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Tuesday, December 3, 2024

केदारघाटी के प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण

देहरादून 05 अगस्त। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों के अनुपालन में सोमवार को सचिव लोक निर्माण विभाग पंकज कुमार पांडेय, गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडेय तथा सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन ने केदारघाटी के प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया। इसके उपरांत उन्होंने प्रभावित स्थलों तथा मार्गों का स्थलीय निरीक्षण भी किया। इस दौरान उन्होंने सोनप्रयाग से गौरीकुंड तथा गौरीकुंड से केदारनाथ के बीच क्षतिग्रस्त मार्गों का स्थलीय निरीक्षण किया तथा संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ पुनर्निर्माण के कार्यों हेतु समयबद्ध योजना बनाने को लेकर चर्चा की ताकि सभी कार्य अविलंब शुरू किए जा सकें। उन्होंने क्षतिग्रस्त मार्गों का जायजा लेते हुए संबंधित अधिकारियों को सोनप्रयाग से गौरीकुंड के बीच वाशआउट सड़क मार्ग को पुनर्स्थापित करने के लिए प्राथमिकता से प्लानिंग तैयार कर अविलंब कार्य शुरू करने के निर्देश दिए। निरीक्षण के बाद उच्च अधिकारियों ने पैदल यात्रा को 07 दिन में सुचारू करने को लेकर अधिकारियों के साथ विस्तृत कार्ययोजना पर चर्चा की। इसके लिए अनिवार्य पुनर्निमाण कार्यों का एस्टीमेट तैयार कर 2 से 3 दिनों के भीतर कार्य शुरू करने के निर्देश दिए। इस दौरान उच्च अधिकारियों ने सड़क एवं पैदल मार्गों का त्वरित गति से निर्माण करने के लिए हर साइट पर अलग ठेकेदार को काम दिया जाए। हर साइट पर एक एई और एक जेई तैनात किया जाए। लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया कि गौरीकुंड के समीप मौजूद घोड़ा पड़ाव के पास करीब 15 मीटर हिस्सा वाशआउट हो गया है, इसके अलावा जंगलचट्टी में 60 मीटर हिसा वाशआउट है। उक्त दोनों साइट्स पर कार्य करना सबसे ज्यादा चुनौतीपूर्ण रहेगा, इन्हें मिलाकर कुल 29 साइट्स पर कार्य किया जाना है। इस दौरान उच्च अधिकारियों ने बड़े क्षतिग्रस्त मार्गों में निर्माण कार्य हेतु कम से कम पचास लोगों को तैनात करने तथा जिन मार्गों एवं स्थानों पर कम क्षति हुई है, वहां 10 लोग तैनात करने के निर्देश दिए। इसके अलावा पोकोलैंड को बड़ी साइट्स पर तैनात करने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं नदी तथा नालों से हो रहे भूकटाव को रोकने के लिए चैनलाइजेशन के कार्य किए जाने के निर्देश उच्च अधिकारियों द्वारा दिए गए। सचिव, आपदा प्रबन्धन एवं पुनर्वास श्री विनोद कुमार सुमन ने बताया कि दिनांक 31.07.2024 को अतिवृष्टि के कारण केदारनाथ यात्रा मार्ग में विभिन्न स्थानों पर रुके यात्रियों को सुरक्षित निकालने के लिए व्यापक स्तर पर खोज और बचाव अभियान चलाया जा रहा है। मुख्यमंत्री स्वयं इस अभियान की पल-पल की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। उनके द्वारा इस आपदा के कारण केदारनाथ तथा केदारनाथ यात्रा मार्ग पर फंसे लोगों के रेस्क्यू के लिए पूरी क्षमता के साथ खोज बचाव तथा राहत कार्य कराये जाने के निर्देश दिए गए हैं।  उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री के द्वारा दिये गये निर्देशों के क्रम में दिनांक 04.08.2024 को सांय 05ः00 बजे तक केदारनाथ धाम से 138 लोगों को, भीमबली तथा लिंचोली से 2409 लोंगों को तथा चीड़बासा (गौरीकुण्ड) से 75 लोगों को, इस प्रकार कुल 2622 लोगों को एयरलिफ्ट किया गया है। भीमबली तथा लिंचोली से लगभग 567 लोगों को चौमासी-कालीमठ के रास्ते निकाला गया है तथा गौरीकुण्ड से सोनप्रयाग हेतु लगभग 7185 लोगों को सकुशल निकाला गया है। इस प्रकार 01 अगस्त  से 04 अगस्त तक कुल 10,374 लोगों को सकुशल निकाला गया है। उन्होंने बताया कि केदारनाथ मार्ग में लगातार घने बादल छाए रहने से रेस्क्यू कार्य में व्यवधान उत्पन्न हो रहा है, लेकिन आज दिनांक 05.08.2024 को सुबह मौसम साफ रहने के कारण भारतीय वायुसेना द्वारा उपलब्ध कराए गए चिनूक हेलीकॉप्टर द्वारा 02 चक्कर लगाकर 65 यात्रियों, MI-17 हेलीकॉप्टर द्वारा 03 चक्कर लगाकर 61 यात्रियों तथा स्टेट हैली द्वारा 10 यात्रियों को, इस प्रकार सोमवार को कुल 136 यात्रियों का रेस्क्यू किया गया है, जिसमें बीमार, बुजुर्ग व महिलाएं शामिल है। इसके अलावा 05 अगस्त को