विश्व प्रसिद्ध गंगोत्री धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद किये गये हैं। गंगोत्री धाम के कपाट शीतलकाल के लिए आज अन्नकूट के पावन पर्व पर अभिजीत पुजारी की शुभ बेला पर 11 बजे 45 मिनट पर बंद किए गए हैं। इस दौरान पूरा धाम मां गंगा के जयकारे के साथ भक्तिमय हो गया। अब 6 माह तक मां गंगा के दर्शन मुखबा गांव में होंगे।
चार धाम यात्रा 2023 यात्रा अब धीरे-धीरे शीतकाल के लिए बंद होनी शुरू हो गई है। आज गंगोत्री धाम के कपाट बंद होने के साथ ही इसकी शुरुआत हुई। कपाट बंद होने के बाद मां गंगा की उत्सव डोली अपनी संस्था मुखीमठ मुखबा के लिए रवाना हो गई है।
रात्रि निवास भैरोघाटी स्थित देवी मंदिर में होगी। कल 15 नवम्बर को भाईदूज के पर्व पर माँ गंगा की उत्सव डोली अपनी संस्था मुखबा मुखीमठ में। जहां मां गंगा का स्वागत एक बेटी की तरह गांव के द्वारा किया जाएगा। शीतकाल के छह माह तक मां गंगा की पूजा मुखबा स्थित गंगा मंदिर में होगी।
दीपावली और कपाट की सजावट के लिए गंगोत्री धाम पर फूल चढ़ाए गए। माँ गंगा के शीतकालीन पर्यवेक्षण मुखबा स्थित गंगा मंदिर में भी फूल लगाए गए हैं। इस बार यात्रा ने सारे रिकॉर्ड तोड़े। अब तक चारधाम यात्रा में 55.65 लाख भक्तों ने किए दर्शन। गंगोत्री धाम में 9 लाख से अधिक भक्तों ने किए मां गंगा के दर्शन।
2022 में गंगोत्री में 6.24 लाख यात्रियों ने किए गंगाजी के दर्शन। यमुनोत्री और देवलोक धाम के कपाट 15 नवंबर को बंद होंगे। बद्रीनाथ के कपाट 18 नवंबर को शीतकाल के लिए बंद हो जाएंगे।