- सैंकड़ों श्रमिकों सड़क पर उतरे, निकाली बड़ी रैली
- बैंकों की बंदी से परेशान हुए लोग, व्यापार भी हुआ प्रभावित
- डाक कर्मचारी भी हड़ताल पर रहे, धरना प्रदर्शन
देहरादून, राष्ट्रव्यापी मजदूर हड़ताल के तहत देहरादून में भी हजारों श्रमिकों ने हड़ताल रखी। बैंक और डाकघर बंद रहे। तमाम निजी और सरकारी संस्थानों पर भी ताले पड़े रहे। इससे जनजीवन पर भी असर पड़ा। बैंकों और डाकघरों के बंद रहने से लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। बीमा दफ्तरों में भी काम काज बंद रहा। आशाओं के हड़ताल में रहने से भी स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित रहीं।
वीरवार को केंद्र व प्रदेश सरकार के श्रम कानूनों को लेकर उत्तराखंड संयुक्त ट्रेड यूनियंस संघर्ष समिति के बैनर तले विभिन्न श्रमिक व कर्मचारी संगठनों के पदाधिकारी व वर्कर गांधी पार्क के गेट के सामने एकत्र हुए। यहां पर केंद्र व प्रदेश सरकारों की नीतियों को श्रमिक व किसान विरोधी बताया गया।
इंटक के प्रांतीय अध्यक्ष हीरा सिंह बिष्ट, सीटू के प्रांतीय सचिव लेखराज, एटक के प्रांतीय महामंत्री अशोक शर्मा, एक्टू के केपी चंदोला, बैंक कर्मचारियों के नेता एसएस रजवार, सीपीआई नेता समर भंडारी, सीपीएम नेता राजेंद्र सिंह नेगी, बीमा कर्मचारी संगठनों के नेता नंदलाल शर्मा, आंगनबाड़ी कार्यकत्री-सेविका यूनियंस, आशा स्वास्थ्य कार्यकत्री यूनियन, भोजन माता कामगार यूनियन, दून स्कूल कर्मचारी पंचायत से जुड़े पदाधिकारियों ने कहा कि केंद्र व प्रदेश सरकार की नीतियों के खिलाफ संघर्ष किया जाएगा। वक्ताओं ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा संसद में धींगापुश्ती से तीन श्रमिक कानूनों पर संशोधन पास किए गए जो कि गैर जनतांत्रिक हैं। इससे श्रमिकों व कामगारों को गुलामी की ओर घकेला जा रहा है। कारपोरेट को लाभ पहुंचाने के लिए तमाम फैसले लिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मोदी व त्रिवेंद्र सरकार की गलत नीतियों के कारण करोड़ों रोजगार छिन रहे हैं।
इस मौके पर मांग की गई कि श्रम कानूनों में किए गए 44 बदलावों को वापस लिया जाए। इसके बाद राजधानी में जोरदार रैली निकाली गई। इसमें सैंकड़ों की संख्या में श्रमिक शामिल हुए। लंबे समय बाद श्रमिकों की इतनी बड़ी रैली का आयोजन राजधानी में किया गया।
इस रैली में एटक के अनिल उनियाल,कृष्ण गुनियाल, भगवंत पयाल, राम सिंह भंडारी, रविंद्र नौडियाल, राकेश धरनी, जानकी चौहान, सोबन सिंह पंवार, दिनेश तोमर, मामचंद आदि मुख्य तौर पर शामिल रहे।