लगभग 509 लोगों को केदारनाथ जी से लिंचौली तक पैदल लाकर लिंचौली से इनको हैलीकॉप्टर के माध्यम से चारधाम हैलीपेड, सिरसी हैलीपेड आदि स्थानों पर पहुंचाया गया है। इसके अलावा गौरीकुंड से सोनप्रयाग होते हुए 584 तथा चौमासी के रास्ते 172 यात्रियों को निकाला गया। इस प्रकार कुल 1401 यात्रियों का रेस्क्यू किया गया। इस प्रकार 05अगस्त सांय तक श्री केदारनाथ धाम से 274 लोगों को लिंचौली और भीमबली से 2918 लोगों को तथा चीड़बासा (गौरीकुण्ड) से 75 लोगों को इस प्रकार कुल 3267 लोगों को एयरलिफट किया गया है तथा गुप्तकाशी, चारधाम हैलीपेड, गौचर हेलीपेड, सिरसी हैलीपेड आदि स्थानों पर लाया गया है। भीमबली तथा लिंचौली से पैदल मार्ग से अब तक कुल 739 लोगों को चौमासी कालीमठ तक लाया गया है। इसी प्रकार गौरीकुण्ड से सोनप्रयाग तक कुल 7769 लोगों को वापस लाया गया है। इस प्रकार 05 अगस्त को सांय 05ः00 बजे तक कुल 11,775 लोगों को सुरक्षित वापस लाया गया है। वर्तमान में गौरीकुण्ड से सभी को सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया गया है। गौरीकुण्ड में कोई भी यात्री शेष नहीं है। वर्तमान में वहाँ पर रहने वाले स्थानीय निवासीगण, दुकानदार, डोली पालकी संचालक, घोड़े खच्चर संचालक आदि रह रहें हैं। वर्तमान में भीमबली तथा लिंचौली से भी अधिकांश यात्रियों को सकुशल रेस्क्यू कर लिया गया है। वर्तमान में लिंचौली में कोई यात्री शेष नहीं है। वर्तमान में केदारनाथ धाम में लगभग 50 यात्री स्वेच्छा से रुके हुए हैं। केदारनाथ धाम में लगभग 50 लोगों के अलावा तीर्थ पुरोहित, स्थानीय दुकानदार, स्थानीय निवासी, पालकी डोली संचालक, घोड़े खच्चर संचालक आदि भी है। जो भी लोग नींचे आना चाहते हैं, माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा उनको भी आवश्यकतानुसार रेस्क्यू किये जाने के निर्देश दिये गये है। मुख्यमंत्री द्वारा केदारनाथ यात्रा मार्ग पर रुके हुए लोगों को खाने पीने तथा आश्रय की समुचित व्यवस्था बनाए जाने के निर्देश दिये गए है, तथा सभी के लिए निःशुल्क खाने-पीने की व्यवस्था की गई है। वर्तमान में केदारनाथ जी में 15 से अधिक दिनों हेतु खाद्य सामग्री उपलब्ध है, भीमबली में 7 कुंतल चावल, 2.50 कुंतल आटा,2.50 कुन्तल दाल, 7 किलो चाय पत्ती पर्याप्त मात्रा में पानी की बोतल, मसाले, ड्राई फ्रूट आदि सामग्री 02.08.2024 से 03.08.2024 तक हेलीकॉप्टर की मदद से पहुँचाई गयी है। इसी प्रकार चौमासी में दिनाँक 03.08.2024 को 50 किलो आटा, 50 किलो चावल, 50 किलो आलू 5 किलो नमक, 10 किलो नमक, 10 किलो तेल, 10 किलो दाल, 30 किलो चीनी, 888 पानी की बोतल तथा अन्य सामग्री पहुँचायी गयी है। वहीं स्थानीय दुकानदारों, घोड़े-खच्चर एवं डोली-पालकी संचालकों, खोज एवं बचाव कार्यों में लगी टीम के सदस्यों तथा विभिन्न निर्माण कार्यों में लगे मजदूरों के लिए भी फूड पैकेट्स की व्यवस्था की गई है। मुख्यमंत्री के द्वारा खोज बचाव तथा राहत कार्य में तेजी लाये जाने के निर्देश दिये गये हैं। मुख्यमंत्री के निर्देशों के अनुपालन में खोज-बचाव तथा राहत कार्यों में मानव शक्ति बढ़ायी गयी है। 03अगस्ततक खोज व बचाव तथा राहत कार्य में कुल 882 लोग कार्य कर रहे थे। दिनांक 04.08.2024 को इसमें और 278 लोगों को बढ़ाया गया है। 04.08.2024 को खोज-बचाव तथा राहत कार्य में कुल 1166 लोग कार्य कर रहे हैं। मुख्यमंत्री द्वारा वृहद स्तर पर खोज-बीन के निर्देश दिये गये हैं। मुख्यमंत्री के निर्देश के क्रम में गौरीकुंड से केदारनाथ यात्रा मार्ग पर वृहद स्तर पर खोजबीन की जा रही है। खोज-बचाव कार्य में NDRF, SDRF पुलिस, प्रशासन तथा यात्रा मैनेजमेंट टास्क फोर्स के लोगों को लगाया गया है। इनके द्वारा लगातार खोजबीन की जा रही है। इसके अलावा सेना, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ के डॉग स्क्वायड को भी खोज-बचाव अभियान में शामिल किया गया है। दिनांक 05.08.2024 को वृहद स्तर पर चलाये गये खोजबीन अभियान के दौरान गौरीकुंड तथा केदारनाथ मार्ग के मध्य मलबे में एक व्यक्ति का शव बरामद किया गया है। उक्त व्यक्ति की पहचान गौतम पुत्र श्री संजय निवासी- जगाधरी, यमुनानगर, हरियाणा के रूप में हुयी। इस प्रकार 31.07.2024 से अतिथि तक गौरीकुंड- श्री केदारनाथ यात्रा मार्ग पर 03 यात्रियों के शव बरामद हुये है। जिन लोगों से उनके परिजनों का सम्पर्क नहीं हो पा रहा है उनकी खोजबीन हेतु चलाया जा रहा है।

