- देहरादून के पॉश इलाके बसन्त विहार में चल रहा था फर्जी अन्तराष्ट्रीय काल सेन्टर
- विदेशों में रहने वाले विषेशकर सिनियर सिटिजन तथा विकंलागं व सेना से रिटायर अधिकारियों एवं कर्मचारियों को बनाते थे शिकार
- एसटीएफ एवं साईबर क्राईम पुलिस स्टेशन उत्तराखण्ड की संयुक्त कार्यवाही
- पकडे गए पांच युवको से 21 कम्पयूटर, 8 मोबाईल, इन्टरनेशनल टाईम जोन देखने के लिए 3 घड़ी, एक फोर्चुनर कार और चार लाख चैतीस हजार रुपए कैश बरामद किये
देहरादून 15 जनवरी, बढ़ते साईबर अपराधों के परिप्रेक्ष्य में साईबर अपराधी आम जनता की गाढ़ी कमाई हेतु अपराध के नये-नये तरीके अपनाकर धोखाधड़ी कर रहे है। इसी परिपेक्ष्य में उत्तराखण्ड के देहरादून जनपद के बसन्त विहार थाना क्षेत्रान्तर्गत चल रहे फर्जी अन्तर्राष्ट्रीय काल सेन्टर का खुलासा।
एसटीएफ इंचार्ज ने बताया कि, पता चला कि देहरादून में एक ऐसा कॉल सेन्टर संचालित हो रहा है जो विदेशों में रहने वाले विषेशकर सिनियर सिटिजन तथा विकंलागं व सेना से रिटायर अधिकारियों एवं कर्मचारियों का फर्जी तरीके से Social Security Number(SSN) नम्बर (जैसा कि भारत में आधार कार्ड नम्बर है) हैकरों के द्वारा प्राप्त कर के उनका व्यक्तिगत् विवरण ले कर उन नम्बरों पर Voice Over Internet Protocol (VOIP) कॉल (उनके देश का नम्बर कॉल पर प्रर्दशित कर) करके पुलिस अधिकारी या लॉ इन्फोरसमेन्ट एजेन्सी का अधिकारी बन कर उन्हे अलग-अलग प्रकार से डरा कर जैसे कि, आप जो काम करते है वो गैर कानूनी है या उनके बैंक एकाउन्ट का किसी ऐसे एकाउन्ट से सम्बन्ध है जो कि, अवैघ कार्य (वैश्यावर्ती/अनाधिकृत लेनदेन/जुऐं का पैसा) से सम्बन्धित है तथा आपके SSN नम्बर से एक पता और जुड़ा है जहाँ अवैध हथियार या नशा तस्करी का समान बरामद हुआ है, और आपके खिलाफ कानूनी कार्यवाही होनी है, आप और आपका परिवार जेल जा सकता है और उसमें आपके सभी बैंक खाते सीज हो जाऐगें और सारा पैसा जब्त हो जायेगा इसके अतिरिक्त कोरोना काल में उनकी बीमा पालिसी पर स्कीम व बोनस का लालच देकर उनको कुछ गिफ्ट कार्ड प्रदान कर उनमें कुछ धनराशि के निवेश के नाम पर धोखाधड़ी करके या उन लोगों को विश्वास में लेकर उनके गिफ्ट कार्ड की जानकारी हासिल कर सारी धनराशी अपने खातों में ट्रासॅफर करा लेते है। इस तरह डॉलर में रकम प्राप्त करके भारत में करोड़ो रूपये प्रतिमाह कमाते है।
चूकिः शिकायतकर्ता विदेश में होते है वो शिकायत अपने देश में कराते है जो कि, भारत की लॉ इनफोर्समेन्ट एजेन्सियों तक नही आ पाती है जिससे इनके विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही नही हो पा रही थी तथा इस प्रकार कॉल सेन्टर भारत में केवल रात्रि को ही संचालित होते है क्योंकि अमेरिका एवं अन्य यूरापियों देशों में उस समय दिन होता है। इस तरह के कृत्य से भारत देशों के लोगों की छवि भी ख़राब हो रही थी ।
