25.2 C
Dehradun
Sunday, July 6, 2025

केंद्र सरकार की आरडीएसएस योजना के तहत लगाए जा रहे स्मार्ट प्रीपेड मीटर

देहरादून, 06 फरवरी। घरों में लगाए गए मीटर भले ही नए हों, लेकिन स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगने के बाद वह पुराने हो जाएंगे। अब आधुनिक तकनीक के मीटर लगाए जा रहे हैं, जिनसे कंज्यूमर्स को कई फायदे होंगे। केंद्र सरकार की आरडीएसएस योजना के तहत उत्तराखंड में स्मार्ट विद्युत मीटर लगाने का कार्य शुरू हो गया है। ऊर्जा निगम ने इसकी शुरुआत तेज गति से की है। तीनों ऊर्जा निगमों के कर्मचारियों और अधिकारियों के आवास से शुरू हुआ स्मार्ट मीटर लगाने का कार्य अब घरेलू उपभोक्ताओं के घरों तक पहुंच गया हैं। ऊर्जा निगम की ओर से कुमाऊं क्षेत्र में अडानी ग्रुप को इस कार्य का जिम्मा सौंपा गया है, जिसमें लगभग 6.25 लाख मीटर और गढ़वाल क्षेत्र में जीनस कंपनी की ओर से लगभग 9.62 लाख मीटर की स्थापना की जाएगी। सभी मीटर निशुल्क लगाए जाएंगे। ऊर्जा निगम के डायरेक्टर ऑपरेशन ने बताया कि स्मार्ट मीटर एक ऐसा आधुनिक मीटर है, जिसका कंट्रोल उपभोक्ताओं के हाथों में होगा। इससे पल-पल के बिजली उपयोग की जानकारी, जरुरी सूचनाएं, बिजली के उपयोग की तुलना सहित आसान पेमेंट विकल्प मिलते हैं। निगम की ओर से अडानी व जीनस कंपनी को केंद्र सरकार की ओर से जारी मानक बोली दस्तावेज में निहित नियमानुसार निविदा अवार्ड होने के पश्चात ही स्मार्ट मीटर लगाने का कार्य दिया गया है। डायरेक्टर ऑपरेशन ने बताया कि अडानी ग्रुप की ओर से देश के अन्य राज्यों में भी स्मार्ट मीटर लगाने का कार्य गतिमान है, जिसमें बिहार, असम, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश आदि राज्य सम्मिलित हैं। इस योजना के अंतर्गत स्मार्ट मीटर प्रणाली की स्थापना का कार्य न केवल उत्तराखंड राज्य बल्कि पूरे देश में 45 से भी अधिक निजी कंपनियों के माध्यम से किया जा रहा है।

अडानी समूह से मिली जानकारी के अनुसार “कुमाऊं क्षेत्र में, अडानी समूह ने उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन के लिए स्मार्ट मीटर लगाने के लिए 800 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजना शुरू की है, जो पारंपरिक बिजली मीटरों को स्मार्ट प्रीपेड मीटरों से बदलने की भारत सरकार की योजना के अनुरूप है।”

उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड के अधिकारियों के अनुसार उत्तराखंड में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने के साथ ही उपभोक्ताओं को सिक्योरिटी राशि लौटाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। प्रदेश में 15 लाख 87 हजार उपभोक्ताओं के घरों पर स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे और हर उपभोक्ता की लगभग 2400 रुपये तक की जमा सिक्योरिटी राशि उन्हें लौटाई जाएगी। यूपीसीएल के प्रबंध निदेशक के अनुसार उपभोक्ता चाहें तो यह राशि अपने बिल में समायोजित कर सकते हैं या इसे प्रीपेड मीटर के रिचार्ज के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं, जिससे वे बिना रिचार्ज किए भी बिजली उपयोग कर सकेंगे। यूपीसीएल ने स्पष्ट किया है कि स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने के लिए उपभोक्ताओं से कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा यह पूरी तरह निशुल्क सेवा है। अक्टूबर 2024 मे सबसे पहले तीनों ऊर्जा निगमों के कर्मचारियों और अधिकारियों के आवास पर प्रीपेड मीटर लगने का काम शुरू हुआ था। इसके बाद मुख्यमंत्री आवास, राजभवन और सरकारी कार्यालयों में इस प्रक्रिया को पूरा किया गया, साथ ही आम उपभोक्ताओं के लिए भी प्रीपेड मीटर लगवाने की प्रक्रिया शुरू की गई। अब इस प्रक्रिया को तेज कर दिया गया हैं।

केंद्रीय विद्युत और आवास एवं शहरी कार्य मंत्री श्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में 16 जनवरी, 2025 को नई दिल्ली में “पुनर्निर्मित वितरण क्षेत्र योजना (आरडीएसएस) के कार्यान्वयन” विषय पर चर्चा हेतु विद्युत मंत्रालय के लिए सांसदों की परामर्शदात्री समिति की बैठक आयोजित की गई थी। जिसमे कहा गया की  स्मार्ट मीटर से उपभोक्ताओं और वितरण कंपनियों दोनों को लाभ होगा, क्योंकि इससे बिलिंग में त्रुटियां कम होंगी, ऊर्जा दक्षता बढ़ेगी और उपयोगकर्ताओं को अधिक सुविधा मिलेगी।

