- चित्तौड़गढ़ के निंबाहेड़ा स्थित एक दुकान के लिए करीब आधा दर्जन बोली लगाने वाले ने पूरी रातभर बोली लगाई।
- डूंगरपुर जिले के खजूरी क्षेत्र की दुकान जो आबकारी विभाग की सूची में सबसे महंगी दुकान है उसे खरीदने के लिए एक भी आवेदक नहीं आया।
- हनुमानगढ़ जिले की नोहर तहसील के खुईयां गांव में 72 लाख एक शराब दुकान की दुकान के लिए 510 करोड़ रुपए की लगा दी बोली, रकम जमा नहीं कराने पर फर्म होगी ब्लैकलिस्टेड
जयपुर, राजस्थान सरकार की आय के बड़े श्रोतों में से एक शराब की दुकानों के आवंटन के लिए आजकल प्रदेश में शराब ठेकों की ऑनलाइन नीलामी चल रहीं हैं। पहले चरण की 1279 दुकानों की नीलामी से 2237 करोड़ रुपए का राजस्व सरकार को मिलेगा। जबकि सरकार ने इन सभी दुकानों के लिए न्यूनतम रिजर्व प्राइज 1724 करोड़ रुपए रखी गई थी।नीलामी में कुछ दुकानों पर जबरदस्त प्रतिस्पर्धा देखने को मिल रही है। चित्तौड़गढ़ के निंबाहेड़ा स्थित एक दुकान के लिए करीब आधा दर्जन बोली लगाने वाले ने पूरी रातभर बोली लगाई। वहीं डूंगरपुर जिले के खजूरी क्षेत्र की दुकान जो आबकारी विभाग की सूची में सबसे महंगी दुकान है आबकारी विभाग ने जिसका रिजर्व प्राइज 18 करोड़ 99 लाख 33 हजार रुपए रखी थी। उसे खरीदने के लिए एक भी आवेदक नहीं आया।
राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले के एक गांव में शराब का ठेका लेने के लिए रिकॉर्ड 5 अरब 10 करोड़ की बोली लगी है। इसके साथ ही प्रदेश में शराब के ठेके के लिए लगी ये सबसे महंगी बोली हो गई है। अब इस बोली की प्रदेश भर में चर्चा है। प्रदेश में शराब ठेकों की ऑनलाइन नीलामी प्रक्रिया के दौरान हनुमानगढ़ जिले की नोहर तहसील के खुईयां गांव में एक शराब दुकान की बोली 5 अरब 10 करोड़ 10 लाख 15 हजार 400 रुपये लगी है। जबकि आबकारी विभाग ने इस दुकान का रिजर्व प्राइज 72 लाख रुपये रखा था।
पिछले साल यह दुकान 65 लाख रुपये में छूटी थी, मगर इस बार 510 करोड़ की बोली लगने से सुनने वाले हैरान हैं। शराब दुकान की यह प्रदेश की सबसे महंगी बोली भी है। आबकारी अधिकारी ने बताया कि बोली लगाने वाली किरण कंवर को डिमांड नोटिस भेज दिया गया है। उन्हें तीन दिन में रुपये जमा करवाने को लिखा गया है। अगर फर्म तीन दिन में रुपये जमा नहीं कराती है तो यह फर्म ब्लैकलिस्टेड हो जायेगी।
आबकारी अधिकारी के अनुसार, प्रियंका कंवर ने भी बोली लगाई थी जो दूसरे स्थान पर रहीं. वहीं बताया जा रहा है कि दो परिवारों की प्रतिद्वंद्विता के चलते बोली इतनी ऊंची चली गयी। कहा यह भी जा रहा है कि दुकान की बोली ना हो सके इसलिए इतनी ऊंची बोली लगाई गई है, क्योंकि राशि जमा ना करवाने पर सिर्फ सिक्योरिटी ही जब्त करने का प्रावधान है। इससे सरकार को पुनः ठेके की बोली लगवानी पड़ेगी पर यह फर्म ब्लैकलिस्टेड हो जायेगी। परन्तु अब अगर ठेकेदार इतनी बड़ी रकम जमा करेगा तो यह प्रदेश ही नहीं संभवतः देश की सबसे महंगी दुकान हो जाएगी, वैसे इसके आसार कम ही हैं। अब आगे जो भी होगा मगर फिलहाल तो यह मामला कौतुहल और चर्चा का विषय जरूर बना हुआ है।