- कर्मचारियों के सामने चरित्र पर अशोभनीय टिप्पणी करने का आरोप
- चहेते ठेकेदार को काम देने के लिए दबाव बनाने का आरोप अन्यथा नौकरी से निकालने की धमकी
देहरादून 24 फरवरी, संस्कृति विभाग की निदेशक बिना भट्टी अपने विभागीय सचिव पर उत्पीड़न की सारी सीमाएं लांग ने का आरोप लगाकर सनसनी मचा दी है अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने पूरे मामले की विस्तृत रिपोर्ट मांगी है इस हाईप्रोफाइल मामले को लेकर शासन और सत्ता के गलियारे में एक हलचल से पैदा हो गई है।
संस्कृति विभाग में लगभग 11 वर्ष से निदेशक पद पर तैनात बीना भट्ट ने अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी को भेजें 4 पन्नों के पत्र में प्रभाव जी सचिव दिलीप जावलकर पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। बीना भट्ट ने कहा है कि सचिव अपर सचिव महावीर निरीक्षक ने कर्मचारियों के सामने उनकी कार्यकुशलता और चरित्र पर अशोभनीय टिप्पणी करके उनके नीचे दिखाने की का प्रयास किया है। जबकि उन्हें राज्यपाल और सीएम कार्यालय से कई बार प्रशंसा पत्र भी मिल चुके हैं।
संस्कृति निदेशक ने यह आरोप लगाया कि सचिव, ठेकेदार राजेश रावत और एक एनजीओ को ठेका दिलवाने की के लिए दबाव डालते रहे हैं। संस्कृति निदेशक बीना भट्ट ने पत्र में ठेकेदार राजेश रावत के मोबाइल नंबर का भी उल्लेख किया है पत्र में यह आरोप लगाया है कि राजेश रावत के जरिए भी उन्हें धमकी दी गई है भारत सरकार की योजना के तहत हरिद्वार के घाटों में ऑडियोवीजुअल की फैसिलिटी से जुड़े टेंडर देने के लिए उन पर भारी दबाव बनाया गया और मानसिक उत्पीड़न किया गया हर की पेडी में टेंडर मिलने के बाद राजेश रावत ने सामान की आपूर्ति नहीं की इसके अलावा ऋषिकेश के आस्था पथ पर का टेंडर राजेश रावत को नहीं मिलने पर उनका मानसिक उत्पन्न किया जा रहा है निदेशक विनय भट्ट ने यह भी आरोप लगाया है कि एक अन्य महिला महिला की एनजीओ भी काम देने के लिए सचिव भारी दबाव बनाते रहे हैं, यही नहीं नौकरी से निकालने की बार-बार धमकी देते हैं पत्र में तत्कालीन अपर सचिव व महानिदेशक आनंद स्वरूप को भी कटघरे में खड़ा किया है 4 पेज के शिकायती पत्र में दिलीप जावलकर की कार्यप्रणाली पर कई सवाल किए गए हैं खड़े किए गए हैं।
फिलहाल अपर मुख्य सचिव कार्मिक राधा रतूड़ी पूरे मामले की जांच कर रही हैं। बीना भट्ट के पत्र के बाद सत्ता के गलियारों में एक हड़कंप मचा हुआ है।
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