देहरादून, उत्तराखंड में भाजपा ने कांग्रेस को एक बड़ा झटका दिया है। नैनीताल सीट से पूर्व विधायक तथा महिला कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष सरिता आर्य ने सोमवार को भाजपा का दामन थाम लिया। उनके साथ महिला कांग्रेस की कथित उपाध्यक्ष रेखा बोरा गुप्ता व सचिव वंदना गुप्ता भी भाजपा में शामिल हो गईं। सरिता आर्य के भाजपा में शामिल होने के समय मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि सरिता आर्य के आने से भाजपा नैनीताल जिले में ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश में मजबूत होगी। उन्होंने कहा कि सरिता आर्य लम्बे समय से महिला उत्थान के लिए काम कर रही हैं। उनका पूरे प्रदेश में एक नेटवर्क है। उस पूरे नेटवर्क का भाजपा को लाभ होने वाला है। उधर, कांग्रेस ने सरिता आर्य को पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में छह साल के लिए निष्कासित कर दिया। सरिता आर्य के साथ भाजपा में शामिल होने वाली जिस रेखा बोरा गुप्ता को महिला कांग्रेस की उपाध्यक्ष और वंदना गुप्ता को महिला कांग्रेस की प्रदेश सचिव बताया जा रहा है उनके बारे में कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री संगठन मथुरादत्त जोशी ने कहा है कि वे कांग्रेस की सदस्य भी नहीं हैं।
सरिता आर्य कांग्रेस से नाराज चल रही थी। बीते दिनों यशपाल आर्य के पुत्र नैनीताल विधायक संजीव आर्य के कांग्रेस ज्वाइन करते ही समीकरण बदले तो पिछले 5 साल से तैयारी में लगी सरिता आर्य ने नैनीताल विधानसभा टिकट को लेकर कांग्रेस में बगावती तेवर दिखाए थे और कहा था कि यूपी की तर्ज पर उत्तराखंड कांग्रेस को भी कम से कम 40 महिलाओं को विधानसभा चुनाव में टिकट देना चाहिए परन्तु जब अध्यक्ष का ही टिकट सुरक्षित नहीं तो मई किस कार्यकर्त्ता की पैरवी कैसे करुँगी। आज सोमवार को अचानक सरिता आर्य भाजपा के प्रदेश कार्यालय पहुंची। यहां मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने कहा कि महिला कांग्रेस की पूरी टीम का उनके साथ आना इस बात की पुष्टि करता है कि कांग्रेस महिलाओं का सम्मान नहीं करती है और उनका महिलाओं के प्रति अच्छा रवैया नहीं है।

सरिता आर्य साल 2003 में नैनीताल नगर निगम की अध्यक्ष पद पर रहीं। साल 2012 में उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर नैनीताल विधानसभा क्षेत्र से जीत हासिल की थी। हालांकि, 2017 के चुनाव में उन्हें बीजेपी के संजीव आर्य से हार का सामना करना पड़ा था। अब संजीव आर्य बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में आ गए हैं और सरिता आर्य कांग्रेस से बीजेपी में चली गई हैं। माना जा रहा है कि इस बार भी नैनीताल सीट पर मुकाबला इन्हीं दोनों के बीच होगा। इस मौके पर उन्होंने कहा कि वह किसी शर्त पर भाजपा में नहीं आई हैं। पार्टी जो भी निर्णय लेगी, वह अपनी सेवाएं देंगी। जब उनसे उनका टिकट मिलने की शर्त पर भाजपा में आने का सवाल पूछा गया तो वह सिरे से टाल गई।