- बिल से किसानों को बिजली टैरिफ में मिल रही सब्सिडी हो जाएगी समाप्त
- किसानों को प्रति माह बिजली बिल का 8 से 10 हजार रुपये करना पड़ेगा भुगतान
देहरादून, उत्तरांचल पावर इंजीनियर्स एसोसिएशन ने कृृषि कानूनों और इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेट बिल 2020 की वापसी की मांग को लेकर पिछले सात दिनों से आंदोलन कर रहे किसानों को अपना समर्थन दिया है।
उत्तरांचल पावर इंजीनियर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष इं. युद्धवीर सिंह तोमर और महासचिव इं. मुकेश कुमार ने प्रेस का जारी बयान में कहा कि इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल 2020 का ड्राफ्ट जारी होते ही बिजली इंजीनियरों ने इसका पुरजोर विरोध किया था। इस बिल में किसानों को बिजली टैरिफ में मिल रही सब्सिडी समाप्त करने के साथ ही लागत से कम मूल्य पर किसानों सहित किसी भी उपभेक्ता को बिजली नहीं देने का प्रावधान किया गया है।
दोनों पदाधिकारियों ने कहा कि किसानों की आशंका निराधार नहीं है। इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेट बिल 2020 और बिजली वितरण के निजीकरण से सब्सिडभ् समाप्त हो जाएगी और बिजली की दरें 10 से 12 रुपये प्रति यूनिट हो जाएगी। ऐसे में किसानों को बिजली के बिल का 8 से 10 हजार रुपये प्रति माह का न्यूनतम भुगतान करना पड़ेगा।