- सीएम तीरथ सिंह रावत रात 11 बजे तीरथ सिंह रावत गवर्नर हाउस पहुंचकर आधिकारिक तौर पर गवर्नर को अपना इस्तीफा सौंप देंगे
- कल शनिवार को 3 बजे बीजेपी विधायक दल की बैठक होगी, उसके बाद फिर नए सीएम का एलान कर दिया जाएगा।
देहरादून 2 जुलाई, उत्तराखंड के सीएम तीरथ सिंह रावत ने बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा को अपना इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने इस्तीफे में जनप्रतिधि कानून की धारा 191 ए का हवाला दिया है और कहा है कि वो अगले 6 महीने में चुनकर दोबारा नहीं आ सकते। घटनाक्रम को देखते हुए लगता है कि उत्तराखंड में मुख्यमंत्री बनने वालों को अपना कार्यकाल शायद ही पूरा करने को मिलेगा। अब तक का रिकॉर्ड तो यही बताता है कि एक नारायण दत्त तिवारी को छोड़कर ऐसा कोई दूसरा मुख्यमंत्री नहीं हुआ, जिसने अपना कार्यकाल पूरा किया हो। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने अभी अपना कार्यकाल के 100 दिन ही पूरे किए थे कि संवैधानिक कारणों का हवाला देते हुए उन्होंने अपना इस्तीफा पार्टी हाईकमान को सौंप दिया है। सूत्रों का कहना है कि वह रात 11 बजे के लगभग वे राज्यपाल उत्तराखंड के पास पहुंचेंगे और उन्हें अपना इस्तीफा सौंप देंगे।
कहा जा रहा है कि जेपी नड्डा को भेजे अपने खत में तीरथ सिंह रावत ने कहा, “मैं संवैधानिक बाध्यता के चलते 6 महीने के अंदर दोबारा नहीं चुना जा सकता। । इसलिए अब पार्टी के सामने मैं अब कोई संकट नहीं पैदा करना चाहता और इसलिए मैं अपने पद से इस्ताफा दे रहा हूं। आप मेरी जगह किसी नए नेता का चुनाव कर लें।”
मुख्यमंत्री रावत ने इस्तीफे की औपचारिकता पूरी करने के बाद 9:30 वह पत्रकार वार्ता करेंगे इसके बाद उन्होंने रात में उत्तराखंड के राज्यपाल से मिलने के लिए समय मांगा है। बताया जा रहा है कि रात 11 बजे तीरथ सिंह रावत गवर्नर हाउस पहुंचकर आधिकारिक तौर पर गवर्नर को अपना इस्तीफा सौंप देंगे।
बताया जा रहा है कि उपचुनाव ना होने के कारण उनके मुख्यमंत्री पद पर संवैधानिक संकट आ खड़ा हुआ था। संवैधानिक परिस्थितियों के चलते उनका जाना तय माना जा था। क्यों कि विधानसभा चुनाव से छह महीने पहले उपचुनाव नहीं होंगे। अगले साल जनवरी में होना है विधानसभा चुनाव का एलान। तीरथ सिंह रावत अभी किसी सदन के सदस्य नहीं, सीएम बने रहने के लिए 6 महीने के भीतर सदन का सदस्य बनना ज़रूरी है, तीरथ सिंह रावत 10 मार्च 2021 को मुख्यमंत्री बनाए गए थे और वो 10 सितंबर तक ही सीएम बने रह सकते थे। सीएम रहते हुए तीरथ सिंह ने दिए कई विवादित बयान भी इसका कारण हो सकते हैं।
उत्तराखंड में बीजेपी आलाकमान किसको अगला सीएम बनाएगी, ये तो वक्त बताएगा, लेकिन अभी चार नेताओं के नाम आगे चल रहे हैं. इनमें सतपाल महाराज और धन सिंह रावत शामिल हैं। बाकि इस वक्त सियासी गलियारों में तमाम नेताओं के नामों की अटकलें लगाई जा रही हैं। फिलहाल उत्तराखंड की राजनीति एक मजाक बनकर रह गई है और यहां मुख्यमंत्रियों को बदलना मौसम बदलने के समान हो गया है। बार-बार मुख्यमंत्री बदलने से भारतीय जनता पार्टी की विश्वसनीयता भी प्रदेश के अंदर प्रभावित हो रही है जिसका असर निश्चित तौर पर आने वाले चुनावों में भी पड़ेगा।