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Wednesday, September 10, 2025
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सरकार मौत का असली आंकड़ा छुपा रही : करन माहरा

देहरादून। हरिद्वार के पावन मनसा देवी मंदिर में आज सुबह हुई भगदड़ की घटना ने पूरे उत्तराखंड को शोक और आक्रोश से भर दिया है। यह हादसा न केवल एक मानवीय त्रासदी है, बल्कि सरकार और प्रशासन की लापरवाही का जीता-जागता सबूत भी है। इस हादसे में अब तक 7 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है, जबकि स्थानीय लोगों का कहना है कि मृतकों की संख्या 15 से अधिक हो सकती है। कई श्रद्धालु अभी भी गंभीर रूप से घायल हैं एवं अस्पतालों में जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं। उत्तराखंड कांग्रेस कमेटी दिवंगत आत्माओं के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करती है, घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की प्रार्थना करती है, और पीड़ित परिवारों के साथ खड़ी है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि यह घटना पूरी तरह से प्रशासन की असफलता और सरकार की लापरवाही का परिणाम है। श्रावण मास शिवरात्रि के बाद का प्रथम शनिवार और रविवार हरिद्वार में अधिक भीड़ का समय होता है। यह बात हर वर्ष प्रशासन को ज्ञात रहती है, फिर भी कोई पुख्ता तैयारी नहीं की गई। प्रदेश में पंचायत चुनाव के मद्देनज़र पुलिसकर्मियों की चुनाव में ड्यूटी लगाई गई हैं। पर्याप्त पुलिस बल होता तो शायद आज इस घटना को रोका जा सकता था। भीड़ नियंत्रण के मानक नियम इस बार पूरी तरह नजर अंदाज किए गए। सीढ़ी वाले रास्ते को भीड़ बढ़ने पर हमेशा वन-वे कर दिया जाता है, लेकिन आज दोनों ओर से आवाजाही चालू रखी गई, जिससे अफरा-तफरी मच गई। मंदिर कमेटी ने पुलिस-प्रशासन के साथ कोई तालमेल नहीं बनाया। भीड़ बढ़ने के बाद  मंदिर प्रशासन को चाहिए था कि पुलिस-प्रशासन को सूचना देकर हालात से अवगत कराया जाए। हादसे के बाद स्थानीय लोगों ने सबसे पहले रेस्क्यू कार्य शुरू किया, जबकि पुलिस को घटनास्थल तक पहुंचने में 20 मिनट का समय लग गया, जिससे कई जानें बचाई नहीं जा सकीं। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मौके पर बचाव कार्यों में अहम भूमिका निभाई। जब प्रशासन मौके पर देर से पहुंचा, तब कांग्रेस महानगर अध्यक्ष अमन गर्ग के नेतृत्व में पार्षद हिमांशु गुप्ता, पार्षद सोहित शेट्टी, अमित गुप्ता (मोंटू), मुरली मनोहर, आशीष प्रधान, वंश गोस्वामी, सत्यम शर्मा तथा अन्य कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जी-जान लगाकर रेस्क्यू और बचाव कार्य में सहयोग दिया। स्थानीय लोगों के साथ मिलकर इन कार्यकर्ताओं ने कई श्रद्धालुओं की जान बचाने में अहम योगदान दिया। सरकार मौत का असली आंकड़ा छुपा रही है. स्थानीय लोगों और प्रत्यक्षदर्शियों से बात करने पर स्पष्ट हुआ कि सरकार असली मौत का आंकड़ा छुपा रही है। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि मृतकों की संख्या 15 के पार जा सकती है, लेकिन प्रशासन सच्चाई सामने नहीं ला रहा।

कांग्रेस की मांगें:

  1. हाईकोर्ट के सिटिंग जज की निगरानी में इस पूरे मामले की न्यायिक जांच कराई जाए।
  2. हादसे के लिए जिम्मेदार अधिकारियों और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए।
  3. मृतकों के परिजनों को 1 करोड़ रुपये का मुआवजा और घायलों के उपचार का संपूर्ण खर्च सरकार वहन करे।
  4. हरिद्वार और अन्य धार्मिक स्थलों के लिए भीड़ प्रबंधन की स्थायी एवं ठोस नीति बनाई जाए।
  5. मृतकों की वास्तविक संख्या सार्वजनिक की जाए और हादसे की पूरी सच्चाई जनता के सामने लाई जाए।

श्री करन माहरा ने कहा की भाजपा सरकार केवल दिखावे और प्रचार में लगी हुई है। श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए जाते। प्रशासन की विफलता ने निर्दोष श्रद्धालुओं की जान ले ली। उन्होंने कहा कि यह दुखद घटना न केवल प्रशासनिक विफलता बल्कि मानव जीवन के प्रति सरकार की लापरवाह सोच को भी उजागर करती है। श्री करन माहरा जी ने आगे कहा कि उत्तराखंड कांग्रेस हरिद्वार हादसे के पीड़ित परिवारों के न्याय के लिए संघर्ष करेगी। जब तक इस घटना के जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई नहीं होती और सच्चाई सामने नहीं आती, कांग्रेस अपनी आवाज उठाती रहेगी। सरकार को जवाब देना होगा कि लापरवाही से हुई इस त्रासदी की जिम्मेदारी आखिर कौन लेगा?

 

 

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