नई दिल्ली/ देहरादून, ठीक 2022 विधानसभा चुनाव से पहले उत्तराखंड की राजनीति में नेताओं के एक दल से दूसरे दल में लाने को लेकर खींचा-तानी जारी है। पिछले कुछ दिनों पहले ही कांग्रेस पार्टी के उत्तरकाशी जिले के पुरोला से विधायक रहे राजकुमार कांग्रेस का हाथ छोड़ कर भाजपा में वापस आ चुके हैं, पिछले 2017 के चनाव में टिकट न मिलने के कारण नाराज पुरोला से वर्तमान विधायक राजकुमार ने कांग्रेस के चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ कर जीत हासिल की थी। राजकुमार के भाजपा में शामिल होने के बाद तिलमिलाई कांग्रेस ने बदला लेते हुए, आज उत्तराखंड की राजनीति में सोमवार को बड़ा उलटफेर किया है। कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य व पुत्र संजीव आर्य दो विधायक अपने पाले में कर लिए। ज्ञात हो कि 2017 विधानसभा से पहले कांग्रेस से विद्रोह कर भाजपा में शामिल हुए थे, यशपाल आर्य को उत्तराखंड का बड़ा कद्दावर एवं राज्य के सबसे बड़ा दलित नेता माना जाता है। इसी कारण बीजेपी ने पार्टी लाइन से हट कर उनके पुत्र संजीव आर्य को भी पार्टी का उम्मीदवार बनाया था। इस बदलाव को इस बात से जोड़ा जा रहा है अभी कुछ दिन पहले पूर्व सीएम हरीश रावत द्वारा दिए गए वक्तव्य कि इस बार कांग्रेस अनुसूचित जाति के विधायक को मुख्यमंत्री पद पर ताजपोशी की बात कही गई थी।
दिल्ली में कांग्रेस पार्टी मुख्यालय में आयोजित कार्यक्रम में आज कांग्रेस महासचिव के सी वेणुगोपाल और रणदीप सिंह सुरजेवाला ने उन्हें पार्टी में शामिल कराया, कांग्रेस में शामिल होने के बाद यशपाल आर्य ने कहा कि आज का दिन मेरे लिए बहुत महत्वपूर्ण दिन है आज मैं वापस अपने परिवार में शामिल हो रहा हूं और इससे सुखद दिन और सुखद अहसास हो नहीं सकता है। यशपाल आर्य ने कहा कि इन पांच सालों में भाजपा में कभी सम्मान नहीं मिला। उनके साथ भाजपा भेदभावपूर्ण रवैया अपनाती रही। इसलिए आज उन्होंने कांग्रेस में घर वापसी की। मेरे राजनीतिक जीवन की शुरूआत कांग्रेस से हुई है और मैंने लगातार जनता के लिए कार्य करता रहा हूँ। मेरा धर्म और कर्म कांग्रेस को स्थापित करने के लिए होगा साथ ही उन्होंने कहा कि कांग्रेस ही ऐसा दल है जिसका त्याग और समर्पण का इतिहास है। कांग्रेस मजबूत होगी तो लोकतंत्र मजबूत होगा, लोकतंत्र जिंदा रहेगा। पार्टी से मुझे जो भी जिम्मेदारी मिलेगी उसका इमानदारी से निर्वहन करूंगा साथ ही दलित समाज पिछड़ा वर्ग के समाज के लिए मैं लगातार कार्य करूंगा। इस बीच यशपाल आर्य और संजीव आर्य ने कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी से भी मुलाकात की। साथ ही इस दौरान पूर्व सीएम हरीश रावत, प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल, कांग्रेस प्रदेश प्रभारी देवेन्द्र यादव , प्रीतम सिंह सहित रणदीप सुरजेवाला और अन्य नेता मौजूद रहे। हांलांकि आज कुछ और विधायकों के भी कांग्रेस में शामिल होने की खबर भी सोशल मीडिया में तैरती रही थी, फिर भी यह माना जा रहा है कि आने वाले समय में कुछ और बड़े नेता इधर-उधर जा सकते है। कुछ भी हो कांग्रेसी कार्यकर्ताओ में इस घटनाक्रम ने जोश भर दिया है।
जानकारों का मानना है कि आर्य के कांग्रेस में जाने के पीछे एक बड़ा कारण तराई के क्षेत्रों में बीजेपी का किसानों के मुद्दे पर खासा विरोध होना भी बताया जा रहा है ऐसे में बाजपुर सीट से जीतना यशपाल आर्य के लिए बीजेपी के टिकट पर मुश्किल साबित हो सकता है।