देहरादून, उत्तराखंड अधिकारी-कर्मचारी-शिक्षक समन्वय समिति के बैनर तले कर्मचारियों ने सचिवालय कूच किया। गोल्डन कार्ड की विसंगतियों को दूर करने, पुरानी पेंशन बहाली समेत 18 सूत्री मांगों को लेकर राज्य के विभिन्न विभागों के कर्मचारियों ने रैली निकालकर आवाज उठाई। कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री से मिलने का समय मांगा है। उत्तराखंड अधिकारी-कर्मचारी-शिक्षक समन्वय समिति ने कहा है कि अगले 20 दिन में मांगों पर कार्रवाई नहीं की गई तो वह 26 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जायेंगे।
मंगलवार को बड़ी संख्या में कार्मिक तिब्बती मार्केट के पास एकत्रित हुए। जहां से बैनर-पोस्टर लेकर रैली की शक्ल में कार्मिकों ने सचिवालय कूच किया। सचिवालय से पहले ही सेंट जोजफ्स ऐकेडमी के पास पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर रैली को रोक दिया। जहां पर कार्मिकों ने मांगों को लेकर धरना-प्रदर्शन किया। कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए 18 सूत्री मांगों के निस्तारण की मांग की।
समन्वय समिति के प्रवक्ता प्रताप पंवार व अरुण पांडे ने बताया कि रैली के रूप में तिब्बत बाजार, लैंसडौन चौक, कनक चौक होते हुए सचिवालय के लिए कूच किया। रैली में प्रदेश के समस्त जनपदों से बड़ी संख्या में काॢमकों व शिक्षकों ने प्रतिभाग किया। काफी देर तक प्रदर्शन करने के बाद कार्मिकों ने मुख्यमंत्री के जनसंपर्क अधिकारी राजेश सेठी को ज्ञापन सौंपा। राजेश सेठी ने कार्मिकों को आश्वास्त किया कि प्रधानमंत्री के उत्तराखंड दौरे के तत्काल बाद मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में शासन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समन्वय समिति के प्रतिनिधिमंडल की वार्ता कराई जाएगी।
आज की रैली में प्रताप पंवार, अरूण पाण्डेय, सुनील कोठारी, नन्दकिशोर त्रिपाठी, शक्ति प्रसाद भटट, पंचम सिहं विष्ट, श्री पूर्णानन्द नौटियाल, दिनेश गुसाई, बी०एस०रावत, दिनेश पंत, नाजिम सिद्धकी, बनवारी सिंह रावत, अनन्तराम शर्मा, निशंक सरोही, विक्रम सिह नेगी, चौधरी ओमबीर सिहं, दीपचन्द्र बुडलाकोटी, गुडडी मटुडा, रेनू लांबा, मुकेश ध्यानी, मुकेश बहुगुणा, अजयराज, बृजमोहन बिजल्वाण, राजेन्द्र सिह रावत, सुशील बडोनी, अरविन्द विजल्वाण, ललित मोहन रावत, सुभाष देवलियाल, राकेश रावत, विकास दुमका, रामकृष्ण नौटियाल, प्रमोद कुमार सिहं, जयप्रकाश यादव, गोपाल सिहं, प्रकाश गोपाल सिंह, प्रकाश पंवार, बद्री प्रसाद, प्रताप सिहं चौहान, श्याम सिंह, महाबीर सिहं पटवाल, के०सी० शर्मा, ललित जोशी, सोहन सिहं रावत, संजय नेगी, आई०एस०एैरी, प्रदीप भटट, दिनेश पंत, बी0एन0बेलवाल, रमेश जोशी, इत्यादि कर्मचारी नेताओं ने प्रतिभाग किया।
18 सूत्री मांग
1-प्रदेश के समस्त राज्य कार्मिकों, शिक्षकों, निगम, निकाय तथा पुलिस कार्मिकों को पूर्व की भांति 10, 16 व 26 वर्ष की सेवा पर पदोन्नति न होने की दशा में पदोन्नति वेतनमान अनुमन्य किया जाये।
