देहरादून, 17 फरवरी, राजकीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी चिकित्सा सेवा संघ ने कोविड-19 महामारी में योगदान देने वाले आयुष चिकित्सकों एवं आयुष पैरामेडिकल कर्मचारियों को भी स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों की भांति प्रोत्साहन राशि और सम्मान पत्र देने की मांग की है।
संघ की ओर से निदेशक आयुर्वेदिक एवं यूनानी सेवाएं को भेजे गए ज्ञापन में कहा गया है कि 2 फरवरी को मुख्यमंत्री ने कोविड अस्पताल में कार्यरत स्वास्थ्य कर्मियों को 11-11 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि तथा सम्मान पत्र देने की घोषणा की थी है, लेकिन, कोविड महामारी से लड़ने में बढ़-चढ़कर योगदान देने के बावजूद आयुर्वेद विभाग के कर्मचारियों को इससे वंचित रखा गया है।
कोरोना महामारी में गत 11 माह से प्रथम पंक्ति में निडरता से सेवा दे रहे आयुष कोविड वॉरियर्स ने हर जिम्मेदारी को बखूबी निभाया। चेकपोस्ट, क्वारंटिन सेंटर, कोविड केयर सेंटर तथा सेंपलिंग में कार्यरत 90 प्रतिशत से अधिक कार्मिक आयुर्वेद विभाग से थे। महामारी में प्रदेश हित में आयुर्वेद विभाग के कार्मिकों ने विषम परिस्थितियों में निस्वार्थ भाव अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया।
ज्ञापन में कहा गया कि स्वास्थ्य विभाग में कार्मिकों का संख्या बल इतना है कि वे कोविड महामारी में अकेले ही योगदान देने में सक्षम थे, लेकिन संभवत संक्रमण की प्रसारणशीलता तथा घातकता का ज्ञान अथवा भय होने के कारण बिना देरी एक आदेश द्वारा आयुर्वेद विभाग को स्वास्थ्य विभाग में सम्मिलित कर लिया गया। यह कहना भी अतिशयोक्ति नहीं होगी कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा आयुर्वेद विभाग को ढाल की तरह प्रयोग किया गया।
ज्ञापन में कहा गया है कि प्रोत्साहन राशि और सम्मान ना दिए जाने से आयुर्वेदिक विभाग के कार्मिक अपने को ठगा महसूस कर रहे हैं तथा कर्मचारियों में भारी रोष है। ज्ञापन सौंपन वालों में संघ के प्रदेश अध्यक्ष डा. केएस नपल्चयाल और महासचिव डा. हरदेव सिंह रावत आदि शामिल थे।