देहरादून 20 अगस्त, भारतीय गोर्खा परिसंघ के तत्वाधान में गोर्खाली सुधार सभा के मानेकशा सभागार में 29वें नेपाली भाषा मान्यता दिवस समारोह का आयोजन कोरोनाकाल के दिशानिर्देशो का पालन करते हुए सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ। नेपाली भाषा को संसद में 20 अगस्त 1992 में भारतीय संविधान की 8वीं सूची में मान्यता मिली थी। आज सर्वप्रथम कार्यक्रम के मुख्य अतिथि ले जनरल शक्ति गुरूंग, गोर्खाली सुधार सभाके अध्यक्ष पदम सिंह थापा, भारतीय गोर्खा परिसंघ के अध्यक्ष कर्नल जीवन कुमार क्षेत्री, एवं कर्नल डीएस खड़का ने दीप प्रज्वलित करते हुए कार्यक्रम का शुभारंभ किया। कर्नल जीवन कुमारक्षेत्री ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए भाषा मान्यता दिवस की शुभकामनाएं दीं।
मीडिया प्रभारी प्रभा शाह ने अवगत कराया कि आज की युवा पीढ़ी में अपनी मातृभाषा, संस्कृति एवं परम्पराओं की जागरूकता हेतु एक वाग्मिता प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसका विषय था “मातृभाषा का महत्व एवं इसके प्रति घटती अभिरूचि” — एवं भाषा के संरक्षण व अभिरूचि प्रति जनचेतना, इस प्रतियोगिता में विभिन्न स्थानों के लगभग 18 युवा प्रतिभागियों ने प्रतिभाग लिया। सभी प्रतिभागियों की भाषा शैली, विषयवस्तु एवं प्रस्तुति बेहद उत्कृष्ट थी। इस प्रतियोगिता मे प्रथम स्थान रोयेन यकथुम्बा द्वितीय स्थान सेजल राई तथा रिद्धि गुरूंग ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। अंशिका गौतम एवं चमेली राना को सांत्वना पुरूस्कार प्रदान किये गये। भूपेंद्र अधिकारी , कर्नल सीबी थापा एवं प्रो आरएस. राना निर्णायक भूमिका में थे।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि के करकमलों द्वारा उदय ठाकुर द्वारा अनुवादितकविता संग्रह —– खुशी को इंद्रेणी लेखक सुदर्शन गासो का विमोचन भी किया गया।
कार्यक्रम में अपनी सांस्कृतिक विरासत की झलक दिखाने हेतु रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुतियों ने भी दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया। कर्नल जीवन कुमार क्षेत्रीजी ने सहयोग हेतु गोर्खाली सुधार सभा का हार्दिक आभार जताया। इस अवसर पर —महिला अध्यक्षा उपासना थापा, उपाध्यक्ष संध्या राई,दीपा शाही, पूजा सुब्बा, कर्नल भूपेंद्र सिंह क्षेत्री, मेजर हबी जंग गुरूंग, बालकृष्ण बराल, पीएन राई, तिलक राज गुरुंग, गोवर्धन राना, सूर्य विक्रम शाही, टेकू मगर, राजन बस्नेत, उमा उपाध्याय, रमन थापा, ओपी गुरूंग, श्याम राना एवं समाज के सम्मानित महानुभाव जन उपस्थित थे।
नेपाली भाषा को संसद में 20 अगस्त 1992 में भारतीय संविधान की 8वीं सूची में मान्यता मिली थी, जिसके लिए उत्तराखंड के देहरादून से आंदोलित रहे वयोवृद्ध नेता उत्तराखंड आंदोलनकारी बब्बर गुरुंग को वीर गोर्खा कल्याण समिति के प्रतिनिधि मंडल ने उनके निवास स्थान गढ़ी केंट स्थित आवास पर जाकर शॉल और खादा ओढ़ा कर सम्मान किया।
वीर गोर्खा कल्याण समिति के प्रतिनिधि मंडल में उपाधक्ष सूर्य बिक्रम शाही कोषाअध्यक्ष टेकु थापा सचिव देविन शाही आदि शामिल थे।