देहरादून, की बेटी अमृता चिटकारिया ने हाल ही में अपनी उपलब्धियों के खाते में एक और विशिष्ट उपलब्धि दर्ज़ करवाई है।अमृता ने असिस्टेंट प्रोफ़ेसर पद के लिए आयोजित की जाने वाली यू0 जी0 सी0 नेट परीक्षा 99.99 परसेंटाइल सहित उत्तीर्ण की है। साथ ही उन्हें ‘जूनियर रिसर्च फेलोशिप’ के लिए भी चयनित किया गया है। इस वर्ष उनके विषय कंप्यूटेशनल लिंग्विस्टिक में कुल 929 अभ्यर्थियों में से कुल 45 अभ्यर्थियों का चयन नेट हेतु एवम मात्र 06 ही अभ्यर्थियों का चयन JRF के लिए हुआ है। जिनमें से वे भी एक हैं। अमृता ने विगत वर्ष भी नेट की परीक्षा अपने पहले ही प्रयास में 98.21 प्रतिशत अंकों से उत्तीर्ण की थी। इस वर्ष लॉक डाउन की स्थिति में भी बिना किसी कोचिंग के केवल अपने परिश्रम के बूते अमृता ने यह उपलब्धि प्राप्त की है।
गौरतलब है कि सितम्बर माह में आयोजित यू0 जी0 सी0 नेट की परीक्षा में इस वर्ष लगभग 5 लाख 27 हज़ार परीक्षार्थी सम्मिलित हुए थे। जबकि मात्र 41 हज़ार अभ्यर्थी ही सफ़ल हुए। विगत वर्ष की तुलना में इस वर्ष कट ऑफ बढ़कर 70% से 73% हो गयी
अमृता ने दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रतिष्ठित सेंट स्टीफंस कॉलेज से इंग्लिश ऑनर्स किया है। जहाँ बैच टॉपर रहने पर उन्हें सम्मानित किया गया एवम साथ ही उन्हें जापान के बैंक ऑफ मित्सुबिशी से स्कॉलरशिप भी प्राप्त हुई। अमृता वर्तमान में एशिया की प्रतिष्ठित इंग्लिश एंड फॉरेन लैंग्वेज यूनिवर्सिटी ( EFLU ) में कंप्यूटेशनल लिंग्विस्टिक से मास्टर्स डिग्री के द्वितीय वर्ष में अध्ययनरत हैं।
अमृता के पिता सुरेन्द्र चिटकारिया, देहरादून जिला न्यायालय में अधिवक्ता हैं जबकि माँ आरती चिटकारिया टिहरी गढ़वाल के राजकीय कन्या इंटर कॉलेज में प्रधानाचार्या के पद पर कार्यरत हैं। अमृता के परिजन उनकी इन उपलब्धियों से बेहद उत्साहित हैं। अमृता के माता – पिता ने कहा कि उन्हें अपनी बेटी पर गर्व है जिसने समय समय पर अपनी विभिन्न उपलब्धियों से प्रदेश तथा अपने परिवार का सम्मान बढ़ाया है।
अमृता की आकांक्षा है, कि भविष्य में वे कंप्यूटेशनल लिंग्विस्टिक से प्रदेश की लोक भाषाओं के क्षेत्र में शोध कार्य करें। जो अब तक नहीं किया गया है।साथ ही वह समाज के पिछड़े एवम वंचित वर्ग की बालिकाओं के लिए भी कुछ सकारात्मक एवम सार्थक कार्य करने की आकांक्षा रखती हैं।