देहरादून 6 जून, आज रविवार को प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल समिति के तत्वाधान में सभी सहयोगी संस्थाओं द्वारा संयुक्त रुप से प्रदेश की राजधानी देहरादून स्थित शिवाजी धर्मशाला में प्रातः 11 बजे कोरोना महामारी की शांति हेतु तथा प्रदेश के व्यापारी वर्ग की आर्थिक दुर्दशा की ओर राज्य सरकार का ध्यान आकर्षित करने हेतु महायज्ञ का आयोजन किया गया जिसमें सभी व्यापारी साथियों ने एकत्र होकर शंख एवं घंटा-घड़ियाल बजाकर राज्य सरकार को व्यापारी वर्ग की पीड़ा से अवगत कराने का प्रयास किया। संस्था के प्रदेश संयोजक राजेंद्र प्रसाद गोयल ने बताया कि वर्तमान समय में कोरोना महामारी के कारण कर्फ्यू लगाए जाने से व्यापारी वर्ग की कमर टूट गई है। परंतु राज्य सरकार से कोई भी राहत अथवा आर्थिक सहायता व्यापारी वर्ग को प्रदान नहीं की गई है। व्यापारी वर्ग की अपने दैनिक खर्चे, बिजली के बिल, पानी के बिल, कर्मचारियों के वेतन, इत्यादि के कारण आर्थिक स्थिति गड़बड़ा गई है। खाद्यान्न के व्यापार को सप्ताह में दो बार सीमित समय के लिए खोले जाने के कारण भीड़ का दबाव बढ़ने से कोरोना संक्रमण के फैलने का खतरा भी हो सकता है। गढ़वाल प्रभारी विनोद गोयल ने बताया कि कोरोना की प्रथम वेव के दौरान केंद्र सरकार द्वारा कोरोना महामारी को संपूर्ण देश में राज्य सरकारों के माध्यम से एक समान गाइडलाइंस का पालन कराते हैंडल किया गया था। परंतु दूसरी वेव के दौरान राज्य सरकारों द्वारा अपनी-अपनी व्यवस्था लागू किए जाने के कारण सही प्रकार से कोरोना पर कंट्रोल नहीं हो पाया है। इस दौरान व्यापारी वर्ग ने अपने कई साथियों को अपने बीच से खोया है। जिनके परिवारों पर आर्थिक मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा है। राज्य सरकार को ऐसे व्यापारियों को चिन्हित कर उन्हें आर्थिक सहायता प्रदान की जानी चाहिए। परिवार के किसी भी व्यक्ति को कोरोना हो जाने के कारण उसको मेडिकल सहायता में भारी-भरकम बिलों का भुगतान करने के पश्चात भी जीवित बचने की संभावना बहुत कम ही रही है। दूसरी ओर व्यापार पूर्ण रूप से बंद है। इस संबंध में मुख्यमंत्री से अनुरोध किया गया था कि सभी व्यापारी वर्गों को विभिन्न श्रेणियों में विभक्त करते हुए ऑड इवन फार्मूला अपनाकर सीमित-सीमित समय के लिए खुला रखा जा सकता है। मुख्यमंत्री जी द्वारा व्यापारी वर्ग की मांगों पर उचित निर्णय लिए जाने का आश्वासन दिया गया था। परंतु मांगों पर राज्य सरकार द्वारा निर्णय नहीं लिया गया। राज्य सरकार द्वारा फ्लिपकार्ट,अमेज़न जैसी मल्टीनेशनल कंपनियों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। अतः महायज्ञ का आयोजन कर राज्य सरकार तक अपनी आवाज पहुंचाने के लिए शंख एवं घंटा-घड़ियाल का प्रयोग किया गया है। इस अवसर पर भगवान बद्री विशाल, केदार बाबा सहित देवभूमि स्थित चारों धामों के चरणों में प्रार्थना कर देश एवं प्रदेश को कोरोना से मुक्ति के लिए प्रार्थना की गई। साथ ही साथ 101 गायत्री मंत्र का उच्चारण करते हुए हवन यज्ञ में आहुति दी गई।
मुख्यमंत्री को व्यापारी वर्ग की मांग का ज्ञापन भी भेजा गया है जिसमें राज्य सरकार से मांगों पर विचार करने की अपेक्षा भी की गई है प्रमुख मांगे निम्न प्रकार हैं।
1. आवश्यक सेवाओं एवं खाद्यान्न से संबंधित थोक व परचून के प्रतिष्ठानों को दैनिक रूप से कम से कम 8 घंटे के लिए खुला रखा जाए तथा अन्य व्यापारी वर्ग के लिए अलग-अलग श्रेणियां बनाकर ऑड इवन फार्मूला अपनाते हुए सीमित-सीमित समय के लिए खुला रखा जा सकता है।
2.संपूर्ण व्यापारी वर्ग को फ्रंटलाइन वर्कर्स घोषित करते हुए वैक्सीनेशन प्राथमिकता के आधार पर किया जाए।
3.जिन व्यापारी साथियों को कोरोना काल में अपने जीवन से हाथ धोना पड़ा है। ऐसे व्यापारियों के परिवार को कम से कम 20 लाख रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान की जाए।
4.कोरना काल में लॉकडाउन अथवा कर्फ्यू रहने के कारण जिन व्यापारियों की आर्थिक स्थिति चरमरा गई है। ऐसे व्यापारियों को व्यापार संगठनों के सहयोग से चिन्हित कर आर्थिक मदद प्रदान की जाए।
5.आवश्यक सेवाओं से जुड़े हुए सभी व्यक्तियों को राज्य सरकार द्वारा कोरोना वारियर घोषित किया जाए।
6.केंद्र सरकार अथवा राज्य सरकार द्वारा लगाए गए सभी प्रकार के टैक्स अथवा रिटर्न जैसे कि इनकम टैक्स रिटर्न जीएसटी रिटर्न व टीडीएस रिटर्न इत्यादि को बिना किसी विलंब शुल्क के अगले 6 माह तक के लिए स्थगित किया जाए।
कार्यक्रम में प्रदेश महामंत्री विनय गोयल, प्रदेश कोषाध्यक्ष पुनीत मित्तल, प्रदेश संयोजक राजेंद्र प्रसाद गोयल, गढ़वाल प्रभारी विनोद गोयल, महानगर दून महामंत्री विवेक अग्रवाल, राजकुमार अरोड़ा, महावीर प्रसाद, देवेश अग्रवाल, भुवन सिंघल, मुकुल गुप्ता, अनुज गोयल, अजय गर्ग, अजय गुप्ता, मुनीश विरमानी, सुधीर अग्रवाल, राजेश सिंघल, अशोक ठाकुर, अंकित अग्रवाल, आयुष जैन, राकेश महेंद्रु , जसवंत राय गाबा , पवन सिंघल, अनुराग अग्रवाल, नरेश गोयल, कुणाल गोयल, विजेंद्र गोयल, रचित गोयल, अमित गोयल के अतिरिक्त सभी व्यापारिक संगठनों के पदाधिकारी गण उपस्थित थे।