विशेष अभियान-

मुख्यमंत्री द्वारा ऐसे सभी लोगों से संपर्क किये जाने के निर्देश दिये गये हैं जिनके परिजनों से संपर्क नहीं हो पा रहा है। ऐसे सभी लोगों को कॉल कर सम्पर्क किया जा रहा है तथा अधिकांश लोगों से सम्पर्क हो भी गया है। दिनांक 31.08.2024 को हुई अतिवृष्टि के कारण केदारनाथ जी, गौरीकुंड तथा केदारनाथ गौरीकुंड पैदल यात्रा मार्ग पर दूरसंचार सेवाएं बाधित हुई थी तथा इस कारण कुछ लोगों द्वारा इस बारे में कई तरह की आशंकाएं व्यक्त की जा रही थी। दिनांक 02.08.2024 को केदारनाथ जी में WHATS APP के माध्यम से कॉल करने की सुविधा दी गयी है। दिनांक 03.08.2024 को गौरीकुंड में BSNL की दूरसंचार सेवा बहाल कर दी गयी है। जिन लोगों से सम्पर्क नहीं होने की बात की जा रही थी, पुलिस द्वारा ऐसे लोगों से सम्पर्क करने का प्रयास किया गया। दिनांक 05.08.2024 को पुलिस द्वारा सम्पर्क किये जाने पर अधिकांश लोगों से संपर्क हो गया है। पुलिस द्वारा लगातार अन्य लोगों से संपर्क करने का प्रयास किया जा रहा है। यदि किसी व्यक्ति को यात्रा करने वाले उसके परिजनों से संपर्क नहीं हो पाया है वह जिला प्रशासन तथा पुलिस प्रशासन द्वारा इस हेतु जारी किये गये दूरभाष नम्बरों पर सम्पर्क कर अपने परिजनों के बारे में जानकारी प्राप्त की जा सकती है। यदि अभी भी कुछ लोग ऐसे पाये जाते हैं जिनसे सम्पर्क नहीं हो पा रहा है तो उसका एक कारण यह हो सकता है कि वह कहीं रास्ते में हो अथवा उनका मोबाइल स्विच ऑफ हो गया हो। रेस्क्यू के दौरान तथा रेस्क्यू के उपरान्त रेस्क्यू किये गये व्यक्तियों का स्वास्थ्य परीक्षण किये जाने की व्यवस्था की गयी है। ताकि किसी भी यात्री को स्वास्थ्य सम्बन्धी परेशानी होने पर समय पर समुचित इलाज किया जा सके, साथ ही एनडीआरएफ और जिला प्रशासन द्वारा गौचर हेलीपैड में एक मेडिकल कैम्प भी लगाया गया है। वर्तमान में चारधाम यात्रा मार्ग पर तथा केदारनाथ धाम में स्थिति सामान्य है। यात्रा मार्ग पर तथा केदारनाथ धाम में सभी लोग पुरी तरह से सुरक्षित हैं। राहत एवं बचाव कार्य पूरी क्षमता के साथ किया जा रहा है।

 

 

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