- टिहरी के समाज कल्याण अधिकारी पर गिरी गाज
- अंतरधार्मिक विवाह प्रोत्साहन योजना संबंधी विवादित प्रेस नोट पर मुख्यमंत्री ने दिए थे जांच के आदेश
- प्रभारी समाज कल्याण अधिकारी को किया हल्द्वानी निदेशालय में अटैच
देहरादून, 1 दिसम्बर टिहरी के प्रभारी जिला समाज कल्याण अधिकारी को विवादित प्रेस नोट जारी करना भारी पड़ गया। सरकार ने उनको टिहरी जनपद से हटाने के आदेश जारी कर दिए हैं। फिलहाल उनको निदेशालय हल्द्वानी में अटैच कर दिया है। अभी प्रकरण में विस्तृत जांच रिपोर्ट मिलनी बाकी है। इसके बाद अधिकारी पर बड़ी कार्रवाई हो सकती है।
उल्लेखनीय है कि नवम्बर माह के पहले पखवाड़े में टिहरी के प्रभारी समाज कल्याण अधिकारी पर अंतरजातीय व अंतरधार्मिक विवाह प्रोत्साहन योजना के लिए आवेदन की जानकारी वाले प्रेस नोट जारी करने का आरोप लगे। प्रकरण को सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने संज्ञान लिया था। उस दौरान सीएम ने मामले की जांच के आदेश दे दिए थे। मुख्य सचिव ओम प्रकाश को मामले की जांच के आदेश देकर उन्होंने पूछा कि आखिर किन परिस्थितियों में यह आदेश जारी हुआ। इस प्रकरण में प्राथमिक जांच रिपोर्ट मिलने के बाद आज मंगलवार को सरकार ने प्रभारी जिला समाज कल्याण अधिकारी दीपांकर घिल्डियाल को तत्काल हटाने के आदेश जारी कर दिए हैं। निदेशक विनोद गोस्वामी ने आदेश जारी कर कहा कि फिलहाल प्रभारी समाज कल्याण अधिकारी घिल्डियाल को निदेशालय में अटैच कर दिया है। जल्द टिहरी में नए अधिकारी की तैनाती की जाएगी।
क्या था पूरा मामला
प्रभारी समाज कल्याण अधिकारी ने प्रेसनोट जारी कर कहा था कि अंतरधार्मिक और अंतरजातीय विवाह राष्ट्रीय एकता की जागृत रखने और समाज में एकता बनाए रखने में यह योजना काफी सहायक सिद्ध हो सकती है। ऐसे विवाह पर सरकार योजना के तहत 50 हजार रुपये का अनुदान देती है। समाज कल्याण अधिकारी का यह आदेश सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और इसके बाद इसे लेकर राजनीति शुरु हो गई।इस प्रकरण को राजनीतिक पार्टियों ने सीधा लव जिहाद से जोड़ा था