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Thursday, November 21, 2024

दून के हेरिटेज स्कूल की दीया चौधरी ने जीते दो हफ्ते मे दो आईटीएफ खिताब

देहरादून 23 सितंबर, घाना, अफ़्रीका – हेरिटेज स्कूल नॉर्थ कैंपस की टेनिस स्टार दीया चौधरी ने शनिवार को घाना में आयोजित एक आईटीएफ टूर्नामेंट में अपना दूसरा खिताब जीतकर भारतीय टेनिस में एक नई उपलब्धि दर्ज की है। उन्होंने फाइनल में रूस की लीला अख्मेतोवा को 5-7, 6-2, 6-1 से हराकर यह सफलता हासिल की। इस जीत के साथ ही दीया ने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाते हुए दुनिया के विभिन्न देशों के खिलाड़ियों को पीछे छोड़ दिया।

दीया की इस उपलब्धि ने न केवल उत्तराखंड बल्कि पूरे भारत को विश्व टेनिस के मानचित्र पर मजबूती से स्थापित किया है। सिर्फ दो हफ्तों में दो अंतरराष्ट्रीय खिताब जीतने वाली दीया की मेहनत और समर्पण ने उन्हें एक नई पहचान दिलाई है। उनकी इस सफलता से न केवल उनके परिवार बल्कि उनके प्रशिक्षकों और सहपाठियों में भी उत्साह का माहौल है।

दीया ने अपनी जीत का श्रेय अपनी हेरिटेज टेनिस अकादमी के कोच प्रीतम सिंह को दिया, जिनकी दिशा-निर्देश और समर्थन ने उन्हें इस मुकाम तक पहुँचने में मदद की। उन्होंने कहा, “कोच प्रीतम सिंह ने मुझे हमेशा प्रेरित किया और मेरे खेल को बेहतर बनाने के लिए जी तोड़ मेहनत की।”

लेकिन दीया ने सबसे बड़ा श्रेय अपनी मां चंद्रिका चौधरी को दिया, जो उनकी यात्रा में हमेशा उनके साथ रहीं। उन्होंने कहा, “मेरी मां मेरे लिए हमेशा एक मजबूत स्तंभ रही हैं। उन्होंने मेरी हर चुनौती में मेरा साथ दिया और मुझे कभी हार मानने नहीं दिया।”

दीया के इस विजय के बाद, उनके स्कूल और स्थानीय लोगों में जश्न का माहौल है। हेरिटेज स्कूल के प्रिंसिपल ने उनकी सफलता को विद्यालय के लिए गर्व का क्षण बताते हुए कहा, “दीया ने अपने खेल से न केवल विद्यालय का नाम रोशन किया है, बल्कि उसने स्कूल के सभी विद्यार्थियों को भी प्रेरणा दी है। हम उसके भविष्य के लिए शुभकामनाएं देते हैं।”

दीया चौधरी की इस जीत ने यह साबित कर दिया है कि भारत की युवा पीढ़ी में टेनिस जैसे खेलों के प्रति गहरी रुचि और प्रतिभा है। उनकी मेहनत और लगन ने उन्हें इस मुकाम तक पहुँचाया है, और उम्मीद है कि भविष्य में भी वे इसी तरह सफलता के नए आयाम स्थापित करती रहेंगी।

दीया की उपलब्धि पर पूरे उत्तराखंड में हर्षोल्लास का माहौल है, और उनके फैंस को आशा है कि वे आने वाले समय में और भी बड़े खिताब जीतेंगी। उनकी कहानी सभी युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गई है, जो अपने सपनों को सच करने के लिए मेहनत कर रहे हैं।

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