरेश मैनी, अशोक लांभा, कमल स्वरुप जिंदल, शैंकी डोरा, उमेश मरवाह, सतीश कक्कर, अनिरुद्ध गुप्ता, संजय आनंद, विजय अरोरा, सतीश मेहता, राजीव तनेजा, प्रेम आनंद, राम स्वरुप भाटिया , कुंवर राजेंदर वर्मा, सिद्धार्थ आनंद मुरली चांदना, संजय चांदना, कीमत गुलाटी, राम भाटिया, श्याम अरोरा, प्रदुमन मैनी, केवल आनंद, महेश डोरा,, मोहित बांगा, ध्रुव नंदा, गोपाल शर्मा, महेश ग्रोवर, भूषण लाल व प्रचार मंत्री संजय आनंद, कमल अरोरा आदि मौजूद थे।