- “केमिस्ट एसोसिएशन ने 31 दिसम्बर से की महाबन्द की घोषणा “
- दून उद्योग व्यापार मण्डल ने दिया समर्थन।
- 31 दिसम्बर को मार्च निकाल कर रिलायंस स्मार्ट का करेंगे विरोध।
देहरादून, बुद्धवार 29 दिसंबर को स्थान गीता भवन, राजा रोड पर दून उद्योग व्यापार मंडल की एक आम सभा हुई जिसमें सभी प्रकार के व्यापारियों में प्रतिभाग किया और वर्तमान में चार प्रमुख मुद्दों पर आंदोलन के लिए सहमति जताई जिसमें
1. ऑनलाइन व्यापार से व्यापारियों को हो रहे नुकसान ।
2. 1 जनवरी से जीएसटी की बढ़ी हुई प्रस्तावित दरें और
3. केमिस्ट व्यापार को उजाड़ने की MNC’s की साजिश ।
मुद्दों पर जबरदस्त आंदोलन की रूपरेखा तैयार करने पर बल दिया गया ।
बैठक में दून उद्योग व्यापार के संरक्षक व प्रन्तीय उद्योग व्यापार मण्डल के चेयरमेन अनिल गोयल ने कहा कि आज इस कैमिस्ट एशोसिएशन की समस्याऔं को गहनता से विचार किया जाएगा और दून उद्योग व्यापार मण्डल हर प्रकार से इस एशोसिएशन के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खडा है। उन्हौंने कहा कि आज यह समस्या इनकी है आने वाले कल को यह हम सभी व्यापारियौं की हो सकती है।
दून उद्योग व्यापार मण्डल के अध्यक्ष विपिन नागलिया ने कहा कि पिछले कई दिनौं से कैमिस्ट एशोसिएन के ऊपर आई इस समस्या से संबंधित पदाधिकारी परेशान थे जिसकी वजह से आज यह बड़ी बैठक आहुत करी गई है उन्हौंने कहा कि केमिस्ट व्यापारियों पर इस संकट की घडी में हम सब कैमिस्ट एशोसिएशन के साथ हैं और संबधित समस्या के निराकरण के लिए विरोध भी करना पडेगा तो करेंगे साथ ही उन्हौंने कपडे व जूते में बडे जीएसटी जोकि 5 प्रसेन्ट से बढकर 12 प्रसेन्ट हुआ है का भी विरोध करने की बात कहीं और जी0एस0टी काउन्सिल को पत्र लिखकर व राष्ट्रीय नेतृत्व से इस विषय पर बात करेंगे ऐसा भी कहा।
दून उद्योग व्यापार मण्डल के कार्यकारी अध्यक्ष सिद्धार्थ उमेश अग्रवाल ने कहा कि आज आई इस बडी समस्या पर हमें एकजूट होना होगा और कैमिस्ट एशोसिएशन के दून के पदाधिकारी अपने प्रदेश के पदाधिकारियौं को भी अन्य शहरौं में इस विकट समस्या का विरोध करें। उन्हौंने कहा कि जिस प्रकार से मल्टीनेशनल कम्पनी उपभोक्ताऔं को कम रेट का लालच देकर आकर्षित कर रही है वह बिल्कुल अनुचित व्यापार के तौर तरीके है।
दून उद्योग व्यापार मण्डल के महासचिव सुनिल मैंसोन ने कहा कि कैमिस्ट एशोसिएसन को आज की इस बैठक के माध्यम् से भरोसा दिलाया जाता है कि यह समस्या केवल उनकी नहीं है अपितु हम सबकी है और इसके समाधान हेतु जोभी रणनीति बनेगी उस पर दून उद्योग व्यापार मण्डल पुरी तरह से साथ खडा है।
ऑनलाइन व्यापार पर व्यापारियों का यह मत था कि इससे एक ओर जहां लोकल व्यापारियों का भारी नुकसान हो रहा है वहीं दूसरी ओर प्रदेश सरकार को भी इससे कोई लाभ नहीं मिल रहा है क्योंकि भेजने वाली कंपनी जिस प्रदेश में स्थित है वह उसी हिसाब से जीएसटी उस प्रदेश को अदा करती है । ग्राहक को भी ऑनलाइन व्यापार में सामान को छूकर पसंद करने का ऑप्शन नहीं मिलता जबकि लोकल व्यापारी से खरीदने पर ग्राहक सामान को छू कर भी