देहरादून 29 अगस्त, परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने राष्ट्रीय खेल दिवस राष्ट्रीय खेल दिवस 2024 के इस पावन अवसर पर देश के सभी खिलाड़ियों को हार्दिक शुभकामनाएं देेते हुये कहा कि हमारे युवा खिलाड़ी अपने खेल के प्रति समर्पित रहें और अपने देश का नाम रोशन करें। आप सभी में अपार संभावनाएं हैं, बस आवश्यकता है तो उन्हें पहचानने और साकार करने की।
आज का दिन हमारे महान खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद को समर्पित हैं, जिन्होंने अपने अद्वितीय खेल कौशल से न केवल भारत का नाम रोशन किया, बल्कि खेल के प्रति समर्पण और अनुशासन का एक उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत किया।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने श्रीमद् भागवत कथा के विराम के अवसर पर श्रद्धालुओं को संदेश दिया कि जीवन भी एक खेल हैं। जब हम जीवन में समस्याओं से जूझते हैं; हारते हैं; निराश होते हैं; टूटते हैं और बिखरते हैं लेकिन हार व जीत भी जीवन की परिणिति है। हार होने पर टूटना व बिखरना नहीं है और जीत होने पर न तो फैलना है और न ही फूलना है, बस हमें जीवन को खेल भावना से जीना है ताकि यह जीवन समाज के काम आ सके।