- भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने फास्टैग खाते में न्यूनतम राशि बनाए रखने की अनिवार्यता की ख़त्म
- इस कदम का मकसद इलेक्ट्रॉनिक टोल प्लाजा पर स्मूथ व् बाधारहित आवाजाही सुनिश्चित करना है।
- 15 फवरी से टोल नाकों पर भुगतान फस्टैग से कराना अनिवार्य होगा।
देहरादू/नयी दिल्ली 11 फरवरी, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने बुधवार को कहा कि उसने फास्टैग खाते में न्यूनतम बैलेंस बनाए रखने की बाध्यता को खत्म करने का फैसला किया है।
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) से मिली जानकारी के अनुसार, अब फास्टैग को जारी करने वाले बैंक सिक्योरिटी डिपॉजिट के अलावा कोई मिनिमम बैलेंस रखना अनिवार्य नहीं कर सकते। पहले विभिन्न बैंक फास्टैग में सिक्योरिटी डिपोजिट के अलावा मिनिमम बैलेंस रखने के लिए भी कह रहे थे। कोई बैंक 150 रुपये तो कोई बैंक 200 रुपये का मिनिमम बैलेंस रखने को कह रहे थे।
एनएचएआई ने एक बयान में कहा, ‘‘यातायात की स्मूथ व् बाधारहित आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए और टोल प्लाजा पर लगने वाले समय को कम करने तथा फास्टैग की पहुंच को बढ़ाने के लिए एनएचएआई ने फास्टैग खाते या वॉलेट में अनिवार्य रूप से न्यूनतम राशि रखने की जरूरत को खत्म करने का फैसला किया है, जिसे यात्री खंड (कार, जीप, वैन) के लिए सुरक्षा जमा के अतिरिक्त देना होता था।’’
बयान में कहा गया कि जारीकर्ता बैंक एकतरफा रूप से सुरक्षा जमा राशि के अलावा फास्टैग खाते की कुछ राशि को रोक रहे है।इसके चलते कई फास्टैग इस्तेमाल करने वालों को अपने फास्टैग खाते में पर्याप्त राशि होने के बावजूद टोल प्लाजा से गुजरने की अनुमति नहीं दी गई। बयान में कहा गया कि इसके चलते टोल प्लाजा पर अवांछित झंझट और देरी हुई।
बयान में कहा गया है कि एनएचएअई ने अब फैसला किया है कि ग्राहकों को अब टोल प्लाजा से गुजरने की तब तक अनुमति दी जाएगी, जब तक कि फास्टैग वॉलेट में निगेटिव बैलेंस नहीं है। यदि फास्टैग अकाउंट में कम पैसे हैं तो भी कार को टोल प्लाजा पार करने की अनुमति मिलेगी। भले ही टोल प्लाजा पार करने के बाद फास्टैग अकाउंट निगेटिव क्यों नहीं हो जाए। यदि कार चालक या ग्राहक उसे रिचार्ज नहीं करता है तो निगेटिव खाते की राशि बैंक सिक्योरिटी डिपॉजिट से वसूल कर सकता है।
15 फवरी से टोल नाकों पर भुगतान फस्टैग से कराना अनिवार्य होगा।