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Monday, December 23, 2024

कृषि कानूनों के विरोध में राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस इंटक की बैठक

देहरादून 13 जनवरी, राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस इंटक के प्रदेश अध्यक्ष पूर्व मंत्री हीरा सिंह बिष्ट की अध्यक्षता में आज इंटक ऑफिस में देहरादून जनपद महानगर इंटक युवा इंटक के पदाधिकारियों की महत्वपूर्ण बैठक में 15 जनवरी को कांग्रेस पार्टी द्वारा काले कृषि कानूनों के विरोध में आहूत महामहिम राज्यपाल को ज्ञापन देने संबंधी कार्यक्रम में हिस्सेदारी निभाने का निर्णय लिया गया है। उत्तराखंड देहरादून के समस्त पदाधिकारी 15 जनवरी को दिन 11 बजे इंटक ऑफिस कांग्रेस भवन में एकत्रित हो जाएंगे जहां से प्रदेश इंटक अध्यक्ष बिष्ट के नेतृत्व में कांग्रेस द्वारा आयोजित रैली में इंटक के कार्यकर्ता सम्मिलित होंगे।
इंटक की बैठक में मोदी सरकार द्वारा विगत वर्ष श्रमिक कानूनों मे बेतहाशा किए गए संशोधन जिनके कारण श्रमिकों की सामाजिक सुरक्षा का आवरण समाप्त किया गया है, पर गंभीर चिंता व्यक्त की गई तथा इंटक प्रदेश अध्यक्ष ने देश में व्याप्त भ्रष्टाचार महंगाई बेरोजगारी से त्रस्त जनता मुख्य रूप से महिलाएं और युवाओं की परेशानी को मोदी सरकार द्वारा अनदेखी किए जाने की जनविरोधी नीति की घोर निंदा की तथा पुरानी पेंशन की समस्या से जूझ रहे कर्मचारियों के साथ अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हुए कहा की बैंकों के निजीकरण के कारण देश की अर्थव्यवस्था अस्त व्यस्त होती जा रही है परंतु मोदी सरकार गोदी मीडिया के माध्यम से जनता का ध्यान दूसरे मुद्दों की तरफ ले जाकर जनमानस को भटकाने का कार्य करती जा रही है। ओएनजीसी बीएचएल तेल गैस जैसे नवरत्न सरकारी संस्थानों को निजी हाथों में देने से उत्तराखंड सहित पूरे भारत मे बेरोजगारी की स्थिति विकराल होती जा रही है। जो कर्मचारी उत्तराखंड में संविदा पर काम कर रहे हैं उनको माननीय न्यायालय के आदेशों के बाद भी नियमितीकरण किए जाने तथा समान कार्य का समान वेतन दिए जाने के आदेशों की उत्तराखंड सरकार अनदेखी करती जा रही है ।परिवहन निगम के संविदा ठेका कर्मचारियों को माननीय न्यायालय के आदेश के पश्चात और श्रमिक संगठनों के साथ किए गए समझौतों के बाद भी वेतन ना दिया जाना उत्तराखंड सरकार की हटधर्मी परिलक्षित होती है। इसके विरोध में कर्मचारी संगठन अनवरत आंदोलनरत हैं परंतु प्रशासन की हठधर्मिता के कारण औद्योगिक अशांति बढ़ती जा रही है । बैठक में यह भी बताया गया कि परिवहन निगम में बाह्य स्रोत के सैकड़ों कर्मचारी विभाग में संविदा पर तैनाती की बरसों से प्रतीक्षा कर रहे हैं परंतु प्रशासन इन बाह्य स्त्रोत कर्मचारियों का शोषण कर रहा है ।


मोदी सरकार ने रक्षा संस्थानों को निजी हाथों में देने की प्रक्रिया के तहत संस्थानों का निगमीकरण करना तय किया है जिसका रक्षा संस्थानों में कर्मचारी संगठनों द्वारा अनवरत विरोध किया जा रहा है ।बिजली उद्योग को निजी हाथों में दिए जाने का कर्मचारी संगठन लगातार विरोध कर रहे हैं और ऊर्जा विभाग में वर्षों से समय बद्ध वेतनमान की मांग को प्रशासन ने जानबूझकर ठंडे बस्ते में डालकर कर्मचारियों को आंदोलन के रास्ते पर धकेल दिया है । ऊर्जा विभाग के संविदा कर्मचारियों को माननीय उच्च न्यायालय के आदेश के बाद भी समान कार्य का समान वेतन नहीं दिया जा रहा है जिसके कारण संविदा कर्मचारी अपने भविष्य के प्रति चिंता ग्रस्त है ।बैठक में आंगनबाड़ी, आशा भोजन माता जैसी कार्मिक शक्ति का उत्तराखंड सरकार द्वारा अनवरत किए जा रहे शोषण के विरोध में आंदोलन करते रहने की इंटक अध्यक्ष ने आवश्यकता बताई। श्रमिक समस्याओं के कारण अनवरत हो रहे उत्पीड़न के विरोध में प्रदेश इंटक अध्यक्ष श्री हीरा सिंह बिष्ट जी के नेतृत्व में तथा देहरादून महानगर अध्यक्ष मोहन थापली जी के संचालन में दिनांक 18 जनवरी को शाम 6 बजे से कांग्रेस भवन गांधी पार्क देहरादून से घंटाघर तक कैंडल मार्च निकालने का निर्णय लिया है। इंटक के प्रदेश प्रमुख महामंत्री एपी अमोली ने देहरादून जनपद के सभी पदाधिकारियों और कर्मचारियों से इस कैंडल मार्च में अपनी महत्वपूर्ण उपस्थिति बनाकर कार्यक्रम को सफल बनाने की अपील की है।
आज की बैठक में वीरेंद्र नेगी, बीके छतवाल, घनश्याम गुरुंग, मोहन सिंह छापली, जितेंद्र कुमार, नीरज भंडारी, अनिल कुमार, बाल योगी, संतोषी, बालेश कुमार, रवि नंदन, गगन कक्कड़, देव सिंह पवार, सुधीर पवार, दीपक उनियाल, महेंद्र सिंह बुटोला, श्याम सिंह रमोला सहित विभिन्न संस्थानों के प्रमुख पदाधिकारी उपस्थित रहे।

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