- उच्च शिक्षा में नए आयाम स्थापित करेगा एकेडमिक क्रेडिट्स बैंकः डा. धनसिंह रावत
- राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रावधानों के तहत राज्य में बनेगी उच्च शिक्षा की कार्य योजना
- नई शिक्षा नीति के अंतर्गत यूजीसी ने जारी की अधिसूचना
- उच्च शिक्षा के क्षेत्र में छात्र-छात्राएं स्वेच्छा से चुन सकेंगे पाठ्यक्रम
देहरादून, 29 जुलाई, केन्द्र सरकार द्वारा उच्च शिक्षा के क्षेत्र में नई शिक्षा नीति के अंतर्गत एकेडमिक क्रेडिट्स बैंक की स्थापना और संचालन को लेकर अधिसूचना जारी की गई है। जिस पर राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत ने खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि नई शिक्षा नीति के अंतर्गत एकेडमिक क्रेडिट्स बैंक लागू होने से उच्च शिक्षा के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित होंगे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में केन्द्रीय उच्च शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान द्वारा लिया गया यह क्रांतिकारी फैसला है जिसके लिए वह बधाई के पात्र। इसके लागू होने से देशभर में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में कई अहम बदलाव आयेंगे।
उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. रावत ने कहा कि राज्य में उच्च शिक्षा की कार्ययोजना राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत तैयार करने के निर्देश विभागीय अधिकारीयों को दिए हैं। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति के अंतर्गत उच्च शिक्षा में विद्यार्थियों के अकादमिक क्रेडिट्स खाते खोले जायेंगे। जिसमें विद्यार्थी अध्ययन किये गये पाठ्यक्रमों से अर्जित शैक्षणिक क्रेडिट्स का स्टोर और ट्रांसफर कर सकेंगे। इन्हीं स्कोर के आधार पर विश्वविद्यालय अथवा स्वायत्त महाविद्यालय विद्यार्थियों को डिग्री, डिप्लोमा या प्रामणपत्र प्रदान करेंगे। डा. रावत ने कहा कि यह एक राष्ट्रीय स्तर की सुविधा है जो उच्च शिक्षण संस्थानों में पाठ्यक्रम का फ्रेमवर्क लचीला बनाने और छात्रों की इंटरडिसिप्लिनरी या मल्टीडिसिप्लिनरी एकेडमिक मोबिलिटी को बढ़ावा देने के लिए है। इसके अंतर्गत विद्यार्थियों को अपनी इच्छानुसार पाठ्यक्रम चुनने के साथ-साथ मल्टीपल एंट्री-मल्टीपल एग्जिट की सुविधा दी जायेगी। जो किसी भी समय, कहीं पर भी और किसी भी स्तर की शिक्षा हासिल करने के सिद्धांत पर आधारित है। यानि विद्यार्थी अगर कॉलेज की पढ़ाई बीच में छोड़ देता है तो उसकी पढ़ाई बेकार नहीं जाएगी और यदि वह दोबारा पढ़ाई शुरू करना चाहता है तो उसकी व्यवस्था भी नई शिक्षा नीति के अंतर्गत की गई है। एकेडमिक क्रेडिट बैंक की स्थापना देश और राज्य के छात्रों को राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा का वातावरण उपलब्ध कराते हुए उनमें गुणात्मक परिवर्तन लाने का कार्य करेगा । भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत एकेडमिक क्रेडिट बैंक की स्थापना छात्रों को शिक्षा के बेहतर अवसर के साथ नयी सम्भावनाए प्रदान करेगा । इसके साथ ही संस्थाओं को भी बेहतर उच्च शिक्षा उपलब्ध कराने की दिशा में सार्थक प्रयास के लिए प्रेरित करेगा ।
डा. रावत ने कहा कि क्रेडिट बैंक एकदम बैंक के जमा खाते की तरह ही होगा, जिसमें एकेडमिक एकाउंट होल्डर छात्र होंगे। छात्रों को इसमें क्रेडिट सत्यापन, क्रेडिट संचयन, क्रेडिट हस्तांतरण या इन्हें भुनाने के साथ एकेडमिक अवार्ड के प्रमाणीकरण जैसी सेवाओं का लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रावधानों के तहत उच्च शिक्षा में बदलाव के लिए राज्य अपनी पूरी तैयारी कर रहा है और उच्च शिक्षा में गुणात्मक परिवर्तन लाते हुए देश में मॉडल राज्य बनने की दिशा में अग्रसर है।