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Friday, September 12, 2025
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दून पुलिस की गिरफ्त में आया अन्तर्राज्जीय नकल गिरोह

देहरादून। एक अन्तर्राज्जीय नकल गिरोह दून पुलिस की गिरफ्त में आ गया हैं। प्रतियोगी परिक्षाओं में दूसरे के स्थान पर परीक्षा दिलवाने वाले गिरोह के सरगना सहित 02 अभियुक्तों को दून पुलिस ने गिरफ्तार किया हैं। अभियुक्तों के कब्जे से परीक्षा के एवज में ली गई 01 लाख रुपये की नगदी बरामद हुई। गिरफ्तार अभियुक्त परीक्षा से पूर्व अभ्यर्थियों से सांठ-गांठ कर साल्वर के माध्यम से परीक्षा दिलवाते थे। परिक्षार्थी तथा साल्वर के फोटो को एप के माध्यम से कनेक्ट कर दोनो से मिलता जुलता फोटो तैयार करते थे। अभियुक्तों द्वारा पूर्व में भी कई प्रतियोगी परीक्षाओं में पैसे लेकर अभ्यर्थियों के स्थान पर साल्वर से परीक्षा दिलवाई गयी थी।

कोतवाली कैन्ट पुलिस को जयकृष्ण पुत्र पूरणचंद केन्द्र अधीक्षक, केन्द्र केवी ओएनजीसी देहरादून द्वारा थाना पर आकर तहरीर दी कि के.वि.ओ.एन.जी.सी देहरादून मे सीबीएसई रिक्रूटमेंट की परीक्षा सीबीएसई द्वारा आयोजित की गयी थी। यह परीक्षा दो पालियों में हुई थी। प्रवेश पत्र के अनुसार गौतम कुमार पासवान पुत्र नत्थू पासवान भी इस परीक्षा में सम्मिलित हुए था, लेकिन 16.00 बजे के आस-पास सीबीएसई की तरफ से टीम आई, जिनके पास परीक्षा में सम्मिलित एक परिक्षार्थी के संदिग्ध होने की खबर आई थी। सीबीएसई द्वारा उक्त परिक्षार्थी के अभिलेखों की छानबीन करने तथा परिक्षार्थी से सख्ती से पूछताछ में करने पर उक्त परिक्षार्थी द्वारा किसी दूसरे उम्मीदवार के स्थान पर परीक्षा दिये जाने की बात कबूल की गई। जिसके आधार पर थाना कोतवाली कैन्ट पर मुकदमा अपराध सख्या 57/2025 धारा: 61(2),319(2),318(4),336(3) भा.न्या.सं. पंजीकृत किया गया। पूछताछ में अभियुक्त द्वारा अपना नाम आयुष कुमार पाठक पुत्र विनय कुमार पाठक बताया गया। पूछताछ के दौरान अभियुक्त आयुष कुमार पाठक पुत्र विनय कुमार पाठक निवासी सिंह थाना नौहटा जिला रोहतास बिहार हाल निवासी हिडाल्को कालोनी रेनूकूट जिला सोनभद्र उत्तर प्रदेश, उम्र 22 वर्ष द्वारा बताया कि वो वर्तमान में प्रयागराज में रहकर एसएससी की तैयारी कर रहा है। लगभग एक साल पहले उसकी मुलाकात प्रणव कुमार निवासी राजगीर नालन्दा बिहार से हुई थी, जो लम्बे समय से बिहार/झारखण्ड के लडकों को विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में पास कराने हेतु ठेका लेते हुए अभ्यर्थियों से मोटी धनराशि वसूलता है तथा अभ्यर्थियों के स्थान पर पेपर देने वाले परिक्षार्थियों को मोटा पैसा देता है। प्रणव कुमार से पटना बिहार में हुई मुलाकात के दौरान उसके द्वारा अभियुक्त को अपनी योजना के विषय में बताते हुए उसे मोटी धनराशि दिये जाने का लालच दिया गया तथा पूर्व में भी उससे 02 अन्य प्रतियोगी परिक्षाओं में अभ्यर्थियों के स्थान पर परीक्षा दिलवाई गई थी। जिसके एवज में प्रणव कुमार द्वारा अभियुक्त को मोटी धनराशि दी गई थी। लगभग तीन चार माह पूर्व प्रणव कुमार द्वारा अभियुक्त से सम्पर्क कर उसे किसी अन्य अभ्यर्थी के स्थान पर सीबीएससी सुप्रीटेन्डेट का पेपर देने तथा