उत्तराखण्ड राज्य में वेतन एवं पेंशन की समता (Parity) भारत सरकार से होने के दृष्टिगत् वित्त मंत्रालय (Department of Economic Affairs) भारत सरकार की अधिसूचना संख्या-5/7/2003 – ECB& PR, दिनांक – 22 दिसम्बर, 2003 के क्रम में वित्त (सामान्य नियम – वेतन आयोग ) अनुभाग-7, उत्तराखण्ड शासन की अधिसूचना संख्या-21/xxvii(7) अं०पे0यो0 / 2005, दिनांक – 25 अक्टूबर, 2005 के द्वारा राज्य में दिनांक-01 अक्टूबर, 2005 से नई पेंशन योजना (एन०पी०एस० ) लागू है। इसी क्रम में कार्मिक, लोक शिकायत तथा पेंशन मंत्रालय, पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग, भारत सरकार के कार्यालय ज्ञापन संख्या – 57 / 05/2021 – P&PW (B), दिनांक- 03 मार्च, 2023 में उल्लिखित व्यवस्था को उत्तराखण्ड राज्य में भी समग्र रूप से (in toto) लागू किये जाने का निर्णय लिया गया है।
कार्मिक, लोक शिकायत तथा पेंशन मंत्रालय, पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग, भारत सरकार के कार्यालय ज्ञापन संख्या – 57/05/2021-P&PW (B), दिनांक – 03 मार्च, 2023 के द्वारा “ऐसे सभी मामलों में जहाँ केन्द्र सरकार के सिविल कर्मचारी को उस पद या रिक्ति के सापेक्ष नियुक्त किया गया है, जिसे भर्ती / नियुक्ति के लिए राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली की अधिसूचना की तारीख अर्थात दिनांक – 22 दिसम्बर, 2003 से पूर्व, विज्ञापित/अधिसूचित किया गया था और दिनांक – 01 जनवरी, 2004 को या उसके पश्चात् सेवा में कार्यभार ग्रहण करने पर राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के अन्तर्गत कवर किया गया है, केन्द्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियमावली, 1972 ( अब 2021) के अधीन कवर किये जाने के लिए एक बार का विकल्प दिया जाए। इस विकल्प का प्रयोग सम्बन्धित सरकारी सेवक दिनांक – 31 अगस्त, 2023 तक कर सकते है”।
भारत सरकार के कार्मिक, लोक शिकायत तथा पेंशन मंत्रालय, भारत सरकार के कार्यालय ज्ञापन संख्या – 57/05/2021 – P&PW (B), दिनांक- 03 मार्च, 2023″ में उल्लिखित व्यवस्था के क्रम में उत्तराखण्ड राज्य द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि ऐसे मामलों में, जहाँ राज्य सरकार के सिविल कर्मचारी को उस पद या रिक्ति के सापेक्ष नियुक्त किया गया है, जिसे भर्ती / नियुक्ति के लिए नवीन पेंशन योजना की दिनांक – 01 अक्टूबर, 2005 से पूर्व विज्ञापित / अधिसूचित किया गया है और दिनांक – 01 अक्टूबर, 2005 या उसके पश्चात् सेवा में कार्यभार ग्रहण करने पर नवीन पेंशन योजना के अन्तर्गत आच्छादित किया गया है। उत्तर प्रदेश सेवानिवृत्ति लाभ नियमावली, 1961, नई पारिवारिक पेंशन योजना, 1965, उत्तराखण्ड सेवानिवृत्तिक लाभ अधिनियम, 2018 एवं उत्तराखण्ड पेंशन हेतु अर्हकारी सेवा तथा विधिमान्यकरण अधिनियम, 2022 के अधीन आच्छादित किये जाने के लिए एक बार का विकल्प दिया जाए। इस विकल्प का प्रयोग सम्बन्धित सरकारी सेवक दिनांक- 15 फरवरी, प्राधिकारी / विभागाध्यक्ष को प्रस्तुत कर सकते है”।
ऐसे सभी सरकारी कर्मचारी जो उपरोक्त प्रस्तर -03 के अनुसार विकल्प का प्रयोग करने के लिए पात्र हैं, परन्तु निर्धारित तिथि तक इस विकल्प का प्रयोग नही करते है, वे नवीन पेंशन योजना द्वारा आच्छादित रहेंगे ।
