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Monday, July 7, 2025

शहरी स्वास्थ्य मिशन शहरी गरीबों के लिये वरदान, पिछले साल 4 लाख से ज्यादा लोग लाभान्वित

  • शहरी गरीबों के लिये वरदान है शहरी स्वास्थ्य मिशनः डॉ धन सिंह रावत
  • पांच जनपदों के 38 स्वास्थ्य केन्द्रों पर संचालित की जा रही है योजना
  • विगत वर्ष 4 लाख से अधिक शहरी गरीबों ने उठाया योजना का लाभ

देहरादून 2 मार्च, सूबे में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को लगातार मजबूत किया जा रहा है। राज्य सरकार विभिन्न स्वास्थ्य योजनाओं के माध्यम से दूरस्थ क्षेत्रों से लेकर शहरी इलाकों में आम लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने में जुटी है। इसी क्रम में राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन कार्यक्रम के तहत प्रदेश के पांच जनपदों के 38 शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर शहरी गरीब आबादी को स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराई जा रही हैं। योजना के अंतर्गत पिछले वित्तीय वर्ष में चार लाख से अधिक मरीजों को निःशुल्क उपचार दिया गया जबकि ई-संजीवनी के माध्यम से 1 लाख 16 हजार से अधिक लोगों को टेलीकांसल्टेंसी सुविधा दी गई।

चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने मीडिया को जारी एक बयान में बताया कि राज्य में राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन के माध्यम से प्रदेश के शहरी क्षेत्रों की गरीब आबादी को स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिये दृढ संकल्पित है। प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों से लेकर शहरी इलाकों में स्वास्थ्य सुविधाओं को लगातार मजबूत किया जा रहा है। डॉ रावत ने बताया कि प्रदेश के पांच जनपदों देहरादून, हरिद्वार, पौड़ी, नैनीताल एवं ऊधमसिंह नगर की शहरी आबादी के लिये राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन के तहत स्वास्थ्य सेवाएं संचालित की जा रही है। योजना के तहत 38 शहरी प्राथमिक केन्द्र संचालित किये जा रहे हैं, जिसमें देहरादून, हरिद्वार, रूड़की एवं हल्द्वानी में लोक निजी सहभागिता (एनजीओ) के माध्यम से प्राथमिक केन्द्र स्थापित किये गये हैं जबकि 11 प्राथमिक केन्द्र राजकीय सहभागिता से संचालित किये जा रहे हैं। इन शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर अप्रैल 2022 से जनवरी 2023 तक चार लाख 19 हजार 714 मरीजों का इलाज किया गया। इसके साथ ही एएनसी के लिये 23 हजार 456 गर्भवतियों का पंजीकरण कराया गया, जबकि एक लाख 72 हजार 654 विभिन्न पैथालोजी जांच की जा चुकी है। विभागीय मंत्री ने बताया कि शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के रूप में भी काम कर रही हैं, जिसमें स्वास्थ्य गतिविधियों के साथ-साथ योग सत्र भी शुरू कर दिये गये हैं। इसके अलावा स्वास्थ्य केन्द्रों पर ई-संजीवनी रेफरल संचालित की जा रही है, जिसके अंतर्गत अबतक 1 लाख 16 हजार 555 टेलीकांसल्टेंसी प्रदान की जा चुकी है। शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर 1114 महिला आरोग्य समितियां कार्यरत हैं जो शहर की मलिन बस्तियों में महिला स्वास्थ्य जागरूकता, सशक्तिकरण, आजीविका संवर्धन आदि विभिन्न गतिविधियों के संचालन में सहयोग करेंगी। विभागीय मंत्री ने बताया कि प्रदेश में शहरी स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत बेहतर कार्य करने के लिये सेलमपुर, रूड़की के शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र को वर्ष-2022 के लिये कायाकल्प गुणवत्ता पुरस्कार भी मिल चुका है। इसी योजना के अंतर्गत भूपतवाला, जनपद हरिद्वार तथा मेहूंवाला जनपद देहरादून में 30-30 बेड के शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों की स्थापित की जा रही है जिसका निर्माण कार्य अंतिम चरण में है। उन्होंने बताया कि 15वें वित्त आयोग के अंतर्गत यूपीएचसी में निःशुल्क डायग्नोस्टिक सेवाएं भी शुरू कर दी गई है, जिसके तहत 53 जांचों का अतिरिक्त लाभ शहरी गरीब आबादी को मिल सकेगा।

शहरी स्वास्थ्य मिशन के उद्देश्य –सूबे में संचालित शहरी स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत शहरी आबादी में प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना, गर्भवती महिलाओं एवं बच्चों की देखभाल, टीकाकरण, एएनसी, पीएनसी की सेवाएं देना तथा परिवार कल्याण की स्थाई एवं अस्थाई विधियों हेतु पात्र दम्पतियों संदर्भित करना है। इसके अलावा अपने-अपने क्षेत्रों राष्ट्रीय कार्यक्रमों को संचालित कराना, सभी शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों को हेल्थ एवं वेलनेस सेंटर के रूप में भी संचालित करना है।

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