उसके एवज में उसे तीन लाख रूपये देने की बात कही गई तथा अभियुक्त का फोटो लेकर उसके कागजात तैयार करवाये गये। प्रणव कुमार अभियुक्त को लेकर देहरादून आया तथा उसे एडमिट कार्ड देते हुए ऑटो से परीक्षा केन्द्र ओएनजीसी केन्द्रीय विद्यालय पहुंचाया। अभियुक्त से पूछताछ में प्रणव कुमार के देहरादून में ही एक होटल में रूके होने की जानकारी प्राप्त हुई। अभियुक्त से पूछताछ के आधार पर तत्काल एक टीम को अभियुक्त की तलाश हेतु रवाना किया गया। टीम द्वारा अभियुक्त के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त करते हुए मुखबिर की सूचना पर अभियुक्त को कोलागढ रोड से गिरफ्तार किया गया। जिसके पास से  परिक्षार्थी से लिये 01 लाख रूपये नगद तथा 03 मोबाईल फोन बरामद किये गये। अभियुक्त से पूछताछ में उसके द्वारा बताया गया कि वह बिहार/झारखण्ड के लडकों से विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षाओं में पास कराने का ठेका लेता है। जिसके बदले में उसे ठीक-ठाक रकम मिल जाती है, अभियुक्त द्वारा गौतम कुमार पासवान पुत्र नाथू पासवान निवासी धनवाद झारखण्ड से सी.बी.एस.सी सुप्रिटेन्डेन्ट की परीक्षा हेतु 10 लाख रुपये में सौदा तय किया था तथा परीक्षा से पूर्व गौतम कुमार पासवान द्वारा अभियुक्त को एक लाख रुपये नगद तथा 25 हजार रूपये पेटीएम के माध्यम से दिये गये थे। बाकी के 08 लाख 75 हजार रूपये गौतम की ज्वाईनिंग के बाद उन्हें मिलने थे। योजना के मुताबिक अभियुक्त द्वारा गौतम के स्थान पर आयुष पाठक को परीक्षा में बैठाया था, जिसको वह अपने साथ लेकर देहरादून आया था। परीक्षा के बाद जब आयुष पाठक ओएनजीसी  केन्द्रीय विद्यालय से वापस होटल नहीं पहुंचा तो अभियुक्त उसे पैदल-पैदल ढूंढने के लिये होटल से परीक्षा केन्द्र की ओर जा रहा था। अभियुक्त पूर्व में भी आयुष पाठक को लगभग 3 से 4 बार अलग-अलग प्रतियोगी परिक्षाओं में दूसरों के स्थान पर बैठा चुका है तथा 10 से 15 बार अन्य लोगों से भी ऐसे ही परीक्षाओं में बैठाकर अदला बदली से परीक्षा दिला चुका है। जिसमें 8-10 लोगों का बिहार, झारखण्ड राज्य की विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं तथा रेलवे व अन्य केन्द्रीय प्रतियोगिता परीक्षाओं चयन भी हो चुका है, जिसके एवज में अभियुक्त को अच्छा पैसा मिला था। अभियुक्त अभ्यर्थी का ऑन लाईन प्रतियोगिता फार्म भरने से पहले ही उससे सैटिंग कर लेता है तथा ऑन लाईन फार्म भरते समय अभ्यार्थी तथा परीक्षा में बैठने वाले सॉल्वर(डुप्लीकेट) दोनों के फोटो को एप के माध्यम से आपस में कनैक्ट कर एक ऐसा फोटो बनाते हैं जो लगभग दोनों से मेल खाता है, उक्त फोटो को फार्म/प्रवेश पत्र हेतु अपलोड कर देते हैं, जिससे प्रवेश पत्र के फोटो से नकली अभ्यर्थी की पहचान नहीं हो पाती है, साथ ही परिक्षार्थियों की आई डी के लिये उक्त फोटोग्राफ पर ही एक पैनकार्ड भी बना देते हैं जो परीक्षा के दौरान आईडी के काम आता है। ओएनजीसी में आयोजित परीक्षा में आधार से  बायोमैट्रिक के कनैक्ट होने के कारण उक्त परीक्षा में सीबीएसई द्वारा धांधली को पकड़ा गया था। जबकि इससे पूर्व की परिक्षाओं में अभियुक्त कभी भी पकड में नही आये थे।

 

 

 

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