देहरादून : आरक्षण बिल प्रवर समिति द्वारा लटकाये जाने से गुस्साए राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी की महिला कार्यकर्ताओं ने देहरादून मे विधानसभा भवन के सामने ही सरकार का पुतला फूंका।
राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवप्रसाद सेमवाल ने कहा कि आंदोलनकारी आरक्षण पर विचार के लिए गठित विधानसभा प्रवर समिति का कार्यकाल बढ़ाने से साफ है कि राज्य सरकार पर इस विषय पर राजनीति कर रही है।
सुलोचना ईस्टवाल ने आरोप लगाते हुए कहा कि ऐसा लगता है कि भाजपा आंदोलनकारी आरक्षण के सवाल को लोकसभा चुनाव तक ले जाना चाहती है। ताकि लोकसभा चुनावों में इसका लाभ मिल सके। इससे साफ है कि सरकार का लक्ष्य आंदोलनकारी का सम्मान करना नहीं बल्कि वोट हासिल करना है।
उत्तराखंड आंदोलनकारी सुशीला पटवाल ने कहा कि सरकार किसी ना किसी बहाने से आंदोलनकारियों के वाजिब हक को टाल रही है। विधेयक में पहले देर की गई, उस पर कई कमियां छोड़कर इसे प्रवर समिति के हवाले कर ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। अब किसी ना किसी बहाने समिति की रिपोर्ट में देरी की जा रही है।
राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी की वरिष्ठ नेता मनोरमा चमोली ने कांग्रेस पर भी जमकर आक्रोश व्यक्त किया। उन्होने कहा कि समिति में मौजूद विपक्ष के विधायकों को जानकारी और बैठक के लिए निमंत्रण भेजा गया था और विपक्ष के विधायकों द्वारा प्रवर समिति की इस महत्वपूर्ण बैठक में आने को लेकर अपना कंफर्मेशन भी दिया गया था, लेकिन आखिरी समय पर विपक्ष के विधायकों द्वारा समिति की बैठक में ना पहुंच कर यह दिखाया गया है कि वह प्रदेश के आंदोलनकारी के मुद्दों को लेकर बिल्कुल भी संवेदनशील नहीं हैं।वह किसी भी तरह से राज्य आंदोलनकारियों और उनके परिजनों के साथ नहीं है।
व्यापक आंदोलन की चेतावनी
आरक्षण बिल पास होने में देरी होने से गुस्साए राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी ने आक्रोश जताया कि सरकार ने पहले भी आंदोलनकारियों के आरक्षण बिल को 7 से 8 साल तक राजभवन में लटकाए रखा, लगातार आवाज उठाने के बाद पिछले विधान सभा में इस बिल का विधेयक पास हुआ लेकिन सराकर ने फिर इसे प्रवर समिति को सौंप दिया है और प्रवर समिति ने इस बिल को 2 महीने के लिए टांग दिया है।
उन्होने आशंका जताई है कि इस बिल का हाल भी लोकायुक्त बिल के जैसा होगा, इसलिए इसके विरोध में आंदोलनकारी सरकार का पुतला दहन कर रहे हैं। पार्टी ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने आरक्षण बिल जल्दी पास नही किया तो पार्टी इसके लिए व्यापक आंदोलन करेगी।
ये प्रमुख कार्यकर्ता रहें शामिल
आदोलन में उपेन्द्र सकलानी,संजय डोभाल, शैलबाला ममंगाई, राजेन्द्र गुसाईं, अनीता नेगी, सुरेन्द्र चौहान, मंजू हर्षवाल, पद्मा रौतेला, सीमा मुंडानी, उमा खंडूरी, राजेंद्र गुसांई, संजय तितोरिया, गोविंद अधिकारी, सुरेंद्र यादव,हंसी देवी, जगदम्बा बिष्ट, यशोदा रावत, सुशीला पटवाल, तुलसी डोभाल,लीलादेवी नौटियाल, कुसुम खंखरियाल, आरती रतूड़ी, दिव्या चौहान,सुशीला पटवाल, मीना थपलियाल, सुमन भण्डारी, रंजना नेगी, रिक्की कुकरेती, मोहिनी, मनोरमा चमोली, शालिनी चमोली, रेनू नवानी, रचना नौटियाल, शोभा भंडारी, कुसुम खखरियाल,आरती देवी आदि लोग प्रमुख रूप से शामिल थे।