देहरादून, डॉक्टर आचार्य सुशांत राज ने बताया की दिसंबर के महीने में कई बड़े और महत्वपूर्ण त्योहार मनाए जाएंगे। इस महीने में कालभैरव जयंती, उत्पन्ना एकादशी, क्रिसमस, सूर्य ग्रहण, मोक्षदा एकादशी आदि व्रत त्योहार मनाए जाएंगे।
7 दिसंबर, कालभैरव जयंती- कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालभैरव अष्टमी के रूप में मनाई जाती है। काल भैरव बीमारी, भय, संकट और दुख को हरने वाले स्वामी माने जाते हैं।
10 दिसंबर, उत्पन्ना एकादशी- हिन्दू पंचांग के अनुसार, उत्पन्ना एकादशी का व्रत मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को किया जाता है। एकादशी का दिन भगवान विष्णु को समर्पित है।
12 दिसंबर, प्रदोष व्रत- 12 दिसंबर को को कृष्ण प्रदोष व्रत रखा जाएगा। प्रदोष व्रत भगवान शिव का आशीर्वाद पाने के लिए रखा जाता है। यह व्रत प्रति माह में दो बार (कृष्ण और शुक्ल पक्ष में) त्रयोदशी तिथि के दिन रखा जाता है।
13 दिसंबर, मासिक शिवरात्रि- हिंदू कैलेंडर के अनुसार, प्रत्येक महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है। ये दिन भगवान शिव को समर्पित होता है। इस दिन मासिक शिवरात्रि का व्रत रखा जाता है।
14 दिसंबर, मार्गशीर्ष अमावस्या- इस तिथि को अगहन और पितृ अमावस्या भी कहते हैं। इसलिए इस दिन पितरों को याद किया जाता है। खास बात ये है कि इस दिन सूर्य ग्रहण भी लग रहा है।
15 दिसंबर, धनु संक्रांति- सूर्य देव 15 दिसंबर मंगलवार के दिन धनु राशि में प्रवेश करेंगे और इस राशि में ये 14 जनवरी 2021 तक स्थित रहेंगे। सूर्य के गोचर को संक्रांति कहा जाता है।
25 दिसबंर, मोक्षदा एकादशी- मोक्षदा एकादशी का तात्पर्य है मोह का नाश करने वाली। इसलिए इसे मोक्षदा एकादशी कहा गया है। इसी दिन क्रिसमस और वैकुणड एकादशी भी मनाई जाएगी।
30 दिसंबर, मार्गशीर्ष पूर्णिमा- इस दिन स्नान, दान और तप का विशेष महत्व बताया गया है। मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन हरिद्वार, बनारस, मथुरा और प्रयागराज आदि जगहों पर श्रद्धालु पवित्र नदियों में स्नान और तप आदि करते हैं।