आरडीएसएस के बारे में :- भारत सरकार ने 3,03,758 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ पुनर्गठित वितरण क्षेत्र योजना (आरडीएसएस) शुरू की, जिसमें केंद्र सरकार से 97,631 करोड़ रुपये का अनुमानित सकल बजटीय समर्थन (जीबीएस) शामिल है। इस योजना को वित्तीय रूप से टिकाऊ और परिचालन की दृष्टि से कुशल वितरण क्षेत्र के माध्यम से उपभोक्ताओं को आपूर्ति की गुणवत्ता और विश्वसनीयता में सुधार लाने के उद्देश्य से तैयार किया गया है। इस योजना का उद्देश्य अखिल भारतीय स्तर पर एटीएंडसी घाटे और एसीएस-एआरआर के अंतर को कम करना है। इस योजना की अवधि (वित्त वर्ष 2021-22 से वित्त वर्ष 2025-26 तक) यानी 5 वर्ष है। योजना के तहत फंड जारी करने को परिणामों और सुधारों से जोड़ा गया है। यह योजना राज्यों को सुधार से जुड़े अनुकूलित उपायों को अपनाने और राज्यों की विशिष्ट आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर संबंधी कार्यों की योजना बनाने की अनुमति देती है। सभी वितरण उपयोगिताएं यानी सभी वितरण कंपनियां (डिस्‍कॉम) और राज्य/संघ राज्य क्षेत्र के बिजली विभाग, निजी क्षेत्र की डिस्‍कॉम को छोड़कर, इस योजना के तहत वित्तीय सहायता के लिए पात्र हैं। इस योजना में दो भाग हैं:-

भाग ए- प्रीपेड स्मार्ट उपभोक्ता मीटरिंग, स्मार्ट/संचार प्रणाली मीटरिंग और वितरण संबंधी इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर के उन्नयन के लिए वित्तीय सहायता।

भाग बी – प्रशिक्षण, क्षमता निर्माण आदि

प्रगति की समीक्षा :- अब तक निगरानी समिति (एमसी) की 45 (45) बैठकें आयोजित की जा चुकी हैं। 19.79 करोड़ स्मार्ट उपभोक्ता मीटरों को कवर करने वाले स्मार्ट मीटरिंग कार्य, 52.53 लाख वितरण ट्रांसफार्मर (डीटी) मीटरों और 2.1 लाख फीडर मीटरों को कवर करने वाले सिस्टम मीटरिंग कार्यों को मंजूरी दी गई है। इसके अलावा, 32 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के लिए 1.48 लाख करोड़ रुपये के नुकसान कम करने के कार्यों को मंजूरी दी गई है। अब तक 1.12 लाख करोड़ रुपये के कामों को मंजूरी दी जा चुकी है, जो कार्यान्वयन के विभिन्न चरणों में हैं। इसके अलावा, स्मार्ट मीटर के काम में भी तेजी आई है। अब तक लगभग 11.5 करोड़ स्मार्ट उपभोक्ता मीटर, 45 लाख डीटी मीटर और 1.70 लाख फीडर मीटर दिए जा चुके हैं और उनकी स्थापना की जा रही है। प्रस्तुति में असम और बिहार की उपयोगिताओं के लिए स्मार्ट मीटर द्वारा किए गए सकारात्मक प्रभाव और बदलाव पर भी प्रकाश डाला गया। विश्लेषण के अनुसार, असम में लगभग 44 प्रतिशत उपभोक्ताओं ने खपत पर नज़र रखने और सटीक बिलिंग के माध्यम से स्मार्ट मीटर की स्थापना के बाद प्रति माह लगभग 50 यूनिट की बचत की है। इसने असम और बिहार की वितरण कंपनियों को घाटे को कम करने में भी मदद की है, जिसका लाभ अंततः उपभोक्ताओं को मिलेगा। स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने की रणनीति भी प्रस्तुत की गई। इसमें बताया गया कि स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने की शुरुआत सरकारी प्रतिष्ठानों और उसके बाद वाणिज्यिक और औद्योगिक श्रेणी के उपभोक्ताओं और उच्च भार वाले उपभोक्ताओं से की जानी चाहिए। इन श्रेणियों के उपभोक्ताओं के लिए लाभ के प्रदर्शन के आधार पर, अन्य श्रेणी के उपभोक्ताओं के लिए स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जाएंगे। इसके अलावा, स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने वाले उपभोक्ताओं को बिलों में छूट दी जाएगी।

उत्तराखंड के साथ ही देशभर में लगाए जा रहे स्मार्ट प्रीपेड मीटर

– कुमाऊं में अडानी कंपनी लगा रही 6.25 लाख स्मार्ट मीटर

– गढ़वाल क्षेत्र में जीनस कंपनी की ओर से लगाए जा रहे 9.62 लाख मीटर

– कंज्यूमर्स के हाथ में होगा मीटर का कंट्रोल, जितनी जलाओगे बिजली उतना ही करना पड़ेगा चार्ज

– घर बैठे मोबाइल फोन से 90 रुपए से रिचार्ज हो जाएगा प्रीपेड स्मार्ट मीटर

 

 

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

spot_img
spot_img
spot_img

Stay Connected

22,024FansLike
0FollowersFollow
0SubscribersSubscribe

Latest Articles

- Advertisement -spot_img
error: Content is protected !!