-2-राज्य कार्मिकों हेतु निर्धारित गोल्डन कार्ड की विसंगतियों का निराकरण करते हुये केन्द्रीय कर्मचारियों की भांति COHS की व्यवस्था प्रदेश में लागू की जाय। प्रदेश एवं प्रदेश के बाहर उच्चकोटि के समस्त अस्पतालों को अधिकृत किया जाये तथा सेवानिवृत्त कार्मिकों से निर्धारित धनराशि में 50% कटौती कम की जाये।
3- पदोन्नति हेतु पात्रता अवधि में पूर्व की भांति शिथिलीकरण की व्यवस्था बहाल की जाये।
4-प्रदेश में पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू की जाये।
5-मिनिस्टीरियल संवर्ग में कनिष्ठ सहायक के पद की शैक्षिक योग्यता इण्टरमीडिएट के स्थान पर स्नातक की जाये
तथा एक वर्षीय कम्प्यूटर ज्ञान अनिवार्य किया जाये।
6- वैयक्तिक सहायक संवर्ग में पदोन्नति के सोपान बढ़ाते हुये स्टाफिंग पैर्टन के अन्तर्गत ग्रेड वेतन रू 4800 मे वरिष्ठ वैयक्तिक अधिकारी का पद सृजित किया जाये।
7-राजकीय वाहन चालकों को ग्रेड वेतन रू 2400 इग्नोर करते हुए स्टाफिंग पैटन के अन्तर्गत ग्रेड वेतन रु 4800 तक अनुमन्य किया जाये।
8-चतुर्थ वर्गीय कर्मचारियों को भी वाहन चालकों की भांति स्टाफिंग पैर्टन लागू करते हुए ग्रेड वेतन 4200.00 तक
अनुमन्य किया जाये। 9- समस्त अभियन्त्रण विभागों में कनिष्ठ अभियन्ता (प्राविधिक) व संगणक के सेवा प्राविधान एक समान करते हुए इस विसंगति को दूर किया जाये।
10- विभिन्न विभागीय संवर्गों के वेतन विसंगति/स्टापिंग पैड के प्रकरण जो शासन स्तर पर लम्बित है, उनका शीघ्रनिस्तारण किया जाये।
11 जिन विभागों के ढांचे का पुर्नगठन / एकीकरण शासन स्तर पर किया जाना प्रस्तावित है उन विभागों के पूर्व स्वीकृत पदो में कटौती न की जाये, ताकि कार्मिकों के पदोन्नति के अवसर बाधित न हो
12- राज्य सरकार द्वारालागू एसीपी / एमएसीपी के शासनादेश में उत्पन्न विसंगति को दूर करते हुये पदोन्नति हेतु निर्धारित मापदण्डों के अनुसार सभी लेवल के कार्मिकों के लिये 10 वर्ष के स्थान पर 5 वर्ष की चरित्र पंजिका देखने तथा अति उत्तम के स्थान पर उत्तम की प्रविष्टि को ही आधार मानकर संशोधित आदेश शीघ्र जारी किया जाये। 13-जिन विभागों का पुर्नगठन अभी तक शासन स्तर पर लम्बित है उन विभागों का शीघ्र पुनर्गठन किया जाये।
14-31 दिसम्बर तथा 30 जून को सेवानिवृत्त होने वाले कार्मिकों को 6 माह की अवधि पूर्ण मानते हुये एक वेतन वृद्धि अनुमन्य कर सेवा निवृत्ति का लाभ प्रदान किया जाये।
15-स्थानान्तरण अधिनियम-2017 में उत्पन्न विसंगतियों का निराकरण किया जाये।
16-राज्य कार्मिकों की भांति निगम / निकाय कार्मिकों को भी समान रूप से समस्त लाभ प्रदान किये जाये।
17-तदर्थ रूप से नियुक्त कार्मिकों की विनियमितिकरण से पूर्वतदर्थ रूप से नियुक्ति की तिथि से सेवाओं को जोड़ते हुये वेतन / सैलेक्शन ग्रेड / ए0सी0पी0 / पेंशन आदि समस्त लाभ प्रदान किया जाये।
18 – समन्वय समिति से सम्बद्ध समस्त परिसंघों के साथ पूर्व में शासन स्तर पर हुई बैठकों में किये गये समझौते / निर्णयों के अनुरूप शीघ्र शासनादेश जारी कराया जाये।