देख सकता है और ट्राई भी कर सकता है जबकि ऑनलाइन में ऐसा करना संभव नहीं है । ऑनलाइन पोर्टल ग्राहकों को अपार वैरायटी दिखाते हैं और अलग-अलग प्रकार के प्रलोभन देकर ग्राहकों को लुभा कर माल बेच देते हैं । कुल मिलाकर व्यापारियों में यह रोष था की सरकार को कुछ ऐसा करना चाहिए जिससे ऑनलाइन व्यापार पर रोक लगे और लोकल व्यापारी को स्वरोजगार मिले और उसके साथ ही प्रदेश के लोकल लोगों को रोज रोजगार भी मिले । लोकल व्यापारी जहां प्रत्येक दुकान पर 2 से 5 लोगों को रोजगार देता है वही ऑनलाइन व्यापार प्रदेश की बेरोजगारी को दूर करने में कोई योगदान नहीं देता है अपितु ऑनलाइन व्यापार से प्रदेश में जो लोग स्वरोजगार व्यापारी के यहां काम कर रहे हैं उनकी भी नौकरी पर संकट आ गया है । अतः सरकार से यह मांग की गई कि तत्काल प्रभाव से ऑनलाइन व्यापार को बंद करने के लिए योजनाबद्ध तरीके से काम किया जाए ताकि प्रदेश के लोकल लोगों को व्यापार करने और प्रदेश वासियों को ही रोजगार प्रदान करें करने का मौका प्राप्त हो सके।
बैठक में शूज व्यापार मंडल के अध्यक्ष अशोक गर्ग ने कहा कि पहले तो हजार रुपए से कम के सामान पर जीएसटी रेट अलग था और हजार रुपए से ऊपर के सामान पर जीएसटी रेट अलग था अब चाहे कोई सामान हजार पर से कम हो या हजार पर से ज्यादा सभी पर 1 जनवरी से 12% जीएसटी करना प्रस्तावित है जो कि पहले 5 परसेंट था इस प्रकार एकदम 7% की बढ़ोतरी शिव के व्यापार पर बहुत ही नकारात्मक प्रभाव डालेगी और ग्राहक पक्का बिल लेने से बचेगा ऐसे में दुकानदार के समक्ष दो ही स्तिथि होंगी या तो वह 12% जीएसटी अपनी जेब से अदा करें और या फिर माल को कच्चे में बेचे दोनों ही परिस्थिति में नुकसान व्यापारी का ही है और जो महंगाई बढ़ेगी सो अलग।
कपड़ा व्यापार मंडल के अध्यक्ष प्रवीन जैन ने कहा कि सरकार इस प्रकार कपडे और जूते पर 5% से जीएसटी रेट को बढ़ाकर 12% करके कौन सी महंगाई कम करना चाह रही है यह समझ नहीं आ रहा है जबकि इस तरीके से तो महंगाई और बढ़ेगी और जूते और कपडे जैसी एक आवश्यक चीज आम आदमी की पहुंच से और दूर हो जाएगी जो जूता और कपड़ा पहले ₹1000 में मिलता था अब वही जूता 1120 रुपए का मिलेगा तो जो ₹120 का अतिरिक्त खर्चा पड़ेगा वह आम आदमी के बजट को ही खराब करेगा और व्यापारी की बिक्री में गिरावट आएगी सो अलग । अंततः सरकार को इससे कोई लाभ नहीं होने वाला है अपितु बिक्री घट जाने से नुकसान ही होगा और जितना GST अभी मिल रहा है वह भी घट जाएगा और व्यापारियों को भी भारी नुकसान होगा ।
केमिस्ट व्यापारियों में रिलायंस स्मार्ट और अन्य कंपनी स्टोर के खिलाफ भारी रोष
केमिस्ट व्यापारियों द्वारा रिलायंस स्मार्ट और अन्य ऑनलाईन कंपनी स्टोर के खिलाफ भारी रोष प्रकट किया गया।
बैठक में रिटेल केमिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष नवनीत मल्होत्रा और मनीष नन्दा ने बताया कि यह बड़े ऑनलाइन स्टोर डिस्काउंट का प्रलोभन देकर दवाइयां उपलब्ध करवा रहे हैं जिस कारण सभी केमिस्ट् व्यापारियों के व्यापार पर भारी संकट आ गया है । यह ऑनलाइन स्टोर लोकल व्यापारियों को खत्म करने का बीड़ा उठा रखे हैं ।
