देहरादून 27 जनवरी, आज सैकड़ों की संख्या में कांग्रेसियों नें महानगर अध्यक्ष लाल चंद शर्मा के नेतृत्व में दिनांक 26 जनवरी को केन्द्र सरकार द्वारा पारित तीन काले कृषि कानूनों को रदद् किये जानें की मांग को लेकर निकाली जा रही ट्रैक्टर परेड के दौरान किसानों पर हुए लाठीचार्ज के विरोध में एस्लेहाल चौक पर केन्द्र सरकार का पुतला दहन किया।
लाल चंद शर्मा नें कहा किसानों के हक की लड़ाई में पूरा देश किसानों के साथ खड़ा है और सरकार के मनमानी को किसी भी सूरत में सहन नहीं किया जाएगा। किसानों पर लाठी-डंडे का प्रयोग कर आवाज दबाना बहुत ही शर्मनाक है। अगर सरकार ने तीनों अध्यादेश वापस नहीं लिए तो कांग्रेस पार्टी का सड़क से लेकर विधानसभा और संसद तक इन अध्यादेशों का विरोध जारी रहेगा।
उन्होनें कहा पूरी दुनिया का पेट भर कर खुद भूखा सोने वाले किसानों पर हुए लाठीचार्ज की हम कड़ी निंदा करता है। इस दौरान महानगर कांग्रेस अध्यक्ष नें कहा की आज राष्ट्रवाद का ढोंग वो लोग कर रहे हैं जिन्होनें कभी तिरंगे को अपनाया ही नहीं था। उन्होनें कहा अगस्त 2013 को नागपुर की एक निचली अदालत ने वर्ष 2001 के एक मामले में दोषी तीन आरोपियों को बाइज्जत बरी कर दिया था. इन तीनों पर यह आरोप था कि बाबा मेंढे, रमेश कलम्बे और दिलीप चटवानी का जुर्म तथाकथित रूप से सिर्फ इतना था कि वे 26 जनवरी को नागपुर के रेशमीबाग स्थित आरएसएस मुख्यालय में घुसकर गणतंत्र दिवस पर तिरंगा झंडा फहराने के प्रयास में शामिल थे. राष्ट्रप्रेमी युवा दल के यह तीनों सदस्य दरअसल इस बात से क्षुब्ध थे कि स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस जैसे अवसरों पर भी आरएसएस के दफ्तरों में कभी तिरंगा नहीं फहराया जाता. उन्होनें आरएसएस पर सवालिया निशान साधते हुए कहा कि जिस भवन पर यह युवक तिरंगा फहराया वो आरएसएस का राष्ट्रीय मुख्यालय था फिर क्या वजह थी कि संघ इस कोशिश पर इतना तिलमिला गया कि तीनों युवकों पर मुकदमा दर्ज हो गया और 12 साल तक वो लड़के संघ के निशाने पर बने रहे.
उन्होनें कहा और महत्वपूर्ण बात ये कि जब ट्रैक्टर परेड का मार्ग निर्धारित किया जा चुका था तो निर्धारित रास्ते पर पुलिस द्वारा बेरीकेटस लगाने और आंसू गैस के गोले बरसाकर किसानों को पहले रास्ते से भटकाने और फिर लाठीचार्ज और किसानों पर गोली चलाने का भला क्या औचित्य था।
जबकि पुलिस प्रशासन और किसान संगठनों के बीच आपसी बातचीत होने के बाद तो किसानों की रक्षा करने का दायित्व भी पुलिस का बनता था लेकिन पुलिस ने केन्द्र सरकार के इशारे पर अपने कर्तव्य के ठीक विपरीत प्रतिक्रिया दी और किसानों को जानबूझ कर उकसाया तो सोचने वाली बात ये है कि पुलिस को ये सब करने का आदेश किसने दिया क्योंकि दिल्ली पुलिस केंद्र सरकार के अधीन है..? उन्होनें कहा जिस दिन राजस्थान में न्यायालय पर चढ़कर भगवा झंडा फहराया गया था उसी दिन अगर तत्कालीन भाजपा सरकार ने कड़ी कार्यवाही की होती तो शायद फिर किसी सरकारी इमारत पर कोई और झंडा फहराने की हिमाकत नहीं करता।
पुतला दहन में महानगर कांग्रेस अध्यक्ष लाल चंद शर्मा, पार्षद रमेश कुमार मंगू, पार्षद अनूप कपूर, पूर्व नेता प्रतिपक्ष नीनू सहगल, अर्जुन सोनकर, सोम प्रकाश बाल्मीकि, अरूण शर्मा, सिद्धार्थ वर्मा, गुलशेर मौहम्मद, कैंट प्रभारी जगदीश धीमान, फारूक राव, डॉ रवलीन कौर, महानगर प्रवक्ता डॉ प्रतिमा सिंह, देविका रानी, मीना रावत, सरिता रानी, अमृता कौशल, रजनी राठौर, जया भारद्वाज, अनुराधा तिवारी, संतोष सैनी, राजेश चमोली, सुलेमान, राहुल पंवार रौबिन, धीरेन्द्र सावन, आदर्श सूद, दिनेश गुप्ता, महानगर उपाध्यक्ष प्रेम प्रकाश जोशी, नेगी, प्रदेश महासचिव युवा कांग्रेस संदीप चमोली, प्रदेश प्रवक्ता नवनीत कुकरेती, जिला महासचिव युवा कांग्रेस पुनित कुमार सिंह, कमल कुमार, रोहित सह, आशीष रतूड़ी, विजय गुप्ता, मुकेश रेग्मी, फरदीन, राजू मौर्य, राजेन्द्र धवन, अर्जुन नेगी, मनीष वर्मा, विपुल नौटियाल, आ मौजूद थे।