देहरादून, उत्तर प्रदेश, पंजाब समेत पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित किए जा रहे हैं। उत्तराखंड की सभी 70 सीटों पर अब धीरे-धीरे परिणाम आने शुरू हो गए हैं। अब तक 55 सीटों पर नतीजे घोषित हो चुके हैं। जिसमें से भाजपा ने 37 पर दर्ज की जीत की है और 10 पर बढ़त बना रखी है। यानि भाजपा की दोबारा सरकार बनने जा रही है। इस बार विधानसभा चुनाव में कुछ उलटफेर भी देखने को मिले हैं जहाँ इस चुनाव में सीएम पद के दोनों प्रत्याशी हरीश रावत और पुष्कर धामी चुनाव हार कर रेस से बाहर हो गए हैं वहीँ बहुचर्चित सीट लैंसडौन में दिलीप रावत (जिनका टिकट हरक सिंह की वजह से खटाई में पड़ा हुआ था) ने अपनी जीत की हैट्रिक लगाई है, उत्तराखंड राजनीती के पुरोधा कहे जाने वाले हरक सिंह रावत भी अपनी प्रतिष्ठा नहीं बचा पाए। उत्तराखंड में भाजपा छोड़ कांग्रेस में शामिल हरक सिंह रावत की पेशे से मॉडल रही बहू अनुकृति गुसाईं का विधानसभा चुनाव 2022 में कोई जादू नहीं चला। पहली बार चुनाव लड़ रही अनुकृति गुसाईं को हार का मंह देखना पड़ा। उनको भाजपा के दिलीप सिंह रावत ने हराया है।
लैंसडौन सीट के चुनावी परिणामों की बात करें तो भाजपा के दिलीप सिंह रावत को 24504 वोट मिले हैं, जबकि अनुकृति गुसाईं महज 14636 वोटों तक ही सीमित रहीं। आम आदमी पार्टी के नरेंद्र सिंह को महज 304 वोट और यूकेडी के आनंद प्रकाश को सिर्फ 843 मतो मिलें हैं। पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत की लाख कोशिशों के बावजूद भी उनकी बहू चुनाव नहीं जीत पाईं हैं। कांग्रेस में शामिल हरक सिंह रावत ने अपनी बहू के लिए धुआं-धार प्रचार भी किया था, साथ ही कांग्रेस के कई स्टार प्रचार गुसाईं को जीत दिलाने में असफल साबित हुए।
बताते चलें अति महत्वकांशी डॉ हरक सिंह रावत को चुनाव जीतने का महारथी माना जाता है वह आज तक कभी कोई विधानसभा चुनाव नहीं हारे हैं और काफी कम उम्र में ही मंत्री बन गए थे, यही उनकी टीस भी रही है कि 90 के दशक के करीब योगी और त्रिवेंद्र उनके सामने महज एक कार्यकर्ता थे जब वह यूपी सरकार में मंत्री थे।