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Friday, November 22, 2024

नशे के बीच से निकल कर संवारी जिंदगी, युवाओं ने साझा किये अनुभव

  • बाल आयोग की पहल और खुद के प्रयास से मुख्यधारा में आये तो हर जगह मिला प्रोत्साहन
  • बाल आयोग की ओर से नशा मुक्त उत्तराखंड कार्यशाला मे युवाओं को बनाया अतिथि
  • जीवन भी बदला और आयोग ने बनाया अतिथि

देहरादून 23 फरवरी, कभी नही लगता था कि यूं जीवन बदल जायेगा। हम भी मुख्यधारा में होंगे और हमको मुख्य अतिथि बनाया जाएगा। उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग को धन्यवाद देते हुए युवाओं ने ये बात कही।
मंगलवार को सर्वे चौक के समीप स्थित आइटीडीए सभागार में बाल आयोग की ओर से नशा मुक्त उत्तराखंड विषय के उद्देश्य से एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस मौके पर युवाओं का दृष्टिकोण, समस्याएं औऱ समाधान विषय पर चर्चा भी की गई। आयोजन की खास बात ये रही कि इस मौके पर ऐसे युवाओं को अतिथि बनाया गया जो एक समय में खुद नशे के लती थे। आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी ने इन अतिथियों को सम्मान के साथ मंच दिया और इनकी सराहना की। अध्यक्ष ने कहा कि जल्द ही इन युवाओं से की किसी को आयोग नशा मुक्त उत्तराखंड का ब्रांड अम्बेसडर घोषित करेगा। अध्यक्ष ने कहा कि इन युवाओं को मंच देने, इनके साथ लंच करने का उद्देश्य यही है कि इन युवाओं से दूसरे लोग भी प्रेरणा लें कि जब ये अपने जीवन में परिवर्तन ला सकते हैं तो कोई भी ऐसा कर सकता है। मुख्य अतिथि योगेश थापा, विशिष्ठ अतिथि जितेंद्र साहनी और रंजीता ने कहा कि आज हम बेहद गौरान्वित महसूस कर रहे हैं। कार्यशाला के दूसरे सत्र में बाल गृह मंत्री कुमकुम पंत सहित अन्य बाल वक्ताओं ने चर्चा की। इससे पहले बालिका निकेतन की बालिकाओं ने स्वागत गीत गाकर अतिथियों का स्वागत किया।कार्यक्रम में आयोग की सचिव झरना कमठान, अनुसचिव रोशनी सती, कमल गुप्ता, ममता आदि उपस्थित थे। मंच संचालन निशात ने किया।

बाल आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी ने कहा कि आयोग नशे के खिलाफ बस्ती-बस्ती अभियान चलाएगा। स्कूलों में भी इसको पहुंचाया जाएगा। राखी के त्योहार तक रक्षा सूत्र बांधा जाएगा और सभी भाइयों से नशे से दूर रहने की अपील की जाएगी।

मुख्य अतिथि योगेश थापा ने बताया कि आज वे अपना काम कर रहे हैं और लाइफ में सेटल हैं। एक समय में वे नशे के लती थे। शौक में शुरू किया ये नाश हमारे नाश तक पहुंच गया था। विशिष्ठ अतिथि रंजीता ने बताया कि बिंदाल बस्ती में रहती है जहाँ बच्चा-बच्चा नशा करता है। वहां नशे की लत की वजह से कई बच्चों की मौत भी हो चुकी है। घर में भी नशे का माहौल है। इन सबके बावजूद वो इस माहौल से निकल एमए कर रही है और अधिकारी बन नशे की लत को दूर कर इसके खिलाफ लड़ना चाहती है। विशिष्ठ अतिथि जितेंद्र साहनी ने भी अपने अनुभव साझा किए। बताया कि कितनी मुश्किल से उन्होंने नशा छोड़ा। पलक गौरी, वैष्णवी भी अतिथियों में शामिल रहे। मैक संस्था के जहांगीर आलम ने बताया कि रंजीता जैसे कई युवाओं के साथ संस्था काम कर रही है। इंस्पिरेशन पीआर एन इवेंट्स को इसकी जिम्मेदारी मिली थी।

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