देहरादून 14 मई, अब उत्तराखंड में भी ब्लैक फंगस ने दस्तक दे दी है। ब्लैक फंगस यानि म्यूकोरमाइकोसिस शरीर में बहुत तेजी से फैलने वाला एक तरह का फंगल इंफेक्शन है। यह फंगल इंफेक्शन मरीज के दिमाग, फेफड़े या फिर स्किन पर भी अटैक कर सकता है। इस बीमारी में कई मरीजों के आंखों की रोशनी चली जाती है। कहा जा रहा है की देहरादून में ही अब तक ब्लैक फंगस के चार मामले सामने आए हैं। जिनमें से अब तक तीन की पुष्टि हो गई है। तीन केस दून के एक बड़े निजी अस्पताल में सामने आए हैं। वहीं एक केस सरकारी अस्पताल में सामने आया हैं। हालांकि उसकी पुष्टि अभी तक नहीं हो पाई है।
अब प्रदेश में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच अब ब्लैक फंगस ने भी उत्तराखंड के स्वास्थ्य विभाग की भी चिंता बढ़ा दी है। राजधानी स्थित मैक्स अस्पताल में भर्ती दो मरीजों में ब्लैक फंगस की पुष्टि हुई है, जबकि एक अन्य मरीज में भी इसके लक्षण मिले हैं, जिसकी रिपोर्ट अभी आनी बाकी है। निजी अस्पताल ने भी इसकी पुष्टि की है। यह पहली बार है कि उत्तराखंड में भी ब्लैक फंगस के मामले सामने आए हैं।
चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार कोरोना के दौरान या फिर ठीक हो चुके मरीजों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है। जिसके कारण ब्लैक फंगस अपनी जकड़ में इन मरीजों को आसानी से ले लेता है। आंख, नाक के पास लालिमा के साथ दर्द होता है। मरीज को सांस लेने में तकलीफ होती है। कोरोना के जिन मरीजों को डायबिटीज की समस्या है, मधुमेह लेवल बढ़ जाने पर उनमें यह संक्रमण खतरनाक रूप ले सकता है। अगर समय रहते इसे कंट्रोल न किया गया तो इससे मरीज की मौत भी हो सकती है।