देहरादून, भागवत कथा का आयोजन दिनांक 13 मार्च से 19 मार्च तक प्रमोद पंत रवि पंत एवं समस्त परिवार आईटी पार्क स्थित डांडा लखोड मैं किया जा रहा है प्रसिद्ध कथा वाचक दिल्ली निवासी पंडित राकेश चंद्र डुकलान भागवती के सानिध्य में श्रीमद् भागवत कथा का पूरी धार्मिक परंपरा के साथ शुभारंभ किया गया भागवत कथा के चौथे दिन भगवान श्री कृष्ण के जन्म पर कथा सुनाई गई उन्होंने कहा कि भगवान कृष्ण में जन्म से ही सिद्धियां मौजूद थी उनके पिता वासुदेव माता देवकी की विवाह के समय जब मामा कंस अपनी बहन देवकी को ससुराल पहुंचाने जा रहे थे तभी एक आकाशवाणी हुई जिसमें बताया गया कि देवकी के आठवें पुत्र के हाथों कंस का वध होगा इसके बाद वासुदेव और देवकी को कंस ने कारागार में डाल दिया अष्टमी के दिन की रात्रि में कंस के कारागार के सभी ताले टूट गए और सभी सैनी गहरी नींद में सो गए आकाश में बादल छाने लगे और भयंकर बारिश होने लगी इसके बाद श्री कृष्ण का जन्म हुआ श्री कृष्ण चंद्रवंशी हैं और चंद्रदेव उनके पूर्वज, भगवान श्री कृष्ण का रात्रि में जब जन्म हुआ तब पूरे ब्रह्मांड का वातावरण सकारात्मक हो गया देवी देवता मंगल गीत गाने लगे और ईश्वर का गुणगान करने लगे पृथ्वी से लेकर इंद्रलोक तक चारों तरफ ईश्वर के आने की खुशी थी जब ईश्वर ने पृथ्वी पर जन्म लिया तो देवी देवताओं ने स्वर्ग से फूल बरसाए आचार्य पंडित राकेश शुक्ला जी महाराज ने कहा श्रीमद् भागवत कथा से ही जीवन का कल्याण है जहां भागवत कथा का गुणगान होता है वहां प्रभु दर्शन देते हैं श्रीमद् भागवत कथा नेे हमें भगवान श्री कृष्ण के विश्व कल्याण के लिए जो संदेश दिया है उसकी आज समाज को जरूरत है हमें हमेशा प्रभु को हाथ जोड़कर जीवन व्यतीत करना चाहिए। इस भागवत कथाााा का आयोजन प्रमोद पंत रवि पंत परिवार की ओर सेे किया जा रहा है।
कथावाचक व्यास राकेश डुकलान की संगीत मंडली में सदस्य पंडित कृष्णानंद मुंडेपी, मनोज नवानी, सर्वेंद्र ध्यानी,जनार्दन नौटियाल, भवानी प्रसाद नौटियाल, पंडित महावीर पंथ आदि।
बिपिन नौटियाल