रिटेल केमिस्ट एसोसिएशन के महासचिव पंकज मित्तल ने कहा कि यदि यह ऑनलाइन कंपनी स्टोर बंद ना हुए तो सभी केमिस्ट शीघ्र ही ऐसे स्टोर पर जाकर प्रदर्शन करेंगे और उनका जमकर विरोध करेंगे ।
होलसेल केमिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री संजीव तनेजा ने बताया की एसोसिएशन द्वारा ड्रग कंट्रोलर के उच्च अधिकारियों को ज्ञापन दिया गया है और ऑनलाइन व्यापार पर तुरंत रोक लगाने की मांग की गई है ऐसा ना होने पर सभी केमिस्ट व्यापारी बड़ा आंदोलन करने और आर-पार की लड़ाई लड़ने के लिए तैयार हैं ।
होलसेल केमिस्ट एसोसिएशन के महासचिव नवीन खुराना ने बताया कि जिलाधिकारी महोदय के माध्यम से माननीय मुख्यमंत्री जी को ज्ञापन भेजा गया है जिसमे यह कहा गया है कि ऑनलाइन कंपनियों द्वारा स्थानीय व्यापारियों को उजाड़ने का काम किया जा रहा है और माँग रखी गई कि प्रदेश सरकार इस ऑनलाईन व्यापार पर तुरंत रोक लगायें ।
होलसेल केमिस्ट एसोसिएशन के महासचिव आकाश प्रभाकर ने कहा कि जहां हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री द्वारा वोकल फॉर लोकल और स्वरोजगार का नारा दिया जा रहा है वहीं इसके विपरीत दूसरी ओर स्वरोजगार वाले लोकल व्यापारियों को उजाड़ने का कुचक्र यह मल्टीनेशनल कंपनियां ऑनलाइन व्यापार के माध्यम से रच रही है जिस पर प्रदेश सरकार को संज्ञान लेते हुए इसपर तत्काल रोक लगानी चाहिए ताकि लोकल व्यापारी पनप सकें ।
बैठक के अंत में सभी व्यापारियों के ध्वनि मत से यह पारित हुआ दिनांक 31 दिसंबर 2021 दिन शुक्रवार को सभी व्यापारिक कांवली रोड पर एक निश्चित स्थान पर एकत्रित होंगे और वहां से एक विशाल व्यापारी आक्रोश रैली के रूप में जीएमएस रोड पर रिलायंस स्मार्ट पर जाएंगे और वहां पर इस दमनकारी व अनैतिक व्यापारिक नीतियों के विरोध में अपना आक्रोश प्रकट करेंगे और वहीं पर धरना देंगें ।
बन्द को सफल बनाने के लिए बनाई गई कई टीमें ।
धरना प्रदर्शन को सुचारू रूप से सफल बनाने के लिए एक टीम GMS रोड व्यापार मंडल अध्यक्ष श्री विजेंद्र थपलियाल जी और दून उद्योग व्यापार मण्डल के उपाध्यक्ष श्री आशीष नागरथ जी के नेतृत्व में बनाई गई है ।
उक्त आंदोलन के लिए दून उद्योग व्यापार मंडल की तरफ से केमिस्ट एसोसिएशन के साथ तालमेल करके आंदोलन को बड़ा स्वरूप देने के लिए कोऑर्डिनेटर श्री पीयूष मौर्या जी को बनाया गया है। शहर में बंद के प्रति जनता को जागरूक करने के लिए मुनादी कराई जाएगी जिसके लिए अलग से एक टीम और बनाई गई है ।
उक्त बैठक में मीत अग्रवाल,अनुज जैन, बृजलाल बंसल, फतेह चंद गर्ग, नरेश मित्तल, विजय कोहली, आशीष मित्तल, अखिल भाटिया, कमलेश अग्रवाल, राजेश बडोनी, देवेंद्र ढल्ला, श्रीपाल एस कुमार गुप्ता, अनुभव जैन, रितेश अग्रवाल, अशोक कुमार, गौरव बक्शी, विकास पाल, महेश अरोड़ा, पंकज नेगी, संजय जिंदल, पुनीत अग्रवाल, शैलेंद्र सिंह रावत, संजय बंसल, रवि अरोड़ा, नवीन खुराना, संजीव तनेजा, प्रशांत अरोड़ा आदि भारी संख्या में सभी अपेक्षित व्यापारीगण मौजूद रहे ।