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Wednesday, November 6, 2024

मेक इन इंडिया की राह मे भारत का स्वदेशी जहाज निर्माण की दिशा में बड़ा कदम

देहरादून, पहली और दूसरी पीढ़ी के अपतटीय गश्ती जहाज (एनजीओपीवी) (पूर्व-जीआरएसई) यार्ड 3037 और 3038 का कील बिछाने का समारोह मेसर्स गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड, कोलकाता में आयोजित किया गया था। समारोह की अध्यक्षता की गई थी पश्चिम बंगाल के माननीय राज्यपाल डॉ. सीवी आनंद बोस भारतीय नौसेना और मैसर्स जीआरएसई के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ उपस्थित थे। 11 एनजीओपीवी के स्वदेशी डिजाइन और निर्माण के लिए अनुबंध 23 मार्च को रक्षा मंत्रालय और मेसर्स जीएसएल, गोवा के बीच सात जहाजों के लिए और मेसर्स जीआरएसई, कोलकाता के बीच चार जहाजों के लिए संपन्न हुए। लगभग 3000 टन टन भार वाले एनजीओपीवी की परिकल्पना तटीय रक्षा और निगरानी, ​​खोज और बचाव कार्यों, अपतटीय संपत्तियों की सुरक्षा और समुद्री डकैती विरोधी मिशनों के लिए की गई है। देश के ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘मेक इन इंडिया’ के दृष्टिकोण के अनुरूप स्वदेशी जहाज निर्माण की दिशा में भारतीय नौसेना के प्रयास में जहाजों का उलटना एक और महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।

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