ख़ुफ़िया सूचना के आधार पर प्रभारी एसटीएफ द्वारा एसटीएफ के अपर पुलिस अधीक्षक स्वन्त्रत कुमार एवं पुलिस उपाधीक्षक अकुंश मिश्रा के नेतृत्व में इंस्पेक्टर पकंज पोखरियाल, सब इंस्पेक्टर उमेश कुमार एवं DOT (Department Of Telecommunication) एवं साईबर पुलिस थाना देहरादून तथा थाना बसन्तबिहार की एक संयुक्त टीम का गठन किया गया।
उक्त संयुक्त टीम द्वारा दिनांक 14 जनवरी की देर रात्रि में बसन्त विहार थाना क्षेत्रान्तर्गत क्वीन्स टावर पर फर्जी अन्तराष्ट्रीय कॉल सेन्टर पर दबिश दी गयी जो कि, एक बहुमंजिला ईमारत में चल रहा था जिसमें मौके पर मौजूद कर्मचारियों से पूछताछ की गयी तो उन्होंने कोई सन्तोषजनक जवाब नहीं दिया। पूछताछ के दौरान उन्होंने बताया कि, हम लोग पहले दिल्ली में काम करते थे। बाद में हम लोग हमारे सीनियर जो कि, दिल्ली व नोएडा में रहते हैं उनके द्वारा हमें दिये गये डेटाबेस के आधार पर हम लोग देहरादून से इस कॉल सेन्टर से अमेरिका में रहने वाले सीनियर सिटीजन एवं विकलांग व्यक्तियों को फोन करके उनके साथ इस प्रकार की धोखाधड़ी कर उनकी धनराशि अपने सीनियरों के खातों में ट्रान्सफर करवाते हैं।
पकड़े गये अभियुक्तगण आयुष्मान मल्होत्रा व अन्य से पूछताछ पर यह पर यह पता चला कि, उनके मुख्य सहयोगी उनको जो डेटाबेस उपलब्ध कराते हैं जिस पर उनको एक निर्धारित लक्ष्य दिया जाता है जो कि, उनको पूरा करना होता है जिस पर कार्य करने पर उनको एक निर्धारित वेतन व कमीशन दिया जाता है तथा अपने मुख्य सहयोगियों से वो लोग व्हाटसअप ग्रुप के माध्यम से जुडे हैं जिसके माध्यम से उनको डेटाबेस, स्क्रीप्ट व आडियो मिलते हैं कि, उनको किस प्रकार से लोगों से वार्तालाप करनी है। अभियुक्तों से पूछताछ में कई करोड़ रुपयों की धनराशि का अवैध लेनदेन की बात भी प्रकाश में आई हैं। जिससे निकट भविष्य में दिल्ली में निवासरत घटना के अन्य मास्टरमाईन्डों द्वारा संचालित किये जा रहे पूरे गिरोह का भी भण्डाफोड़ हो सकता है। उपरोक्त घटना के सम्बन्ध में थाना वसन्त विहार पर विभिन्न धाराओं में मुकद्दमा पंजीकृत किया गया है। कार्यवाही के दौरान पाया गया कि, कॉल सेन्टर की विभिन्न दीवारों पर लगी तीन दीवार घड़ियों पर अलग-अलग समय प्रदर्शित हो रहा था, जिससे स्पष्ट था कि, घड़ियों में जो समय प्रदर्शित हो रहा था वह अलग-अलग देशों का टाईम जोन देखने के लिए प्रयोग की जा रही थी। वर्तमान में अभियुक्तगण प्रगति विहार अपार्टमेन्ट बसन्त बिहार में किराये के फ्लैट में रह रहे थे। मौके से गिरफ्तार युवक दानिश अत्री पुत्र चन्दू अत्री उम्र 25 वर्ष, निवासी विष्णु गार्डन नई दिल्ली, संदीप गुप्ता पुत्र रामनैन गुप्ता उम्र 22 वर्ष निवासी मंगोलपुरी नई दिल्ली, अर्चित विलफ्रिड पुत्र सुरक्षित रोनेन उम्र 26 वर्ष निवासी शनि मन्दिर कैनाल रोड देहरादून, नारायण अधिकारी पुत्र जग पाराशर अधिकारी उम्र 21 वर्ष निवासी सैक्टर 07 रोहिणी नई दिल्ली, आयुष्मान मल्होत्रा पुत्र अजय मल्होत्रा उम्र 27 वर्ष निवासी शहादरा नई दिल्ली