देहरादून, वरिष्ठ आईएफएस अधिकारी और उत्तरप्रदेश के रिटायर्ड प्रमुख मुख्य वन संरक्षक (पीसीसीएफ) रश्मिकांत शुक्ला को पीएचडी डिग्री अवार्ड हुई है। हेमवती नंदन बहुगुणा विश्वविद्यालय से बीते दिन आनलाईन दीक्षांत समारोह में उन्हें डाक्टोरेट आफ फिलासफी से नवाजा गया। रश्मिकांत शुक्ला ने डीबीएस पीजी कालेज में प्रोफेसर रहे डा. अजय कुमार बियानी के मार्गदर्शन में जियोलाजी में पीएचडी की है। उनका टापिक बेहद रुचिकर और अनूठा है। उन्होंने जियोलाजी के सामाजिक आयाम पर शोध किया है। केजी से लेकर स्नात्तकोतर तक उनकी सारी शिक्षा दीक्षा देहरादून में ही हुई। 1975 में स्नातक की डिग्री भी उन्हें गढ़वाल विश्वविद्यालय से मिली थी। अब 45 साल बाद पीएचडी की डिग्री भी उन्हें इसी विश्वविद्यालय से प्राप्त हुई है। शोध में डा. शुक्ला का विषय था मैथडालाजी फार सोशल जियोलाजी इन जियोलाजिकल हैजेर्ड मैनेजमेंट विद स्पेशल रेफरेंस टू दून वैली आफ उत्तराखंड। इस पर उन्होंने गहन शोध किया है। रश्मिकांत शुक्ला उत्तराखंड के फ्लोरा फौना के विशेषज्ञ हैं। विभिन्न महत्वपूर्ण संस्थानों में कार्यरत रहने के बाद 1981 में वह भारतीय वन सेवा के अंग बने थे। 2015 में डा. रश्मिकांत शुक्ला प्रमुख मुख्य वन संरक्षक के तौर पर रिटायर हुए थे। उनमें ज्ञान प्राप्त करने की अशीन भूख रही है। बीएससी और एमएससी के अलावा कई विषयों में डिप्लोमा हासिल कर चुके हैं। मानव संसाधन में एमबीए, डिसास्टर मैनेजमेंट व एवायरमेंटल ला में पीजी डिप्लोमा, मास्टर्स इन सोशल वर्क भी किया।