देहरादून। एलीवेटेड रोड को लेकर की जा रही है जनसुनवाइयों में सत्ताधारी पार्टी के नेताओं की दखल, आम नागरिकों को बोलने से रोकने और सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ दुर्व्यवहार के खिलाफ विभिन्न जन संगठनों ने सोमवार को डीएम के नाम ज्ञापन भेजा।
डीएम कार्यालय पहुंचे जन संगठनों के दो दर्जन से ज्यादा प्रतिनिधियों ने डीएम और एडीम की गैर मौजूदगी में एसडीएम कुमकुम जोशी से मुलाकात की और उन्हें जनसुनवायों में नियमों का उल्लंघन किए जाने संबंधी शिकायत की। जन संगठनों के प्रतिनिधियों का कहना था कि एलिवेटेड रोड की जनसुनवाई में जनता को बोलने नहीं दिया जा रहा है। सत्ताधारी पार्टी के पार्षद, महिला पार्षदों के पति और विधायकों के लंबे-लंबे भाषण हो रहे हैं। जो लोग एलिवेटेड रोड के खिलाफ अपनी बात रखने का प्रयास कर रहे हैं, उन्हें जबरन बोलने से रोका जा रहा है। प्रतिनिधियों ने कहा कि 6 सितंबर को कांवली गांव में हुई जनसुनवाई में प्रभावित बस्ती वालों के साथ ही सामाजिक संगठनों के लोगों को बोलने से रोका गया। कुछ प्रतिनिधियों ने बोलने का प्रयास किया तो मंच पर मौजूद पार्षदों और विधायकों ने उन्हें धमकाया और बाहरी कहकर जनसुनवाई से बाहर जाने की धमकी दी। इस मामले में राजपुर रोड विधायक खदानदास का नाम खास तौर पर लिया गया। प्रतिनिधियों ने कहा की जनसुनवाई नियमानुसार नहीं हो रही है। किसी भी जनसुनवाई की वीडियो रिकॉर्डिंग नहीं की जा रही है, जबकि यह अनिवार्य है। जन संगठनों से जुड़े एक सदस्य का कैमरा एक महिला पार्षद द्वारा तोड़ने का प्रयास किया गया, क्योंकि वे वीडियो रिकॉर्ड कर रहे थे। प्रशासन से इस तरह की अनियमितताओं पर तुरंत रोक लगाने और जनसुनवाई में जनता का पक्ष सुनने की मांग की गई। इस मौके पर कमला पंत, चंद्रकला, जया सिंस, नंदनंदन पांडेय, त्रिलोचन भट्ट, डॉ. एसएन सचान, लताफत हसैन, प्रो. राघवेंद्र, तुषार रावत, मैहन खत्री, हरिओम पाली, पद्मा गुप्ता, विजय नैथानी, हिमांशु अरोड़ा, विमला कोली आदि मौजूद थे।