- सरकार जब रोजगार सम्बन्धी विज्ञप्ति समाचार पत्रो आदि मे जारी करती है तो यह लोग बेरोजगार युवक युवतियों से सम्पर्क कर इन संस्थाओं मे नौकरी का प्रलोभन देते हैं
- विभागो की फर्जी ई-मेल आईडी से उन्हे मैसेज करते है व फर्जी आई कार्ड व ज्वानिंग लैटर डाक के माध्यम से या व्यक्तिगत रुप से देते है
- अभ्यर्थियो को शक न हो इसके लिये उनकी फर्जी ट्रेनिगं, पुलिस वेरिफिकेशन, मेडिकल व इंटरव्यू भी करवाते हैं।
- आरोपी के बताये गये विभिन्न बैंक खातो को कराया गया फ्रीज
देहरादून 4 फरवरी, बेरोजगार युवक व् यवतियों को नौकरी दिलाने के नाम पर साईबर अपराधी आम जनता की गाढ़ी कमाई से धोखाधड़ी कर लाखो रुपये हड़पने वाले अंतर्राजीय गिरोह का भांडाफोड़ करते हुए एक ठग को गिरफ्तार किया है। साईबर अपराधी आम जनता की गाढ़ी कमाई हड़पने हेतु अपराध के नये-नये तरीके अपनाकर धोखाधड़ी करने की साईबर क्राईम पुलिस स्टेशन को शिकायत मिली जिसमें देहरादून निवासी एक व्यक्ति के साथ इसी प्रकार की घटना घटित हुयी थी जिसमें पीड़ित की पहचान उनके मित्र द्वारा अपने भाई एवं उसके दोस्त से करवायी जिनके द्वारा शिकायतकर्ता को एफसीआई विभाग में 10 लाख रुपये में नौकरी दिलाने की बात कही गयी। जिस पर विश्वास करते हुये शिकायतकर्ता द्वारा अपने परिचितो एवं रिश्तेदारो से धनराशि की व्यवस्था कर फोनपे एप व चैको व कुछ नगद के माध्यम से 10 लाख रुपये आरोपियों ने शिकायतकर्ता को विश्वास मे लेने के लिए पुलिस वेरिफिकेशन भी करवाया जिससे बेरोजगार अभ्यर्थियों को विश्वास हो जाये की उनकी नौकरी वास्तव मे लग गयी है, इसके बाद उसे एफसीआई का आई कार्ड व ज्वानिंग लैटर भी दिया गया और उसका फर्जी तरीके से प्रशिक्षण भी गोरखपुर यूपी मे करवाया गया, बाद मे जब ज्वाइनिंग लैटर मे अंकित तिथि को पीड़ित ने अभियुक्तो को फोन किया तो उन्होने फोन नही उठाया, इस पर शक होने पर जब पीड़ित ने एफ़सीआई विभाग देहरादून मे जाकर आईकार्ड व ज्वानिंग लैटर के सम्बन्ध में पता किया तो फर्जी पाये गये। पीड़ित की शिकायत के आधार पर साईबर क्राईम पुलिस स्टेशन देहरादून मे दोनों आरोपियों के खिलाफ धारा 420, 467, 468, 471, 120बी भादवि व 66(डी) आईटी एक्ट का मुक़दमे दर्ज किया गया तथा मामले की जाँच साईबर थाने के निरीक्षक त्रिभुवन सिंह रौतेला को दी गयी।
पूछताछ मे आरोपी विकास चन्द्र निवासी पौड़ी ने एसटीएफ टीम के सामने चौंकाने वाले खुलासे किये कि वह और उसके अन्य साथी मिलकर देश के अलग अलग राज्यो में जब भी प्रमुख संस्थाये जैसे एफसीआई, रेलवे, एम्स आदि मे सरकार द्वारा रोजगार सम्बन्धी विज्ञप्ति समाचार पत्रो आदि मे जारी की जाती है तो हम लोग बेरोजगार युवक युवतियों से सम्पर्क कर उनको एफसीआई, रेलवे, एम्स आदि में नौकरी लगाये जाने का प्रलोभन देकर उनसे लाखो रुपये प्राप्त करते है व अभ्यर्थियो को शक न हो इसके लिये उनकी फर्जी ट्रेनिगं, पुलिस वेरिफिकेशन, मेडिकल व इंटरव्यू आदि भी करवाते है और सम्बन्धित विभागो की फर्जी ई-मेल आईडी से उन्हे मैसेज करते है व फर्जी आई कार्ड व ज्वानिंग लैटर डाक के माध्यम से व व्यक्तिगत रुप से देते है, जिसमे अब तक लाखो रुपये उसने और उसके साथीयों ने झाँसा देकर ठग लिए गये है।
आरोपी के बताये गये विभिन्न बैंक खातो को फ्रीज कराया गया है व उनकी जांच की जा रही है । मामले में आये अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है । उत्तराखण्ड राज्य के साथ ही अन्य राज्यो से इस प्रकार की धोखाधड़ी से सम्बन्धित प्रकरणो व पीड़ितो की जानकारी प्राप्त की जा रही है । अभियुक्त विकास चन्द्र को अन्तर्गत धारा 420, 467, 468, 471, 120बी भादवि व 66(डी) आईटी एक्ट के अन्तर्गत गिरफ्तार कर कोर्ट मे पेश किया गया। आरोपियों के आपराधिक इतिहास की जानकारी इकठ्ठा की जा रही है ।
उत्तराखण्ड एसटीएफ इंचार्ज ने जनता से अपील की है कि नौकरी दिलाने वाले व्यक्तियो के बहकावे मे न आये । कोई भी शक होने पर तत्काल निकटतम पुलिस स्टेशन या साईबर क्राईम पुलिस स्टेशन देहरादून से सम्पर्क करें।