एक बार प्रयोग किया गया विकल्प, अंतिम होगा
सरकारी कर्मचारी द्वारा विकल्प का प्रयोग करने के आधार पर उत्तर प्रदेश सेवानिवृत्ति लाभ नियमावली, 1961, नई पारिवारिक पेंशन योजना, 1965, उत्तर प्रदेश रिटायरमेन्ट बेनिफिट्स (उत्तरांचल) संशोधन रूल्स, 2005, उत्तराखण्ड सेवानिवृत्तिक लाभ अधिनियम, 2018 एवं उत्तराखण्ड पेंशन हेतु अर्हकारी सेवा तथा विधिमान्यकरण अधिनियम, 2022 के अधीन आच्छादित करने से सम्बन्धित मामले को इस निर्देश के अनुसार उस पद, जिसके लिए ऐसे विकल्प का प्रयोग किया गया है, के नियुक्ति प्राधिकारी के समक्ष विचारार्थ रखा जायेगा। यदि सरकारी कर्मचारी, उक्त के अनुरूप कवर किये जाने के लिए शर्तो को पूरा करता है, तो इन निर्देशों के अनुसार, इस सम्बन्ध में आवश्यक आदेश निर्गत किये जायेंगे। फलस्वरूप, ऐसे सरकारी सेवकों का एन०पी०एस० खाता आदेश निर्गत किये जाने की तिथि से बंद कर दिया जायेगा ।
ऐसे सरकारी कर्मचारी जो उत्तर प्रदेश सेवानिवृत्ति लाभ नियमावली, 1961, नई पारिवारिक पेंशन योजना, 1965, उत्तर प्रदेश रिटायरमेन्ट बेनिफिट्स (उत्तरांचल) संशोधन रूल्स, 2005, उत्तराखण्ड सेवानिवृत्तिक लाभ अधिनियम, 2018 एवं उत्तराखण्ड पेंशन हेतु अर्हकारी सेवा तथा विधिमान्यकरण अधिनियम, 2022 के अधीन पेंशन योजना में अंतरण करने के विकल्प का प्रयोग करते हैं, उन्हें सामान्य भविष्य निधि ( जी०पी०एफ०) की सदस्यता लेनी होगी ।
(i) खातों में कर्मचारियों के अशंदान का समायोजनः
नई पेंशन योजना के अन्तर्गत कर्मचारी एवं राज्य सरकार के अशंदान से निर्मित पेंशन फंड की कुल धनराशि में से कर्मचारी अशंदान को सम्बन्धित कर्मचारी के सामान्य भविष्य निधि ( जी०पी०एफ०) खाते में जमा किया जायेगा । इस धनराशि पर आज की तारीख तक के ब्याज को अनुज्ञात करते हुए खाते का पुर्ननिर्धारण किया जायेगा ।
(ii) राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के अन्तर्गत खातों में सरकारी अशंदान का समायोजन :
इसी प्रकार नई पेंशन योजना के तहत कर्मचारी एवं राज्य सरकार के अशंदान से निर्मित पेंशन फंड की कुल धनराशि में से सरकारी अशंदान को राज्य सरकार के खाते में जमा किया जायेगा ।
(iii) नई पेंशन योजना के तहत कर्मचारी एवं राज्य सरकार के अशंदान से निर्मित पेंशन फंड को निवेश करने पर जो भी वर्धित मूल्य (increased value of subscription on account of appreciation on investments) प्राप्त हो, उसे राज्य सरकार के खाते में जमा किया जायेगा ।
8. उक्त व्यवस्था की लेखांकन प्रक्रिया (accounting procedure) निदेशक, कोषागार, पेंशन एवं हकदारी द्वारा महालेखाकार (A&E) उत्तराखण्ड के परामर्श से उचित समय पर वर्णित की जायेगी ।
9. राज्य के समस्त राजकीय विभागों से अनुरोध है कि इन आदेशों का अनिवार्य रूप से व्यापक प्रचार करते हुए उक्त कार्यालय ज्ञापन दिनांक- 03 मार्च, 2023 के समस्त प्राविधानों को अपने-अपने सरकारी विभाग में यथावत लागू करें। उक्त व्यवस्था के अन्तर्गत सम्बन्धित राजकीय विभाग द्वारा “case to case basis ” पर परीक्षण करते हुए विभागवार निदेशक कोषागार, पेंशन एवं हकदारी को उपलब्ध कराया जायेगा। तदोपरान्त निदेशालय कोषागार द्वारा प्रति परीक्षण कर सम्बन्धित प्रशासकीय विभाग के अनुमोदनार्थ प्रस्तुत कर सम्बन्धित कार्मिक के विकल्प के आधार पर निर्णय लेते हुए आदेश निर्गत किये जायेंगे।